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imVeerSah
KM Jaya
KM Jaya
"हैं आँख वो तिरंगे का दर्शन करे़ं, है शीश वो जो तेरा ही वंदन करें, तू यू़ंही सदा फहराता रहे गगन में , है यही आशा हम सभी के दिल में, " जय हिंद, जय भारत🇮🇳🇮🇳 —के.एम. जया स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 "हैं आँख वो तिरंगे का दर्शन करे़ं, है शीश वो जो तेरा ही वंदन करें, तू यू़ं
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Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat धुआं धुआं सा इश्क हवन के कुंड में बसम सा इश्क़ सूरज के उजाले में परछाई सा ये इश्क़ उदय सा होता फिर डूबता ये इश्क़ कर्तव्य की भूमि में परचम फहराता ये इश्क़ फरिश्तों में तिष्णागी सा फैलाता ये इश्क़ गुनगुने को आवाज़ में बदल देता है इश्क़ इतिहास के पन्नों पर रेत सा बिछ जाता है इश्क़ तिलस्मी दुनियां में सम्मान सा करवाता है इश्क़ Challenge-146 #collabwithकोराकाग़ज़ 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) #धुआँधुआँसाइश्क़ #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Coll
Rekha Pandey
socha unhone... caption me puri pdhiye, pulwana attack ke bad ek sandesh aatnkiyo ke liye.. सोचा उन्होंने हमें मार गिराएं बहा कर नदियां खून की बदले की आग बुझाएं किसे समझाऊं नफरत का कोई अंजाम नहीं आतंक की जो भाषा बोले वो जानवर भी नह
Anil Siwach
Ashish Panwar
क्यों जिंदगी इम्तिहान लेती है शायद इसलिए कि इंसान मजबूत हो जाए निडर हो जाएं अपने आप काम के प्रति अपने सपनों के प्रति अपनी भावनाओं के प्रति इंसान की भावनाएं ही इंसान का सपना सच होगा या नहीं तय करती इंसान जितना चाहे अपनी भावनाओं से कभी ऊपर नहीं उठ पाता है भावनाएं जो इंसान को कमजोर बनाती है जो इंसान को दुखी करती है जो इंसान को हंसाती है जो इंसान को रुलाती है भावनाएं धारणाओं से बनती है जो भी धारणा इंसान किसी भी वस्तु किसी भी परिस्थिति किसी भी इंसान के प्रति बनाता है वही उसकी भावनाएं हो जाती है इंसान अपनी भावनाएं अपने हिसाब से नहीं बनाते हैं दूसरों को देखते हैं दूसरे क्या की क्या भावनाएं हैं इंसान अपने आप को कभी नहीं देखता इंसान अपने आपको दूसरों से कमजोर मानता है और महसूस भी करता है वह अपने आप को समझ ही नहीं पाता है कि वह वो सेर हैं जो जंगल का राजा है और वह हर मैं सपना सच कर सकता है जो उसने अपने लिए दिखा हे मन कभी घबराता है मन कभी इतराता है मन कभी कुछ लिख जाता है आशीष पवार