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Pravesh Khare Akash

 अनुबंध

अनुबंध

5 Love

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Manmohan Dheer

मित्र कहता है कि तुम कुछ कहते नही 
मैं कहता हूँ कि ये कोई अनुबंध भी नही
. अनुबंध

अनुबंध

0 Love

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Sandip Raut

काही अनुबंध

©Sandip Raut
  काही अनुबंध...

काही अनुबंध... #मराठीकविता

127 Views

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Abhay Bhadouriya

प्रेमिकाओं के हाथ की मेहंदी
केवल सुंदर आकृतियाँ नहीं 
जिन में छुपा है नाम 
उनके प्रेमी का
अपितु, वास्तव में है 
प्रेम का 'अनुबंध' अनुबंध : contract

#प्रेम #प्रेम_पर_चिंतन 
#मेहंदी #yqhindi #yqdidi 
#love #abhaybhadouriya
11e887e151538befa037249ecf99c020

Rashmi Hule

अपेक्षा ठेवाव्यात 
पण पुर्ति चा अट्टाहास 
नसावा.. 
फक्त मी आणी माझेच 
हा आग्रह नसावा... 
माझे, तुझे आणी आपले
हा अनुबंध असावा..  अपेक्षा रखनी चाहिए लेकिन उस में सिर्फ मै और मेरा ही ये  ना हो. मै, तु और अपना ऐसा अनुबंध हो. 

#अपेक्षा #अनुबंध #yqtaai #yqbaba #yqdidi #yqt

अपेक्षा रखनी चाहिए लेकिन उस में सिर्फ मै और मेरा ही ये ना हो. मै, तु और अपना ऐसा अनुबंध हो. #अपेक्षा #अनुबंध #yqtaai #yqbaba #yqdidi yqt #yqtales #bestyqmarathiquotes

0 Love

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Veena Khandelwal

प्रणय में कुछ शब्द लिख दूं, प्रीत रत कुछ क्षण लिखूं।
प्रणय अनुबंधन कहूं या, प्रीत गठबंधन  कहूं।

जब मिले पहली दफा हम, भाव इक दूजे पढ़े।
भाव के अनुबंधना से  ,    प्रीत के अंकुर पड़े।
नैन छवि तेरी बसी फिर, हृदय अपनापन लिखूं।
प्रणय में कुछ-----

दूर हो या हो पास तुम, दिल तुम्ही को चाहता।
प्रीत की भी बेल फैली ,स्नेह बंधन बांधता।
नेह के मधुमास मौसम,महक मैं गुलशन लिखूं।
प्रणय में कुछ----------

पल रहा अनुबंध स्नेहिल, प्रीति के आलोक में।
वेद मंत्रित औ ॠचायें, गा रही है श्लोक में।
बँध गया है एक बंधन, अमर अनुबंधन लिखूं।
प्रणय में कुछ---

प्रीत में  अनुबंध कैसा ,   प्रीत की ही रीति है।
हृदय,धड़कन बंधनों में,बँध रहे क्या नीति है सात वचनों से भी ज्यादा,अनगिनत वर्णन लिखूं।
प्रणय में कुछ-----

वीणा खंडेलव विषयगत सृजन....४३
विषय...समझौता/अनुबंध/करार/संविदा
विधा...स्वेच्छिक
दिन-मंगलवार
दिनांक-10-2-20

शब्द शब्द बांध रही गीतों में प्रीति को।
प्रण

विषयगत सृजन....४३ विषय...समझौता/अनुबंध/करार/संविदा विधा...स्वेच्छिक दिन-मंगलवार दिनांक-10-2-20 शब्द शब्द बांध रही गीतों में प्रीति को। प्रण

8 Love

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Sunita D Prasad

जब -जब 
तुमसे मिलना 
असंभव लगा। 
मन ने बहलाया.. 
"इच्छाएँ..  
जीवनपर्यंत अनुबंध हैं
जीवित रहने के लिए..!
पर फिर भी
सभी इच्छाएँ 
पूर्ण नहीं होतीं..प्रिय..!" 


