Find the Latest Status about ब्याव from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ब्याव.
भुवनेश शर्मा
सिया के राम🌹🌹🙏 इस कोरोना ने सबकी कोराण्यो का ब्याव रोक दिया लेकिन हमारे राम जी अपनी कोराणी ले आए । जय सियाराम 🌹🌹😊 🙏🙏🙏 #सियाराम #रामायण_फिर_से_शुरू #राम
Ajay Kulsreshtha
OMG INDIA WORLD
Suman Rakesh Shah
म्हने जो मिलियो वो कोई बता नही सके मोल बिरो। कोई लगा नही सके छुपाणो चाहूं भी तो छुपा ना सकूं दिखाणो चाहूं भी तो दिखा ना सकूं छलके है जो रोम रोम सूं म्हारे कोई बटोरनो चाहकर भी बटोर ना सकयो जग से जरा अळग रीत है बीरी जाणो नही तो है बेमोळ जाण ल्यो तो है अनमोळ पायो जी म्है तो राम रतन धन पायो। । सुमन खम्मा घणी सा 🙏 आज मीरा जयंती रो अती पावण तिंवार है, मीरा बाईसा रो जन्म संवत् 1573 मांय जोधाणा रे कुड़की नामक गाँव मांय हुयो अर उनरो ब्याव उद
Rustam Ali Anjum
Ram Punjabi Punjabi
*ब्लॉग (50) 20/5/2020(बुधवार)* * *जगत में झूठी देखी प्रीत, अपने ही सुख सिउ सभ जग लागे, क्या दारा क्या मीत* *भावार्थ*: गुरबाणी हमें सचेत करती है कि ये दुनिया के रिश्ते जो परिवार और मित्रों के कारण बने हैं, वो बिल्कुल झूठे और स्वार्थ के कारण ही जुड़े होते हैं और हम इन रिश्तों के कारण अपने-आपको सौभाग्यशाली समझते हैं, इसकी मिसाल हम इस कोरोना महामारी में देख चुके हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर घरवाले, मित्र और रिश्तेदारों भी अपना पल्ला झाड़ते देखे गये, कुछ तो परिजन कोरोना से हुई मौत के कारण शव भी लेने नही गए, कुछ ने दाह संस्कार करने से भी मना कर दिया। ये हाल है झूठे रिश्तों का! इसलिए *आत्मा का परमात्मा के साथ जो रिश्ता है, वही सच्चा और पवित्र रिश्ता है, बाकी सारे जगत के रिश्ते नकली, झूठे और स्वार्थ से ओत-प्रोत हैं।* *सार*: हमारे सारे रिश्ते केवल और केवल अपने-अपने स्वार्थों के कारण ही जुड़े होते हैं, चाहे वह परिवार हो या मित्र। ये सब अपने-अपने सुखों के ख़ातिर ही हमसे जुड़े होते हैं, जबकि *असल रिश्ता तो आत्मा का परमात्मा से रिश्ता है।* राम पंजाबी, ब्यावर (9460112329) @ फेसबुक पेज #Bloom *ब्लॉग (50) * *जगत में झूठी देखी प्रीत, अपने ही सुख सिउ सभ जग लागे, क्या दारा क्या मीत* *भावार्थ*: गुरबाणी हमें सचेत कर
मुखौटा A HIDDEN FEELINGS * अंकूर *
प्रेम क्या है ? एक छलावा या एक चरित्र ? comment में जरूर बताए इश्क व प्यार एक पूर्ण चरित्र हैं जिसे आप अपने घर में अलग अलग ब्यावहार के रूप में पाते है बचपन से पर बर्बादी वहा सुरु हो जाती है जहा आप एक व्यक्ति विशेस के व्यवहार को ही प्यार समझ बैठते हैं और उम्मीदों की हद खुद तय करने लगते है और भूल जाते है जहा लोभ यानी उम्मीद जहा हद हो वहा प्रेम कहा असली प्रेम चरित्र वो हैं जो बूंद बूंद हर रिस्तो से मिलती हैं परिवार दोस्तो गुरु इत्यादि सभी से इसलिए जब प्रेम परमात्मा से भी लोग करते हैं क्या वो किसी को बर्बाद करते हैं कभी नही इसलिए छलावे वाले व्यवहार से जिस पल इंसान बहार आयेगा और विचार करेगा की एक से मिले प्रेम में बर्बाद होना सही हैं या सभी से मिले प्रेम चरित्र को पाना वो सही है ये आपको खुद समझना होगा सही क्या है प्रेम त्याग हैं जिसमे आप को पाने की चिंता नही होनी चाहिए बस उस प्रेम में मिलजाना समर्पित होना ही एक मात्र प्रेम पूर्ण चरित्र हैं जिसे आप बिना हादो में रहकर ही पा सकते है या उसमे मिल सकते है अनंत तक। ©Ankur Mishra प्रेम क्या है ? एक छलावा या एक चरित्र ? comment में जरूर बताए इश्क व प्यार एक पूर्ण चरित्र हैं जिसे आप अपने घर में अलग अलग ब्यावहार के रूप
writer Mahesh Bhadana