Find the Latest Status about मृत्यु की सूचना from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, मृत्यु की सूचना.
N S Yadav GoldMine
{Bolo Ji Radhey Radhey} आखिर क्यों हंसने लगा मेघनाद का कटा सिर :- महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित हिंदू धर्मग्रंथ ‘रामायण’ में उल्लेख मिलता है कि रावण के बेटे का नाम मेघनाद था। उसका एक नाम इंद्रजीत भी था। दोनों नाम उसकी बहादुरी के लिए दिए गए थे। दरअसल मेघनाद, इंद्र पर जीत हासिल करने के बाद इंद्रजीत कहलाया। और मेघनाद, का मेघनाद नाम मेघों की आड़ में युद्ध करने के कारण पड़ा। वह एक वीर राक्षस योद्धा था। मेघनाद, श्रीराम और लक्ष्मण को मारना चाहता था। एक युद्ध के दौरान उसने सारे प्रयत्न किए लेकिन वह विफल रहा। इसी युद्ध में लक्ष्मण के घातक बाणों से मेघनाद मारा गया। लक्ष्मण जी ने मेघनाद का सिर उसके शरीर से अलग कर दिया। उसका सिर श्रीराम के आगे रखा गया। उसे वानर और रीछ देखने लगे। तब श्रीराम ने कहा, ‘इसके सिर को संभाल कर रखो। दरअसल, श्रीराम मेघनाद की मृत्यु की सूचना मेघनाद की पत्नी सुलोचना को देना चाहते थे। उन्होंने मेघनाद की एक भुजा को, बाण के द्वारा मेघनाद के महल में पहुंचा दिया। वह भुजा जब मेघनाद की पत्नी सुलोचना ने देखी तो उसे विश्वास नहीं हुआ कि उसके पति की मृत्यु हो चुकी है। उसने भुजा से कहा अगर तुम वास्तव में मेघनाद की भुजा हो तो मेरी दुविधा को लिखकर दूर करो। सुलोचना का इतना कहते ही भुजा हरकत करने लगी, तब एक सेविका ने उस भुजा को खड़िया लाकर हाथ में रख दी। उस कटे हुए हाथ ने आंगन में लक्ष्मण जी के प्रशंसा के शब्द लिख दिए। अब सुलोचना को विश्वास हो गया कि युद्ध में उसका पति मारा गया है। सुलोचना इस समाचार को सुनकर रोने लगीं। फिर वह रथ में बैठकर रावण से मिलने चल पड़ी। रावण को सुलोचना ने, मेघनाद का कटा हुआ हाथ दिखाया और अपने पति का सिर मांगा। सुलोचना रावण से बोली कि अब में एक पल भी जीवित नहीं रहना चाहती में पति के साथ ही सती होना चाहती हूं। तब रावण ने कहा, ‘पुत्री चार घड़ी प्रतिक्षा करो में मेघनाद का सिर शत्रु के सिर के साथ लेकर आता हूं। लेकिन सुलोचना को रावण की बात पर विश्वास नहीं हुआ। तब सुलोचना मंदोदरी के पास गई। तब मंदोदरी ने कहा तुम राम के पास जाओ, वह बहुत दयालु हैं’। सुलोचना जब राम के पास पहुंची तो उसका परिचय विभीषण ने करवाया। सुलोचना ने राम से कहा, ‘हे राम में आपकी शरण में आई हूं। मेरे पति का सिर मुझे लौटा दें ताकि में सती हो सकूं। राम सुलोचना की दशा देखकर दुखी हो गए। उन्होंने कहा कि मैं तुम्हारे पति को अभी जीवित कर देता हूं’। इस बीच उसने अपनी आप-बीती भी सुनाई। सुलोचना ने कहा कि, ‘मैं नहीं चाहती कि मेरे पति जीवित होकर संसार के कष्टों को भोगें। मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि आपके दर्शन हो गए। मेरा जन्म सार्थक हो गया। अब जीवित रहने की कोई इच्छा नहीं’। राम के कहने पर सुग्रीव मेघनाद का सिर ले आए। लेकिन उनके मन में यह आशंका थी कि कि मेघनाद के कटे हाथ ने लक्ष्मण का गुणगान कैसे किया। सुग्रीव से रहा नहीं गया और उन्होंने कहा में सुलोचना की बात को तभी सच मानूंगा जब यह नरमुंड हंसेगा। सुलोचना के सतीत्व की यह बहुत बड़ी परीक्षा थी। उसने कटे हुए सिर से कहा, ‘हे स्वामी! ज्लदी हंसिए, वरना आपके हाथ ने जो लिखा है, उसे ये सब सत्य नहीं मानेंगे। इतना सुनते ही मेघनाद का कटा सिर जोर-जोर से हंसने लगा। इस तरह सुलोचना अपने पति की कटा हुए सिर लेकर चली गईं’। ©N S Yadav GoldMine #Colors {Bolo Ji Radhey Radhey} आखिर क्यों हंसने लगा मेघनाद का कटा सिर :- महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित हिंदू धर्मग्रंथ ‘रामायण’ में उल्लेख मि
Kulbhushan Arora
प्यार की खुशबू...— % & PET scan की रिपोर्ट आ गई है, मन में खुशी के आंसू हैं...इस कमबख्त कैंसर को दूसरी बार हारा देने के बाद मन को थोड़ी राहत मिली है। समस्याएं तो
DR. LAVKESH GANDHI
कितने बरस बीत गये न वो आए न खत आया आज आयी तो उनके वापस आने की सूचना आयी #सूचना # #सूचना वापस आने की # #yqentjar #yqkhushi #
Parasram Arora
दूसरे की मृत्यु.....? इसमें भी लाभ की कई बाते हैँ एक तो ये कि दूसरा मरा हैँ यधपि तुम भी मर सकते थे लेकिन तुम मरे नहीं दूसरी बात लाभ की ये रही कि ये घटना दूसरे पर घटी हैँ तुम पर नहीं और सांत्वना की जरूरत भी दूसरों को ही . पड रही तुम्हे नहीं क्योंकि दूसरा मर चुका हैँ . लेकिन तुम मरे नहीं दूसरे की मृत्यु........
Bachan Manikpuri
परमेश्वर को जानने के बाद कभी पाप न करें । सत्य को जानने के बाद पाप की ओर जाने की सजा मृत्यु है। ©Bachan Manikpuri पाप की सजा मृत्यु है
Raj Sen thakur ji
करम है अपना बाकी जग सपना कर्म करो मेरे यार हरि जी करेंगे तो मैं प्यार जय श्री राम जय श्री राम जय श्रीराम जय श्रीराम राम राम ©Raj Senthakhur जीवन की सच्चाई मृत्यु है
paramhans Prabhat ji
" सूचना" प्रभात टीचिंग सेंटर Ghorasahan मे पढ़ने वाले सभी छात्र-छात्राओ को सुचित किया जाता हैं कि कोरोना Varus को लेकर मार्च और अप्रैल का monthly Fee सभी छात्र व छात्राओ से नही लिया जाएगा । संचालक:- परमहंस कुमार उर्फ प्रभात् जी मो-7903200367 सूचना