मेरे टूटे हुए नगमों को तुम ग़ज़ल ना बना देना
अश्कों के समंदर में प्यार का कमल ना खिला देना
एक तकलीफ तो सह चुके हैं इश्क की दोबारा तुम इसे न #शायरी#Mic
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विष्णुप्रिया
खोल अपने चक्षुओं को,
आत्मिक अन्तःकरण को
ज्योत ज्ञान की जलाकर
अज्ञानता का तम मिटाओ
हे मनुज खुद को जगाओ
उठ देख अपनी शक्ति भुजाएँ
ऊर में स्पन् #yqdidi#हिंदी_कविता#yqhindipoetry#विष्णुप्रिया