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Experiment Solution
Aarv;
मुझे लगता है लड़कियो को भी अपने हक़ के लिए आवाज उठाना चाहिए ! जब दारू की दुकान खुल गई तो पानी पुरी का दुकान भी ख़ुल जाना चाहिए ! 😜😜😜 #साला हद है... 😂😂... पर यॉर ये गलत है... दारू पीके सब घर मे... घरेलू हिंसा बढ़ सकती है यॉर.... सरकार ये क्या कर रही है 😫😫😫
ROHAN KUMAR SINGH
#लॉक_डाउन के टाइम #रानी_मुखर्जी काँखी में मोबाइल दबाये, #हाथ में पता नहीं क्या कर रही है 🤔🤔??? 🤣🤣🤣 guriya kumari Annu Sha
A RI F
Shakir Mansuri
Meenakshi Sethi
आज अलमारी खोली तो गरम कपड़ों की गर्माहट से टकराकर पिघल कर फिसलती हुई, कई साल पीछे जा पहुँची बचपन में तब यह काम माँ किया करती थी। सर्दी आते ही गरम कपड़े निकाल, धूप दिखा देती थी और मैं हैरान खड़ी सोचा करती थी माँ आखिर यह क्या कर रही है? गरम कपड़ों को और गरम कर रही है? पूछने पर माँ मुस्कुरा देती थी मेरी मासूमियत पर हँस देती थी फिर समझा कर कहती, बहुत समय तक बंद चीज़ों को धूप दिखानी पड़ती है नहीं तो वो पड़े पड़े सड़ गल जाती हैं उन दिनों माँ की बात समझ नहीं पाती थी आज जब हर तरफ कई समय से बंद पड़े धीरे-धीरे सड़ते गलते रिश्तों को देखती हूँ तब अहसास होता है काश कोई इन रिश्तों को भी धूप दिखाने वाला होता, शायद ये यूँ खराब न होते और इनकी गर्माहट ठंडे पड़े अहसासों को गरम कर पाती रिश्तों में जमी बर्फ पिघल जाती काश ज़िदंगी मेरी माँ जितनी ही समझदार होती... -Copywrite 2019 Meenakshi Sethi, Wings Of Poetry आज अलमारी खोली तो गरम कपड़ों की गर्माहट से टकराकर पिघल कर फिसलती हुई, कई साल पीछे जा पहुँची बचपन में तब यह काम माँ किया करती थी। सर्दी आत
Sandeep Rajput
रास्ते फिर निकलने लगे बहनों, बेटियों को कौन से दरिंदे खड़े हैं रास्तों पर क्या कर रही है सरकार कहां है कानून वही कानून जो बिक जाति हैं रास्तों पर read caption for full poem रास्ते फिर निकलने लगे बहनों, बेटियों को कौन से दरिंदे खड़े हैं रास्तों पर क्या कर रही है सरकार कहां है कानून वही कानून जो बिक जाते हैं रास
Shweta Sharma
Happy Republic Day 🙏 शीर्षक - ये कैसा सम्मान? "अरे! सुहानी तू ये क्या कर रही है, ये कूड़ा तू क्यों उठा रही है, कल काम वाली आंटी खुद साफ कर देंगी।"सुहानी की दोस्त मिश्री ने कहा "कोई नहीं यार, मैं कर लूंगी; तू घर जा, आराम कर।"सुहानी ने थोड़े गुस्से में कहा अनुशीर्षक में पढ़े🙏👍 ©Shweta Sharma Happy Republic Day 🙏👍 #Nojoto #happyrepublicday #RepublicDay #story #hindistory #Motivational
Anil Ray
