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BANDHETIYA OFFICIAL
आदमी कहीं भी रहे- समय कटना है, कटता नहीं समय , आप में रटना है। उम्र,रात,दिन, बन्धन,फंद, बंधे सबमें,खुद कट निकलना है। बस कटना है। ©BANDHETIYA OFFICIAL बस कटना है। #SunSet
KAMLESH KUMAR
कद्दू चाहें चाक़ू पर गिरे, या चाक़ू कद्दू पर, कटना कद्दू को ही है.. ये बात हम सभी पर लागू होती है.. चाहें वो नौकरी पेशा हो, या फिर हम किसी भी रूप में हो..😊 ©KAMLESH KUMAR कटना कद्दू को ही #confidence
@li Dsigner
नाज़ुक तेरे मरीज़ ऐ मोहब्बत का हाल है दिन तो कट गया है रात का कटना मुहाल है रात का कटना मुहाल है
pramod malakar
हिंदुओं तुम कटना छोड़ दो *********************** हिन्दुओं तुम बंटना छोड़ दो, अगड़ा , पिछड़ा , एस.टी. , एस. सी. के नाम पर छटकना छोड़ दो। तुम हीं ईसाई , तुम हीं हो मुसलमान, अब भटकना छोड़ दो। कट चुके हो तुम बार-बार, अब कटना छोड़ दो। जो राह चुना है सेकुलरिज्म का तुम ने, उस राह को तुम मोड़ दो। हिन्दुओं तुम बंटना छोड़ दो।। संघर्ष में तुम वीर हो, भारत के तकदीर हो। अवसर है अभी पास तुम्हारे, तुम हो भारत कि आत्मा तुम हीं मंदिर हो। उम्मीद है तुमसे श्री राम, श्री कृष्ण को, तुम भी शक्ति स्वरूप शरीर हो। मातृभूमि का स्वांस तुम , आंखें भी तुम हो, तुम हीं सनातन धर्म के वज़ीर हो। चलो अपने बर्बादी के तुफान को मोड़ दो, हिन्दुओं तुम बंटना छोड़ दो।। ================ प्रमोद मालाकार की कलम से ©pramod malakar #हिन्दुओं तुम कटना छोड़ दो।
Raju Kumar
मोहब्बत एक पतंग की डोर है,ज्यादा ढिलोगे तो बहोत दूर चली जाती है, कभी कभी ऐसा होता है ,की डोरी कटने के बाद वापिस नही आती है ©Raju Kumar डोरी कटने के बाद
Subhash Singh
विपरीत दिशा विपरीत दिशा क्यों देख रहे,रहा केंद्र है एक। होली में चल बैर मिटा ले,कटुता सब दो फेंक।। ©Subhash Singh #स्वरचित ठा.सुभाष सिंह, कटनी म.प्र. #स्वरचित ठा.सुभाष सिंह, कटनी म.प्र. #WForWriters
Subhash Singh
भाग्य-भाग्य तुम जल्दी से क्यों,लगते हो जपने। जाग-जागकर देखा करना,नये-नये सपने।। कुंदन बनने की खातिर ही, दीप चला तपने। कर्मठ राही मंजिल पाता, हाथों में अपने।। ©Subhash Singh #स्वरचित ठा.सुभाष सिंह, कटनी म.प्र. #स्वरचित ठा.सुभाष सिंह, कटनी म.प्र. #CalmingNature
Subhash Singh
बदनसीबों के नसीब में बदनसीबों के नसीब में पानी नहीं लिखा। गरीबों का मसीहा हमें कोई नहीं दिखा।। #स्वरचित ठा.सुभाष सिंह, कटनी