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Poet Maddy
बड़ी बेअदबी से बात करती हैं, तेरी यादें मुझसे आज-कल......... ऐसा लगता है कि तूने उनको, जैसे मेरे खिलाफ़ भड़काया है...... ©Poet Maddy बड़ी बेअदबी से बात करती हैं, तेरी यादें मुझसे आज-कल......... #Talk#Rudely#Memories#Today#Tomorrow#Seems#Instigate#Against..........
neerajthepoet
यूं देर तक निहारना गलत बालियों को, यों बेअदबी से बहुत चिढ़ती है बालियाँ। यूं देर तक निहारना गलत बालियों को, यों बेअदबी से बहुत चिढ़ती है बालियाँ। ©neerajthepoet #neerajthepoet #बालियाँ #earrings #झुमका #quotesabo
kunwar Surendra
छोड़ आये उस महफ़िल को बेअदबी से आज,जिसमे एक खामोश शायरा के गले से निकली खराश की आवाज़ सुन महफ़िल से वाह वाह क्या बात है यह लोगो को कहते सुना....कुँवर सुरेन्द्र छोड़ आये उस महफ़िल को बेअदबी से आज,जिसमे एक खामोश शायरा के गले से निकली खराश की आवाज़ सुन महफ़िल से वाह वाह क्या बात है यह लोगो को कहते सुना....
prakash Jha
ये दंरीदगी किस रात की है ये वहशीपन किस बात की है मेरे हाथों में जो लहू लगे है ये लहू किसी इंसानी जात की है। ©prakash Jha ये दंरीदगी किस रात की है ये वहशीपन किस बात की है मेरे हाथों में जो लहू लगे है ये लहू किसी इंसानी जात की है। आज सारा जहाँ हुआ शर्मिंदा है कि
prakash Jha
ये दंरीदगी किस रात की है ये वहशीपन किस बात की है मेरे हाथों में जो लहू लगे है ये लहू किसी इंसानी जात की है। ©prakash Jha ये दंरीदगी किस रात की है ये वहशीपन किस बात की है मेरे हाथों में जो लहू लगे है ये लहू किसी इंसानी जात की है। आज सारा जहाँ हुआ शर्मिंदा है कि
Dr Jayanti Pandey
ठूंस दो उसे जेल में ,चिल्लाता बहुत है राष्ट्र राष्ट्र की एक ही धुन गाता बहुत है देखो तो हिम्मत उसकी, पालघर पालघर करता है दो साधू ही तो थे, मार दिए गये , उनकी चर्चा कौन करता है? एक छोटे मोटे अभिनेता को राष्ट्रीय खबर बनाता है कितनी बेअदबी से साहेबों को चर्चा में ले आता हैं हमसे सीखो हर जुर्म में जाति जाति करना, पहले धर्म देखना, फिर रूदाली प्रलाप करना। तुम्हें क्या लगा, तुम्हारे शोर से यहां सब जग जाएंगे? लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की गिनती में तुमको भी लाएंगे तुम राष्ट्र की, हिन्दू की, साधू की बात करते हो, तुम को अपनी बिरादरी में वो शामिल नहीं कर पाएंगे। (कृपया पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) ठूंस दो उसे जेल में ,चिल्लाता बहुत है राष्ट्र राष्ट्र की एक ही धुन गाता बहुत है देखो तो हिम्मत उसकी, पालघर पालघर करता है दो साधू ही तो थे, म
साहस
ये जो मेरे हथेलियों में इश्क के खून का इल्जाम लगा है। ये आदमी के नहीं किसी रूह के छीटें बदन पर दिखे है।। ये दंरीदगी किस रात की है ये हवसिपन किस बात की है मेरे हाथों में जो लहू लगे है ये लहू किसी इंसानी जात की है। आज सारा जहाँ हुआ शर्मिंदा है कि
Qazi Azmat Kamal
अदब सीखने से पहले सीख लो क्या क्या बेअदबी है। घर पे जांघिया और बनियान से रहना भी एक बेअदबी है।। ✍️क़ाज़ी अज़मत कमाल #बेअदबी
सिद्धार्थ गौतम
गलतफहमी का लहज़ा है, तेरे इतबार के बस में बेशक्ल ही मिज़ाज़ है, मेरे इख्तियार के बस में। #बेअदबी