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sunny pal
What have you done to my heart Don't feel anywhere without you When you're together day and night don't know I do not spend a single moment without you ©sunny pal क्या किया है
PRIYA SINHA
Chitra
जिसके साए में हम .... बिना डर के बड़े हो जाते हैं अक्सर उन्हीं से कहते है कि किया ही क्या हैं ......तुमने....!!! chitra "writer"✍️ ©Chitra किया ही क्या है ।
Ravikesh Kumar Singh
"क्रिया और प्रतिक्रिया परम सत्य है " कुछ लोगों का मानना है की औलाद बड़े होकर नालायक होते हैं, किंतु यह भूल जाते हैं की बच्चे तो बच्चे होते हैं, उसे लायक या फिर नालायक हम माता-पिता ही बनाते हैं, जिस घर में बच्चे को बचपन काल से बच्चों - बच्चों में भिन्नता देखने को मिली हो बचपन से ही बच्चे माता पिता के प्यार से वंचित रहे हो, या फिर यूं कह सकते हैं जिन माता पिता को अपने बच्चे के प्रति समय का अभाव रहा हो, और किसी कारण बस से बच्चे को नजर अंदाज किया गया हो वह बच्चे बड़े होकर उसी चीज को दोहराते हैं, क्योंकि बचपन का दिया हुआ संस्कार बच्चों को बड़े तक याद रहता है और बच्चे भी माता-पिता को कुछ नजर अंदाज करके चलने लगते हैं, इसका अहम कारण आप यह मान सकते हैं जिस बच्चे को माता पिता के प्यार का एहसास हुआ ही ना हो, या फिर हुआ भी हो और बच्चों बच्चों में भिन्नता देखने को मिली हो सामान्यता नसीब ना हो वह बच्चे बड़े होकर भला क्या आपने माता पिता की कद्र करेंगे, बच्चे का मन कोरा कागज होता है ,इसलिए माता-पिता को चाहिए कि खुद वह सू संस्कारी बने और बच्चों के लिए समय निकालें क्योंकि उन्हें पता नहीं कि बच्चे उन्हें फॉलो कर रहे होते हैं बच्चे सबसे ज्यादा नकल अपने माता-पिता के ही करते हैं क्योंकि वह माता पिता के बीच रहते हैं, तो माता-पिता को चाहिए अपने से बड़ों की आदर करें और अपने से बड़ों के लिए समय निकालें और वह अपने माता पिता का सम्मान करें और अपने माता-पिता के लिए समय निकालें तभी उनके बच्चे उनके लिए समय निकाल पाएंगे, क्योंकि बच्चे जो देखते हैं वही सीखते हैं बच्चे की आदत होती है नकल करने की घर के बड़ों को चाहिए बच्चे के लिए भी समय निकालें और बच्चे की हर एक मनोदशा को समझने का प्रयास करें और बचपन काल से ही सू संस्कारी बनाने में अपनी भागीदारी निभाएं तब कहीं जाकर आप इस चीज की अपेक्षा कर सकते हैं कि आपके बच्चे आपके लिए समय निकाल पाएंगे और आपके लिए आप का दिया हुआ प्यार शायद शुध समेत वापस कर पाएंगे और इन सब चीजों को ना करने पर यह कयास लगाना मूर्खता है कि बच्चे बड़े होकर हमारे लिए समय निकालेंगे और बिना हमारे इन सब कर्मों को किए हुए वह हमें इतना प्यार करेंगे इस चीज की अपेक्षा रखना गलत होगा कहा गया है हम सुधरेंगे जग सुधरेगा हम अच्छे होंगे हमारे बच्चे अच्छे होंगे पहले खुद को अच्छे बनके अपने बच्चे को दिखाना होगा फिर उनसे आशाएं अभिलाषाएं लगाना जायज करार दिया जाए अन्यथा कहावतओं में भी है जो हम बोते हैं वही हमें काटना पड़ता है या फिर न्यूटन के सिद्धांतों को भी आप ले सकते हैं प्रत्येक क्रिया की सदैव बराबर एवं विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है और आप यह भी कह सकते हैं रोपे पेड़ बबूल के तो आम कहां से खाए ©Ravikesh Kumar Singh #क्रिया #और #प्रतिक्रिया #परम #सत्य #है
KK क्षत्राणी
जीवन क्या है एक शुरूवात जो हम ने नहीं की एक अंत जो हमे नहीं पता ©KK क्षत्राणी क्यु सोचना क्या है जिंदगी