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Dinesh Yadav
"सीता काका" - दिनेश यादव का मजाल कोई बच्चा उछलकूद मचाए। फटकार से नही माना तो डंडा लेकर दौड़ा लेते थे। ऐसे थे सीता काका। खेत खलिहान हो या कोला जिधर निकलते खेल रहे बच्चे फुर्र हो जाते। कहते कुछ नही थे, परंतु बच्चों को अपने शरारत का भय रहता था। औसत कद काठी के सीता कछार से निकले और अपने घर को हमेशा के लिए छोड़ दिया। किसी अन्य के घर पहुंच खेती किसानी संभाल ली। काम के प्रति समपर्ण, संवेदना, परिवार से स्नेह ने अपने-पराए की दूरी मिटा दी थी। हर कोई यही समझता इस परिवार के मुखिया यही हैं। बड़े, सयाने सीता काका कह कर पुकारने लगे। खेत खलिहान की रखवाली हो, पशुओं को चारा डालना हो, किसी के गुस्ताखी पर डांटना हो देर नही लगाते। नई पीढ़ी बाबा कहकर पुकारने लगी। ननिहाल में रहने के दौरान मेरा बचपन भी इनके इर्दगिर्द मडराता था। आगे की पढ़ाई के लिए गांव से शहर चला गया। गोरखपुर के जुबिली हास्टल में रह रहा था। एकदिन अचानक सूचना मिली सीता काका इस दुनियां में नही रहे। उनके घर वाले आकर पार्थिव शरीर ले गए, ताकि अंतिम संस्कार कर सके। इस बात से मुझे झल्लाहट हुई। उस दिन मुझे पता चला सीता काका कहीं और के थे। ©Dinesh Yadav कहानी ' सीता काका'' #Roses
Anisha Dodke
विनम्र अभिवादन सिडको कर्मभूमी असलेले श्रेष्ठ नागरिक सर्वांच्या मनावर अधिराज्य गाजवणारे एक अनुभवी वेक्तिमहत्व म्हणून पाहण्याचा सर्वांचाच दृष्टिकोन बा..... जय भीम जय भीम हा नारा मुखीं बाळगत लहान थोरांना संभाषित करणारे लहान मुलापासून ते मोठयान पर्यन्त सर्वांचेच काका...... दिलखुलास जगणं सदा हसऱ्या चेहऱ्याने मनसोक्त पणे वावरणारे असे सर्वांचे लाडके काका...... आज तुम्ही जगाचा निरोप घेतला अस म्हणतात की जी वेक्ती निसर्गाला प्रिय असते त्या व्यक्ती साठी निसर्गही दुःख व्यक्त करतो अगदी तेच झालं ढगांना ही तुमचं अचानक निरोप न देता अस जाण्याच दुःख रावलं नाही म्हणून त्यांची ही आपना साठी अश्रू डाळले........ तुम्ही आज जगाचा निरोप घेतला पण तुमची महती माणुसकी मात्र आजही शिल्लक आहे...........! कवयित्री:कु अनिषा दिलीप दोडके ©Anisha Dodke काका कविता काका कविता #friends
jay Ravray
फूलो जैसी जिदंगी वो शेर कि तरह जिकर गए ; वादा किया था साथ निभाने का पर बीच मे हि साथ छोड़ दिया ©jay Ravray काका
#SK
बाबू मुशाय... ये ज़िंदगी का दौर एक पतंग की तरह है जब तक उड़ रही है ,उड़ रही है फ़िर कोई नई पतंग आयेगी और तुम्हारी जगह लेकर उड़ने लग जायेगी ! ©Surendra Singh काका की एक याद मेरीकलम से🙏