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New बनाती हूं Quotes, Status, Photo, Video

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Anita Joshi

चलो आज खुद को किरदार बनाती हूं 👀✍🏻 #poetry_by_heart #write #कविता

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Sudipta Mazumdar

# मैं गृहिणी हूं मैं घर बनाती हूं मैं देश चलाती हूं #बात #nojotovideo

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khusi

मेरे लाइफ का सबसे अच्छा दोस्त मेरा बिस्तर है। क्योंकि ये ना हमेशा मेरी मदद करता है, जब भी मैं कोई गिफ्ट बनाती हूं, या क्राफ्ट करती हु, किसी #Collab #YourQuoteAndMine #yolewrimo #बिस्तरकेनाम #ankitaguptamusings

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आपके बिना न मुझे कहीं भी सुकून नहीं मिलता है,
चाहे वो कोई होटल का कमरा हो, या कोई भी मुलायम गद्दा हो,
आप ना मेरे सच्चे वाले दोस्त हो,
क्यूं की आप ही तो जो हमेशा मेरी मदद करते हो,
मेरी सारी बनाई हुई क्राफ्ट को अपने अंदर छुपा लेते हो,
ओर मेरे सारे बैंडेज को भी फैमली से छुपाने में मदद करते हो।। मेरे लाइफ का सबसे अच्छा दोस्त मेरा बिस्तर है।
क्योंकि ये ना हमेशा मेरी मदद करता है, जब भी मैं कोई गिफ्ट बनाती हूं, या क्राफ्ट करती हु, किसी

ittu Sa

इत्तु सा पैग़ाम पेड़-पौधों के नाम। #ThrowbackThursday #Nojoto #kalakaksh #tree #Love #Khushi #pyaar इत्तु सी खुशी मेरे पास आई, जब उसने कहा मु

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 इत्तु सा पैग़ाम पेड़-पौधों के नाम।
#ThrowbackThursday #nojoto #kalakaksh #tree #love #khushi 
#Pyaar
इत्तु सी खुशी मेरे पास आई, जब उसने कहा मु

Mamta Gehlot

इश्क मेरा तुमसे है और तुम्हीं पूछते हो, मैं किस से मोहब्बत करती हूं ? अब कैसे बताऊं कि, तुम्हारी खुशबू से ही मैं महकती हूं ! तुम ही मेरे आफ

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तुम्हारी आंखों के नूर से ही,
मैं अपना काजल लगाती हूं !
तुम्हारे चेहरे की मुस्कान से,
मै सुर्ख लबों की लाली बनाती हूं !
तुम्हारी शख्सियत के दर्पण में 
मैं खुद को निहारती हूं !
एक झलक जो तुम देखो मुझे,
मैं अप्सरा-सी खूबसूरत हो जाती हूं !
इश्क मेरा तुमसे है और तुम्हीं पूछते हो,
मैं किस से मोहब्बत करती हूं ?

ममता गहलोत इश्क मेरा तुमसे है और तुम्हीं पूछते हो,
मैं किस से मोहब्बत करती हूं ?

अब कैसे बताऊं कि,
तुम्हारी खुशबू से ही मैं महकती हूं !
तुम ही मेरे आफ

Swarima Tewari

आ जाओ कि फिर एक कप चाय और पीनी है ☕ शामें इतवार की मुझको बहुत भाती, 2 कप चाय के लेकर, बालकनी से तुम्हारा इंतज़ार करती जाती। ठीक 5 बजे सड़क #hindiquotes #yqbaba #hindipoetry #yqdidi #yqhindi #namanandini

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शामें इतवार की मुझको बहुत भाती,
2 कप चाय के लेकर, बालकनी से तुम्हारा इंतज़ार करती जाती।
ठीक 5 बजे सड़क के मोड़ से तुम हाथ हिलाते आते,
रजनीगंधा के अमोल पालेकर की याद दिलाते।
फिर बालकनी में चाय की चुस्किया लेते लेते,
सामने मैदान में खेलते बच्चो को हम घंटों निहारते,
कभी किसी कैच पर उछल के तुम ताली भी बजाते।
तुम्हारे इस बचपने पर बड़ी हंसी सी आती,
तुम्हारी ताली, मेरी हंसी हवाओं में रंग सा भर जाती।
कहने को प्रोफेसर हो, पर लगते वही मनमौजी पालेकर हो।
तुम पूरे हफ्ते के दफ्तर की कहानियां सुनाते,
मै भी अपना लिखा कुछ कुछ सुनाती रहती,
सामाजिक चर्चा,विचार विमर्श करते करते,
गर तुम्हे एक कप चाय और पीनी होती ,तो बड़े अंदाज़ में बोल देते,
सुनो!चाय बहुत अच्छी बनाती और मैं हंसकर दो कप और ले आती।
इन सब के बीच सांझ सुरमई रंग में ढलने लगती,
पता भी नहीं चलता और तुम्हारे जाने का वक़्त हो जाता,
अगले इतवार का वादा कर तुम निकल जाते,
तुम्हारी परछाई छोटा होता हुए देखती, लंबी ख़ाली सड़क से दूर तक जाते।
अरे! आज तो इतवार है,दो कप चाय बनाती हूं और बाहर आ जाती हूं।
यूं तो अब तुम नहीं आते,
पर मैं और ये बालकनी आज भी हर इतवार तुम्हारे इंतजार का वादा निभाते! आ जाओ कि फिर एक कप चाय और पीनी है ☕

