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Srivastava Rajti

परिक्रमा #समाज

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Archana g

गोवर्धन परिक्रमा #समाज

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Parasram Arora

दर्द की परिक्रमा #कविता

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मन की  गहराई की थाह पाना  उतना ही कठिन है
जितना समुन्दर से मोती  निकाल लेना  सरल है

दर्द के इर्द गिर्द परिक्रमा करते  हुए जीवन बीत रहा है
लेकिन ये कवायद आदमी क़ो माजने के लिये कितनी अनुकूल है

कभी कभी अनकही विवशताये  अंतरतम क़ो छलनी कर देती है
फिर भी  आदमी  सह लेता है क्योंकि  उसका धरातल ही उसका सम्बल है

जीबन की दुविधाओं क़ो शतुरमुर्ग की  तरह रेत में गर्दन धंसा  कर  झुठलाया नही जा सकता
कभी कभी  दर्द  भी  दवा बन कर रुग्ण  काया क़ो
निर्मल  कर देता है

©Parasram Arora दर्द की  परिक्रमा

Parasram Arora

काव्य की परिक्रमा #कविता

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निमंत्रण और  आग्रह भरी उन  नज़रो की
उपेक्षा  करना मेरे बस मे नही था
और आज इसीलिए जिंदगी मे मस्ती और मदहोशी
का आलम है 
भरोसे और प्रेम का गुदगुदाता हुआ  वो प्रीत  का मंत्र
जीवन मे सुरम्य  छंदो  की बोँछार  कर गया है
तभी  ये  जिंदगी  काव्य
की परिक्रमा  करते करते
कविता  बनने लगी है

©Parasram Arora काव्य की परिक्रमा

visvjeet pandey

दूध धाम का परिक्रमा #erotica

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Sanu Chauhan Spn

गम को Delete करो खुशी को save करो दोस्ती को Download करो....... #शायरी

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गम को Delete करो खुशी को Save करो
दोस्ती को Download करो प्यार को Incoming करो
नफरत को OutGoing करो हंसी को Hold करो
और अपनी मुस्कान को Send करो
❤️❤️ सानू सिंह चौहान❤️❤️
WhatsApp - 9454500732 गम को Delete करो
 खुशी को save करो
दोस्ती को Download करो.......

Ajay Daanav

प्यार को परिभाषित नहीं किया जा सकता। #कविता

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हृदय से उपजे विचार हो तुम
शब्दों का मेरे श्रृंगार हो तुम
करती हुई झंकृत मन-वीणा
सातों सुरों की झनकार हो तुम
हूं मैं कविता छंदों में गढ़ी
कविता का मेरी सार हो तुम
हृदय से उपजे विचार हो तुम प्यार को परिभाषित नहीं किया जा सकता।

Akash Chaudhary

प्रेम को परिभाषित नही किया जाता।।❤️ #Poetry

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प्रेम को परिभाषित नहीं करते पात

गन्दी रेत से लथपथ वो पत्ते
जो कभी वृक्ष के वक्ष से
कलाएं करते थे,
कितनी ही चिड़िया तुमको छूकर
गुजरी,
मैं तुम पर आज ढूंढने बैठ गया
उनके पैरों के निशान,
क्या मन नहीं है तुम्हारा तुम उनको
परिभाषित करो,
क्या नहीं बताना चाहते
मुझे अपने प्रेम के विषय में,
तुम्हारी व्यथा और प्रेम से परिचित हूं मैं
समझ रहा हूं पात तुम्हे मैं,
तुम्हे पुरानी चिड़िया की याद
आयी होगी,
चलो मैं अपने दरवाजे से इंतजार में हूं
जब चाहना तब दास्तां सुनाना......,
तुम्हारा मौन समझता हूं मैं,
तुम बता रहे हो शायद मुझे 
प्रेम कभी शब्दों से नहीं किया जाता
वो होता है बस ,बस होता है।।

©Akash Chaudhary प्रेम को परिभाषित नही किया जाता।।❤️

Kripal

5 कोसी परिक्रमा मिश्रिख सीतापुर #Sports

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Gurpreet Singh प्रीत कि कलम

किसी को नाकाम मत करो खुद को कामयाब करो,, #ज़िन्दगी

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