नज़र की नज़रों का नज़राना था नज़ारे बदल गये 'वों नज़र' कातिल निकली इन आँखों के इशारे बदल गये.. नज़र ही नज़र में हसीं आशियाना बन गया दिल मेरा पाक उस नज़र से मोहब्बत है जिंदगी में सहारे बदल गये.. ©Anil Ray 👁️👁️👁️✨वों नज़र - क्वालिटी✨👁️👁️👁️ एक रोज लड़की वाले आए और रिश्ते की बात करने लगे। "भाई साहब! फोटो तो बहुत अच्छी लगी। अगर लड़का भी देख लेते
N S Yadav GoldMine
क्यों पिया श्री कृष्ण ने राधा के पैरों का चरणामृत :- चरणामृत से सम्बन्धित एक पौराणिक गाथा काफी प्रसिद्ध है जो हमें श्रीकृष्ण एवं राधाजी के अटूट प्रेम की याद दिलाती है। कहते हैं कि एक बार नंदलाल काफी बीमार पड़ गए। कोई दवा या जड़ी-बूटी उन पर बेअसर साबित हो रही थी। तभी श्रीकृष्ण ने स्वयं ही गोपियों से एक ऐसा उपाय करने को कहा जिसे सुन गोपियां दुविधा में पड़ गईं। {Bolo Ji Radhey Radhey} दरअसल श्रीकृष्ण ने गोपियों से उन्हें चरणामृत पिलाने को कहा। उनका मानना था कि उनके परम भक्त या फिर जो उनसे अति प्रेम करता है तथा उनकी चिंता करता है यदि उसके पांव को धोने के लिए इस्तेमाल हुए जल को वे ग्रहण कर लें तो वे निश्चित ही ठीक हो जाएंगे। लेकिन दूसरी ओर गोपियां और भी चिंता में पड़ गईं। श्रीकृष्ण उन सभी गोपियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण थे, वे सभी उनकी परम भक्त थीं लेकिन उन्हें इस उपाय के निष्फल होने की चिंता सता रही थी। उनके मन में बार-बार यह आ रहा था कि यदि उनमें से किसी एक गोपी ने अपने पांव के इस्तेमाल से चरणामृत बना लिया और कृष्णजी को पीने के लिए दिया तो वह परम भक्त का कार्य तो कर देगी। परन्तु किन्हीं कारणों से कान्हा ठीक ना हुए तो उसे नर्क भोगना पड़ेगा। अब सभी गोपियां व्याकुल होकर श्रीकृष्ण की ओर ताक रहीं थी और किसी अन्य उपाय के बारे में सोच ही रहीं थी कि वहां कृष्ण की प्रिय राधा आ गईं। अपने कृष्ण को इस हालत में देख के राधा के तो जैसे प्राण ही निकल गए हों। जब गोपियों ने कृष्ण द्वारा बताया गया उपाय राधा को बताया तो राधा ने एक क्षण भी व्यर्थ करना उचित ना समझा और जल्द ही स्वयं के पांव धोकर चरणामृत तैयार कर श्रीकृष्ण को पिलाने के लिए आगे बढ़ी। राधा जानतीं थी कि वे क्या कर रही हैं। जो बात अन्य गोपियों के लिए भय का कारण थी ठीक वही भय राधा को भी मन में था लेकिन कृष्ण को वापस स्वस्थ करने के लिए वह नर्क में चले जाने को भी तैयार थीं। आखिरकार कान्हा ने चरणामृत ग्रहण किया और देखते ही देखते वे ठीक हो गए। क्योंकि वह राधा ही थीं जिनके प्यार एवं सच्ची निष्ठा से कृष्णजी तुरंत स्वस्थ हो गए। अपने कृष्ण को निरोग देखने के लिए राधाजी ने एक बार भी स्वयं के भविष्य की चिंता ना की और वही किया जो उनका धर्म था। ©N S Yadav GoldMine क्यों पिया श्री कृष्ण ने राधा के पैरों का चरणामृत :- चरणामृत से सम्बन्धित एक पौराणिक गाथा काफी प्रसिद्ध है जो हमें श्रीकृष्ण एवं राधाजी के अ