Find the Latest Status about जॉगिंग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जॉगिंग.
Vishal Vaid
लगा दो आग जंगल में,ख़बर झूठी सुना कर तुम बताना शेर को जंगल हरा अच्छा नहीं लगता कभी कहती थी शोना तुम,कभी बाबू बुलाती थी मगर क्यों अब ये कहती हो,मुआ अच्छा नहीं लगता उसे चाहो जियादा खुद से लेकिन याद रखना तुम कहो इंसान को तुम देवता अच्छा नहीं लगता चला आता हूं जोगिंग पे,तेरा दीदार करने को वगरना छह बजे उठना ज़रा अच्छा नही लगता लगे करने तरफ़दारी बुझे दीपक हवाओं की थके हारों को मेरा हौसला अच्छा नहीं लगता लगे जब बे-तकल्लुफ़ बात होने तो समझ लो तुम कभी माफ़ी कभी फिर शुक्रिया अच्छा नही लगता कुछ पुराने शेर के साथ कुछ ताज़ा शेर अर्ज़ है, कोई गलती हो ज़रूर बताएं। #yqdidi #yqbaba #bestyqhindiquotes #विशालवैद #vishalvaid #शोना #बेटी
अज्ञात
पेज -13 अगले दिन जब सुबह हमारी जॉन जॉनी की जोड़ी मॉर्निंग वॉक पर निकली तो लौटते समय अचानक विशाल जी की नज़र उनके आगे रन-अप करते एक सज्जन पर पड़ी.. अब विशाल जी तो अधिकवक्ता थे..चलते फिरते अपने आगे जॉगिंग करने वाले सज्जन से कहा-राधे राधे श्रीमान.. ये सुनते ही उन महाशय ने तत्काल जबाब दिया राधे राधे विशाल जी.. ये सुनते ही वकील साहब के ज्ञानेन्द्रियाँ सक्रिय हो उठी फौरन पलटवार हुआ-अरे वाह श्रीमान जी आपको हमारा नाम कैसे पता..! सज्जन ने कहा- बस, ये सब नोजोटो का कमाल है.. ! विशाल जी ने आश्चर्य से पूछ लिया -ओह्हो मतलब आप भी नोजोटो में ....?? अभी वाक्य पूरा भी नहीं हो पाया था कि सज्जन ने हाजिर जबाब पेश किया- "जी विशाल साहब थोड़ा बहुत कभी कभार बस शौक़ से यूँ ही जब मन किया तो बाकी हम कहां मगर दिल है कि मानता नहीं तो बस... विशाल साहब के दिमाग में विस्फोट से होने लगे.. बाबा रे ये कौन धुरंधर हैं..! इतने में ही नौसाद साहब ने टोंक दिया- बज गई घंटी.. मना करता हूं... कहीं भी स्टेशन मत फसाया करो.. ! विशाल जी-अमा मियां यार जॉनी.. जस्ट चिल्ल्ल..! नौसाद जी-घुइयां चिल...उन्होंने क्या कहा समझ आया.. ! विशाल जी-तो इसमें क्या है उन्हीं से समझ लेते हैं..! ऐं श्रीमान जी आप यहीं कहीं रहते हैं..! सज्जन ने तत्काल जबाब दिया बस आपसे अधिक दूर नहीं हैं..! नौसाद साहब-तुम्हारी सारी वकालत यहीं खत्म ना हो जाये बचाये रखो.. जॉन..! विशाल जी- कैसे जॉनी हो यार तुम मामला गड़बड़ है..! नौसाद जी-गड़बड़ नहीं बड़बड़ है... तुम्हारी.. चलो आगे उनसे..! वरना यहीं सुबह से शाम की वॉक करनी पड़ेगी.. विशाल जी-श्रीमान ये मेरे प्रिय मित्र नौसाद साहब हैं मैं इन्हें प्यार से जॉनी और ये मुझे प्यार से जॉन बुलाते हैं.. सज्जन ने कहा-बहुत अच्छी बात है अब कल मिलते हैं सामने मेरा घर आने वाला है..! नौसाद जी-एक और गुगली...! विशाल जी-ऐं.. जी आपका घर..! यहाँ..! सज्जन ने कहा-जी मैं यहीं शिफ्ट हुआ हूं.. तकरीबन एक सप्ताह पहले.. ! विशाल जी-मगर यहाँ तो हम लोग रह.. मेरा मतलब हमारा घररररर.. क्या आप भी रत्नाकर.. ! सज्जन-जी हाँ विशाल जी..! विशाल जी- ओह्हो हो हो... क्या हम आपका शुभ नाम.. सज्जन-जी मेरा नाम यशपाल सिंह है नोजोटो में आप मुझे पढ़ सकते हैं...! विशाल जी-अच्छा... अच्छा.. वाह वाह... आपका नाम तो सुन रख्खा है.. आपकी पोस्ट भी देखी पढ़ी हैं... पर आप इस तरह यहाँ दर्शन देंगे. 🤔... यशपाल जी- जी चलिए घर में एक एक कप चाय हो जाये..! नौसादजी - चाय... थैंक गॉड... शुभस्य शीघ्रं..! विशालजी-वाह बच्चू.. चाय में यार की चाह भूल गये..! नौसाद जी-अरे अब आओ भी मुझसे ज्यादा तलब तो तुम्हें लगी थी.. दो तीन चाय ठेले जॉगिंग के समय जो निकले फलाँग तक तो उन्हें ही पलट कर देखते रहे.! विशाल जी-अब तुम ना जानोगे तो कौन जानेगा भई जॉनी..! [और तीनों चाय का लुफ़्त उठाते हैं कुछ देर बाद जॉन जॉनी अपने घर को चले जाते हैं..!] पेज-14 ©R. Kumar #रत्नाकर कालोनी पेज -13 अगले दिन जब सुबह हमारी जॉन जॉनी की जोड़ी मॉर्निंग वॉक पर निकली तो लौटते समय अचानक विशाल जी की नज़र उनके आगे रन-अप करत
Arsh
मेरी यह रचना उस चिट्ठी को समर्पित है जो मुझे यहीं इस #NOJOTO पर एक पोस्ट के रूप में दिखी थी। मुझे उस चिट्ठी के भाव इतने पसंद आएं कि बस उसचिट्ठी के शब्दों को आप तक पहुँचाने के लिए अपनी कल्पना से गुलमोहर की रचना कर पाया। कहानी में आगे आपको वह चिट्ठी हूबहू पढ़ने को मिल जाएगी। मेरी इस कहानी को आप कैप्शन में पढ़ सकते हैं उम्मीद है आपको पसंद आएगी जब भी इस पार्क में टहलने आता हूँ, चमककर वो चेतन चेहरा सामने आ हीं जाता है। उसे यहीं.. इसी पार्क में जॉगिंग करते देखा करता था। नव्या थी, उम्र