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Ranjeet Meda
zindgi घड़ी ke काटे she bhi तेज़ chal रहीं hai कब किया ho जाए किस ko pata जिंदगी ही hai आज है कल nii ©Ranjeet Meda घड़ी से भी तेज है जिंदगी #Like #follow #Gif #LoveYouZindagi #notojohindi #public #Ahmedabad ram singh yadav मानाणी Boy
VIJAY DIWARA
"उलझ गया था तुम्हारे दुपट्टे का कोना मेरी घड़ी से, वक्त तब से जो रुका है तो अब तक रुका ही पड़ा है...!" ©Rajasthani vijay "उलझ गया था तुम्हारे दुपट्टे का कोना मेरी घड़ी से, वक्त तब से जो रुका है तो अब तक रुका ही पड़ा है...!" #Thinking
Sunil Paswan
तेरा ये जो रेशमी दुपट्टा है मेरे हाथों में बंधी घड़ी से फसे न फसे तेरी ये सादगी से भरी दिलकश अदाएं मुझे दीवाना बना रही है ©Sunil Paswan तेरा ये जो रेशमी दुपट्टा है मेरे हाथों में बंधी घड़ी से फसे न फसे तेरी ये सादगी से भरी दिलकश अदाएं मुझे दीवाना बना रही है #Love #प्यार #
R@j🌹Gautam
सब्र भी एक कला है जो हर किसी को नहीं आती जैसे जिन्दगी जीने की हुनर जिन्दगी को नहीं आती समय की कीमत इस घड़ी से क्यों पूछता है नादान क्या पता नहीं कि वक्त की कीमत घड़ी को नहीं आती @** L@s** सब्र भी एक कला है जो हर किसी को नहीं आती जैसे जिन्दगी जीने की हुनर जिन्दगी को नहीं आती समय की कीमत इस घड़ी से क्यों पूछता है नादान क्या
Rukhsar Khanam
सोनभद्र की हंसी वादियो में जो भी आएगा उस दम से उसी घड़ी से यही का ही होकर रह जाएगा, यहां की हरियाली ऊंची-ऊंची पहाड़ी देख कर हर जिला हर शहर भूल जाएगा, मेरे अल्फ़ाज़✍️ सोनभद्र सोने की नगरी सोनभद्र UP-64 ©Rukhsar Khanam #सोनभद्रUP-64 #सोनभद्र सोने की नगरी #सोनभद्र की हंसी वादियो में जो भी आएगा उस दम से उसी घड़ी से यही का ही होकर रह जाएगा, यहां की हरियाली ऊं
Ravindra Singh
तेरे चहरे की उदासी.... तेरे चहरे की उदासी, मुझे बहुत उदास करती है । मैं चाहे लाख रहूं दूर तुझ से , तेरी फिक्र मुझे तेरे पास करती है । मुझे पता है , तू एक बहुत मुश्किल घड़ी से गुजर रहा है । क्यूं नहीं बताता अपना दर्द मुझे, किस बात को लेकर तू खुद से डर रहा है । मैंने जितना समझा है तुझे, तू हारने वालों में से तो बिल्कुल नहीं । मगर ये समझ ले, कभी कभी हार जिंदगी को एक सही राह दे जाती है । जो कोई नहीं बता सकता तुझे, वो बात तेरे अनुभव से, तेरी अंतरात्मा तुझे कह जाती है । जो न सुनता अपनी अंतरात्मा की भी, जिंदगी उसकी, उसकी जिंदगी का हास करती है । तेरे चहरे की उदासी, मुझे बहुत उदास करती है । ©Ravindra Singh तेरे चहरे की उदासी.... तेरे चहरे की उदासी, मुझे बहुत उदास करती है । मैं चाहे लाख रहूं दूर तुझ से , तेरी फिक्र मुझे तेरे पास करती है ।
राजेश कुशवाहा 'राज'
तू पांव रखना जमीं पर संभल कर, फूल में ना रखा हो कोई कांटे छुपाकर। तू पांव रखना जमीं पर.....।। तू उड़ान भरना आसमां में संभल कर, हवा में न रखा हो कोई जहर घोलकर। तू पांव रखना जमीं पर.....।। तू वक्त पर चलना खुद घड़ी बनकर, घड़ी से ना रखा हो कोई कांटे निकालकर। तू पांव रखना जमीं पर.....।। तू बना अपना किताबों को उन्हें पढकर, विचारों में न रखा हो कोई मतलब छुपाकर। तू पांव रखना जमीं पर.....।। तू राहे भलाई में चलना थोड़ा संभल कर, कामों में न रखा हो कोई बुराई छुपाकर। तू पांव रखना जमीं पर.....।। तू राज को रखना राज ही बनाकर, प्रियतम ही न रखा हो कोई भेदी छुपाकर। तू पांव रखना जमीं पर.....।। तू दाग को दामन में रखना छुपाकर, मन में न रखा हो कोई रंजिश छुपाकर। तू पांव रखना जमीं पर.....।। तू गैरों को कह अपना अपना समझकर, अपने ही न रखें हो कोई गैर छुपाकर। तू पांव रखना जमीं पर.....।। तू अपनो को रखना साथ मे पिरोकर, साथ अपने न रखा हो कोई बहका कर। तू पांव रखना जमीं पर.....।।-2 ©राजेश कुशवाहा तू पांव रखना जमीं पर संभल कर, फूल में ना रखा हो कोई कांटे छुपाकर। तू पांव रखना जमीं पर.....।। तू उड़ान भरना आसमां में संभल कर, हवा में न रख
Anil Siwach