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Hemant Dharphale

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Gopal Mewara

लव यू ऑल इंडियंस

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तुम हमारी जिंदगी का सहारा बनो 
मैं जमी पर सितारे सजाता रहूंगा लव यू ऑल इंडियंस

Shivam Sharma

वो खुदा हैं या राम हैंइंडियंस

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Deepak Vinchure

अलफ़ाज बनाम जज़्बात #कविता #nojotophoto

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 अलफ़ाज बनाम जज़्बात

डॉ.चमन लाल

भारत बनाम इंडिया #कविता #nojotovideo

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Parm the Life explorer

कुदरत बनाम इंसान

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कुदरत ने जीवन दिया
सबको आजादी से जीने के लिए,
इंसान ने गुलाम कर लिया सबको
अपनी जरूरतों को मिटाने के लिए,
कुदरत ने करबट ली 
गुलामो को आजादी दिलाने के लिए,
आजाद इंसान को घरों में कैद कर दिया
अपनी बात मनवाने के लिए।। कुदरत बनाम इंसान

नि:शब्द अमित शर्मा

#राष्ट्र बनाम राजनिति #बात

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India quotes  वो लोग और थे जो मर मिटे वतन पे,
आज तो देश प्रेम 26 और 15 तारीख़ का मोहताज़ है
जिनके नाती दम भरते है ना देशभक्ति का आजकल
ये सीमा विवाद उनके नाना की ही पुरानी ख़ाज है


देश के हबीब बनो रक़ीब बहुत बने बैठें है
तुम्हारी गंदी राजनीति के कारण जवान शहीद हुए बैठें है

निःशब्द अमित शर्मा✍️ #राष्ट्र बनाम राजनिति

Parasram Arora

अच्छाई. बनाम . बुराई #विचार

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क्या कहा जाये  उस आदमी को .. जिसमे  अच्छाई  और बुराई  दोनों का वजूद  मौजूद है ...अच्छाई  उसके  सपनो को  जागरूकता में  बदलती है .... जबकि बुराई  उसकी  जागरूकता को  सपनो में तब्दील  करने के लिए  सदैव तैयार खड़ी रहती है ....... अच्छाई. बनाम .  बुराई

Vishal chaubey Agyat

बचपन बनाम युवा

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मेरे अंदर का बच्चा  

" सुबह माँ की थपकी से होती
शाम में ही अपनी रात हो लेती
माँ का आँचल छांव देता
पिता का हाथ सहारा देता
दिन और रात सब बेमतलब होते
सबका प्यारा दुलारा होता
न बेमतलब की चिंता होती
न ही कोई जिम्मेदारी होती
दादा जी की साइकिल ही
अपने लिए बड़ी सवारी होती
हालाँकि की अभी बच्चा ही हूँ
सिर्फ माँ और पिता के नज़र में
लेकिन हमको खबर भी है
गुज़र गया बचपन बीते कल में
सही भी है समय की सीमा
उम्र में आगे बढ़ता जाऊँ
जैसा बचपन मैंने जिया 
 वैसा बचपन किसी और को दे पाऊँ "
-विशाल चौबे अज्ञात
जौनपुर उत्तर प्रदेश बचपन बनाम युवा

Parasram Arora

तनाव बनाम अवसाद #विचार

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चिंता  फ़िक्र क़ो कितना  ही धुँए  में उड़ाने की चेष्टा
कर ले कोई..... अवसाद...और तनाव से  मुक्ति  मिल जाना इतना  आसान  नही  

सुख के लिये  धन्  कमाओ तो उस कमाए हुए धन क़ो 
सुरक्षा देनी पड़ती है.. उसकी  फ़िक्र  करनी पड़ती है

प्रतिभा और अहं पर  जरा सी  चोट  पड़ते ही हमारी
जिंदगी तिलमिलाहट से भर जाती है..क्योंकि.हम अपने अनुरागो  आसक्तियों  के  तादातमो में खुद क़ो बुरी तरह  जकड़ा
हुआ पाते है

तनाव क़ो  भगाने के लिये हंसने की  कितनी भी कोशिश कर ले. तनाव कमहोने का नाम ही नही लेता

©Parasram Arora तनाव बनाम अवसाद
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