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अशुनुराग

नक्षत्र....
पाऊलं कधी वार्याचे मनास कळले होते,
गेले जे पुढे निघूनि माघे न ते वळले होते!

शेवटी भृंगा तो तडपून मकरंदविना मेला,
हाय!एवढे का त्यास फुलांनी छळले होते!

तुझ्या वचनांचे सारेच हिशोब तू ठेवलेले ,
सांग माझे ही शब्द..काय तू पाळले होते?

या आकाशाला न राहिले आता त्याचेपन
नक्षत्र असे हे परके कुणी उधळले होते! #नक्षत्र

Rohini Pande

#शब्द नक्षत्र#

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रोही पंचाक्षरी
विठ्ठल रंग
°°°°°°°°°°°°°°
विठू गजर
नाम लहर
प्रसन्न होई
राम प्रहर..१
विठू रुक्माई
बाप नि आई
रूप दिसते
हो ठाई ठाई..२
सावळ रंग
रूप अभंग
तव दर्शनी
सरते व्यंग..३
हे पांडुरंगा
आत्मतरंगा
तल्लीन नित्य
चरण संगा..४
भीमेच्या काठी
दर्शना साठी
उभी पंढरी
भाविका पाठी..५

   रोहिणी पांडे
(शब्द नक्षत्र) #शब्द नक्षत्र#

Parasram Arora

स्वाति नक्षत्र #friends #कविता

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तुम तट पर खडे हो
और सागर की लहरे उद्वेलित है
तुम्हे प्यास लगी है 
फिर भी तुम प्यासे  हो
क्यों कि तु म चातक  हो  चकोर हो
सागर के जल से नही बुझेगी तुम्हारी प्यास
तुम्हे प्रतिक्षा करनी होगी  स्वाति की.
तुम्हे प्रयीक्षा करनी होगी
उस महत्त. क्षण. की

©Parasram Arora स्वाति नक्षत्र 

#friends

Rohini Pande

#Love शब्द नक्षत्र

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तुझ्या माझ्यातलं अंतर
मी मुद्दाम राखून ठेवलंय,
तुझं अबोल आपलेपण
जरी मला खूप भावलंय

 रोहिणी पांडे(शब्द नक्षत्र) #Love 
शब्द नक्षत्र

S Ram Verma (इश्क)

 #नक्षत्र #तारे #और  #ग्रह

Anjana Gupta Astrologer

धनु का गुरु मूल नक्षत्र में

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*धनु राशि का गुरू*
धर्म की राशि और नवम स्थान
धनु राशि का युद्ध क्षेत्र है- धर्मक्षेत्र कुरुक शेट्रे) जो अराजक जीवन है और अध्यक्षता करने वाली देवी निरति या कालि हैं।  मूल नक्षत्र का गोचर केतु की पताका बृहस्पति का मुल्त्रिकोना है, जो ईश्वरीय शिक्षक और धर्म के पालन-पोषण के रूप में अपने कर्तव्य के निष्पादन में बहुत मजबूत है, क्योंकि धनु धर्म और भाव (सौभाग्य) का प्राकृतिक घर है।  मूल नक्षत्र, प्रकट ब्रह्मांड के मूलाधार चक्र का प्रतिनिधित्व करता है .... वास्तु पुरूष, जिसका सिर मिथुन में मिथुन राशि में स्थित है, जैसा कि ईशान कोना या उत्तर पूर्व है।
 मूला नक्षत्र / धनु दक्षिण पश्चिम या नायरुति कोना का प्रतिनिधित्व करता है यहाँ पर भारत मे भारी हलचल, जिसे भारी वस्तुओं द्वारा तौला जाना चाहिए, इसलिए यदि आपकी कुंडली में यह भारी ग्रह हैं, तो यह अच्छा है।
कृष्ण और अर्जुन के रथ में हनुमान के साथ कपिध्वज या ध्वज था, जो रुद्र की ऊर्जा और अजेयता को दर्शाता और लाता था। इस समय का गोचर 
 *नवां घर भाग्य या भाग्य को दर्शाता है, जो मूल नक्षत्र द्वारा शासित होता है।*
इसका मुख्य प्रतीक 'जड़ों का बंधा हुआ गुच्छा ’है। 
 यह तथ्य कि एस्टोनामी में हमारी आकाशगंगा का केंद्र उसी में स्थित है, उसी विचार को व्यक्त करता है।यहां पर धनु में वृहस्पति ग्रह केतु , यह तारतम्य हर चीज के तल / कोर से संबंधित है।
 पेड़ों और पौधों की जड़ों में आमतौर पर छिपे होते हैं, जिसका अर्थ है कि यह नक्षत्र सभी प्रकार की छिपी हुई चीजों, स्थानों, घटनाओं, उद्देश्यों, प्रवृत्ति आदि से संबंधित है। जड़ों का बंधा हुआ गुच्छा भी इस क्षुद्रग्रह 
 मूलाधार रीढ़ का आधार है.लेकिन अगर बृहस्पति है, तो जटिलता बदल जाती है!
 मूल नक्षत्र को नीला सरस्वती (तारा) का नक्षत्र भी कहा जाता है इनकी आराधना फलदायी है।
अंजना ज्योतिषविद 9407555063 धनु का गुरु मूल नक्षत्र में

Anupama Jha


खुली आँखों का कोई सपना
वैसे ही तुम्हें छूकर गुज़रती है
जैसे 
आकाशगंगा में छूकर गुज़रते हैं
बिखरे नक्षत्र, एक दूसरे को.....
                                   अनुपमा झा
                                   

 #आकाशगंगा #नक्षत्र #सपना #खुलीआँखे #yqdidi #yqdidihindi #anupamajha

Bhavya Narayan

आज का नक्षत्र 20/02/2020

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Sonal Panwar

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