Nojoto: Largest Storytelling Platform

New लाशों का महल Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about लाशों का महल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, लाशों का महल.

    PopularLatestVideo

SHAILESH TIWARI

लाशों का मौसम #covidindia

read more
आलम कुछ ऐसा है 
की रहमते चाहता हूं
हर दिल में है दहशत 
कुछ सुकून चाहता हूं
लाशों का मौसम 
हर तरफ देखता हूं
इस मौसम का अब मैं 
अंत चाहता हूं....

©SHAILESH TIWARI लाशों का मौसम
#covidindia

Aakansha Gupta

लाशों का अंबार #कोरोनामहामारी #RitualsSpeech

read more
mute video

Vivek Kumawat

प्यार का महल

read more
मसला यह नहीं है कि वह रूठी है

मसला यह है कि वह झूठी है

मुझे मोहब्बत के महल दिखा कर

 कहती है इस महल में रहने की तेरी

 औकात नहीं है
                       to be continue... प्यार का महल

Nirma Dhudiya

#बदुआ का #महल

read more
कहते है कि जब जुड़ा है नया (जीवनसाथी) कोई आपसे
तो
 पुराने ने जगह खोयी
घर छोड़ा, रिश्ता छोड़ा,
यहाँ तक अपना अंश छोड़ा
---------------
ओ रब्बा मेरे मुझे ऐसा वक्त न दिखलाना
 मैं बन न जाऊ किसी की बदुआ का महल
                              8-sister #बदुआ का #महल

Mohan Sardarshahari

महल सपनों ‌का #ज़िन्दगी

read more
जीना उम्मीदों का
संग्रह यादों का
साथ दुआओं का
हाथ अपनों का
यही है महल सपनों का।।

©Mohan Sardarshahari महल सपनों ‌का

Parasram Arora

दर्पण का महल......

read more
यह  दर्पण का  महल  कि
इसमें
सब प्रतिबिम्ब  तुम्हारे है
भ्रम  क़े  इस परदे.. मे
तुमने
न जाने
कितने  रहस्य   सँवारे  है

©Parasram Arora दर्पण का महल......

राहुल जाटू

तन्हाई का महल

read more
mute video

Parveen Kalyan

सपनों का महल #ज़िन्दगी

read more
mute video

DR. LAVKESH GANDHI

# शीश महल# # आम आदमी का शीश महल #

read more
सत्ता का शीशमहल

 कब आम से खास बन गए
जनता के वोटों से चुनाव जीत कर आए थे
अब तो खुद के सम्राट बन गए
खुद के लिए बना ली द्वारिकाधीश-सा महल
तोड़ रहे जनता की झुग्गी-झोपड़ी
 रिनोवेशन के नाम पर लूट लिए जनता के 45 करोड़
 फिर भी बने हुए हैं आम आदमी के सिपहसालार

©DR. LAVKESH GANDHI # शीश महल#
# आम आदमी का शीश महल #

pramod malakar

#लाशों का अभी तो झांकी है। #कविता

read more
लाशों का अभी तो झांकी है
+++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++
तूफान उठना  अभी  बांकी है , लाशों का अभी  तो झांकी है ।
धधक  रही  है धरती सारी , मानवता  का  जलता  राखी है ।।
पहाड़  खड़ा  है अधर्म का आगे , धर्म का बुझ  रहा  बाती है ।
इतिहास  पुराना   देखो  तुम , हर  एक का अपना  साथी है ।।
दुख के  दरिया  में डूब रहे हो , बवंडर उठना  अभी  बाकी है ।
मौज में धरा पर  उछल रहे हो , मंद बयार का  अभी बेला है ।
कश्मीर से  कन्याकुमारी तक , जिहादी जमात  का रेला है ।
हर तरफ  है धुआं धुआं , हर इंसान  अभी अकेला है ।।
खौफनाक वक्त है आने वाला , हो रहा अंधेरा है ।
दिक्कत   नहीं  हमें  खून  के   दरिया  से ,
मौत के आगोश में हिंदुओं का मेला है ।
ख्वाहिशें हजार है अंतिम वक्त में ,
जल रहा  है उमंग  भी  और वेदना  अकेला है ।
मूर्खों का शिकार अभी बाकी है ,
दर्द जो मिल रहा जलवा शायद नहीं काफी है ।
तूफान उठना अभी बाकी है , लाशों का अभी तो झांकी है ।।
++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++
प्रमोद मालाकार की कलम से

©pramod malakar #लाशों का अभी तो झांकी है।
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile