हर कोई यहाँ मजदूर हैं
चाहे पहने सूट बूट या मैला
मेहनत करके कमाता हैं
कोई सैकड़ा कोई देहला
हर कोई मजदूर ही कहलाता हैं
चाहे अनपढ़ या पढ़ा लिख #nojotophoto
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poet pankaj jain
बनाया हैवानियत का शिकार तूने जिसको,
उस मासूम की उम्र कच्ची थी !
गुड्डे-गुडिओ से खेलने वाली,
आसिफा आठ साल की बच्ची थी !
किस माटी के बने हो त #Poetry#justiceforasifa