शामें इतवार की मुझको बहुत भाती,
2 कप चाय के लेकर, 
बालकनी से तुम्हारा इंतज़ार करती जाती।
ठीक 5 बजे सड़क

Shruti Gupta

जब मैं बहुत छोटी थी तब अक्सर हमारे पूरे मोहल्ले की बिजली चली जाती थी। ग्रीष्म की तपती रातों में बिना पंखे के मेरी नींद टूट जाती और पसीने से #प्रेम #ShortStory #हिंदी #yqdidi #समर्पण #मांँ #कालजयी_श्रुति

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समर्पण - (एक लघु कथा)

(अनुशीर्षक में पढ़े) जब मैं बहुत छोटी थी तब अक्सर हमारे पूरे मोहल्ले की बिजली चली जाती थी। ग्रीष्म की तपती रातों में बिना पंखे के मेरी नींद टूट जाती और पसीने से

Diw@kar Soni

मेरी दोस्त मुझसे कहती है कि उसके दर्दों की दास्तां हर किसी के लबों पर चलती है पर उसे कोई नहीं बताता कि उसमें उसकी क्या गलती है । वो कहती

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अब तुम ही बताओ 
इसमें मेरी क्या गलती है ?
   👇👇👇   
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Diw@kar मेरी दोस्त मुझसे कहती है कि 
उसके दर्दों की दास्तां हर किसी के लबों पर चलती है
पर उसे कोई नहीं बताता  कि 
उसमें उसकी क्या गलती है ।

वो कहती

amar gupta

जब मैं बहुत छोटी थी तब अक्सर हमारे पूरे मोहल्ले की बिजली चली जाती थी। ग्रीष्म की तपती रातों में बिना पंखे के मेरी नींद टूट जाती और पसीने से #प्रेम #ShortStory #हिंदी #yqdidi #समर्पण #मांँ #कालजयी_श्रुति

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समर्पण - (एक लघु कथा)

(अनुशीर्षक में पढ़े) जब मैं बहुत छोटी थी तब अक्सर हमारे पूरे मोहल्ले की बिजली चली जाती थी। ग्रीष्म की तपती रातों में बिना पंखे के मेरी नींद टूट जाती और पसीने से

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज-70 अर्श जी- जी आदेश करें मैं क्या कर पाने के योग्य हूं..,? पुष्पा जी- उईईईईई माँ 🤭🙄 Sorry दी.. आप...! हम सब कबसे आपको #प्रेरक

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पेज-70
पुष्पा जी - नेक्स्ट..!
रुचिका जी- मैं कढ़ाई में बैठ जाऊंगी...?
राखी जी- ओये.. what are you talking..? 
रुचिका जी- अर्रे राखी जी मेरा मतलब मुझे पूरियां तलना बहुत अच्छा लगता है.. तो मैं पूरियां तल लूंगी...!
पुष्पा जी- नेक्स्ट..!
प्रिया दुबे- जीजी मैं और प्रिया.. गाजर का हलवा तैयार करते हैं.. !
पुष्पा जी- प्रिया गौर कहां है...!
प्रिया दुबे- जीजी वो अपनी स्कूटी में गाजर लेकर आ रही है...! मैंने अभी फोन किया उसे जस्ट वो मार्केट में ही थी..!
पुष्पा जी- so clever.. you are.. !.
प्रिया दुबे- थैंक यू दीदी..!
पुष्पा जी- नेक्स्ट.. !
पारिजात- हुक्म मेरे आका..!
पुष्पा जी- आम की चटनी बना दो..!
पारिजात- जो हुक्म मेरे आका..!
पुष्पा जी- नेक्स्ट.. !
आगे कैप्शन में.. 🙏

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
पेज-70
अर्श जी- जी आदेश करें मैं क्या कर पाने के योग्य हूं..,? 
पुष्पा जी- उईईईईई माँ 🤭🙄
Sorry दी.. आप...! हम सब कबसे आपको
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