मैं..तुम्हें 
खोजती रही 
जीवन के इन्हीं अनुबंधों में..!
और जीवंत रहीं
मेरी समग्र इच्छाएँ..!!
 जब -जब 
तुमसे मिलना 
असंभव लगा। 
मन ने बहलाया.. 
"इच्छाएँ..  
जीवनपर्यंत अनुबंध हैं
जीवित रहने के लिए..!
पर फिर भी

जब -जब तुमसे मिलना असंभव लगा। मन ने बहलाया.. "इच्छाएँ.. जीवनपर्यंत अनुबंध हैं जीवित रहने के लिए..! पर फिर भी #yqbaba #yqdidi #yqpowrimo

0 Love

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सुरेन्द्र कुमार शर्मा

पेड़ों से अपना सदा,  साँसों का सम्बन्ध। 
तोड रहे हैं आज हम, उनसे ही अनुबंध।। 
 ✍©#सुरेन्द्र_कुमार_शर्मा पेड़ों से अपना सदा,  साँसों का सम्बन्ध। 
तोड रहे हैं आज हम, उनसे ही अनुबंध।। 
 ✍©#सुरेन्द्र_कुमार_शर्मा

पेड़ों से अपना सदा, साँसों का सम्बन्ध। तोड रहे हैं आज हम, उनसे ही अनुबंध।। ✍©सुरेन्द्र_कुमार_शर्मा

23 Love

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Rajendra Prasad Pandey Kavi

पूंछो मत क्या हुआ मुझे ,
बस इसी हाल में रहने दो।
क्रय किया समय श्रमसाधक का,
श्रम अनुबंधों में रहने दो।

पूंछो मत क्या हुआ मुझे , बस इसी हाल में रहने दो। क्रय किया समय श्रमसाधक का, श्रम अनुबंधों में रहने दो।

7,519 Views

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Vishal Dixit

Nowadays "MARRIAGE" seems like "MOVIE"🤔 सम्बन्ध नहीं अनुबंध प्रतीत हो रहा है,
यह विवाह भी धन की रीत हो रहा है।

#yqbaba #yqdidi #विवाह #yqthoughts

सम्बन्ध नहीं अनुबंध प्रतीत हो रहा है, यह विवाह भी धन की रीत हो रहा है। #yqbaba #yqdidi #विवाह #yqthoughts

0 Love

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Udaychaudhary

गैरों से क्या अपनों से भी अनुबंध कहाँ हमने माना ।
भुले से भी जग जीवन में प्रतिबंध कहाँ हमने माना।।

गैरों से क्या अपनों से भी अनुबंध कहाँ हमने माना । भुले से भी जग जीवन में प्रतिबंध कहाँ हमने माना।।

27 Views

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Poetry with Avdhesh Kanojia

अर्धनिद्रा के क्षणिक स्वप्न से
कुछ रिश्ते सम्बन्ध।
यह सम्बंध है ऐसा जैसे
जन्मों का अनुबंध।। #First_Meeting #forever
अर्धनिद्रा के क्षणिक स्वप्न से
कुछ रिश्ते सम्बन्ध।
यह सम्बंध है ऐसा जैसे
जन्मों का अनुबंध।।
✍️अवधेश कनौजिया©

#First_Meeting #forever अर्धनिद्रा के क्षणिक स्वप्न से कुछ रिश्ते सम्बन्ध। यह सम्बंध है ऐसा जैसे जन्मों का अनुबंध।। ✍️अवधेश कनौजिया©

27 Love

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Farukh Maniyar

🤗रेलवे के सभी कर्मचारी होंगे बाहर !
प्राइवेट कंपनी 11 साल के अनुबंध पर रखेगी नया स्टाफ !भक्तो बजाओ ताली मनाओ दिवाली
रेल मंत्री 🤗 🤗रेलवे के सभी कर्मचारी होंगे बाहर !
प्राइवेट कंपनी 11 साल के अनुबंध पर रखेगी नया स्टाफ !भक्तो बजाओ ताली मनाओ दिवाली
रेल मंत्री 🤗

🤗रेलवे के सभी कर्मचारी होंगे बाहर ! प्राइवेट कंपनी 11 साल के अनुबंध पर रखेगी नया स्टाफ !भक्तो बजाओ ताली मनाओ दिवाली रेल मंत्री 🤗

7 Love

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Poetry with Avdhesh Kanojia

अर्धनिद्रा के क्षणिक स्वप्न से
कुछ रिश्ते सम्बन्ध।
यह सम्बंध है ऐसा जैसे
जन्मों का अनुबंध।। #प्यार #प्रेम #love #lovequotes #life #partner #poetry 

अर्धनिद्रा के क्षणिक स्वप्न से
कुछ रिश्ते सम्बन्ध।
यह सम्बंध है ऐसा जैसे
जन्मों का

#प्यार #प्रेम love #lovequotes life #Partner poetry अर्धनिद्रा के क्षणिक स्वप्न से कुछ रिश्ते सम्बन्ध। यह सम्बंध है ऐसा जैसे जन्मों का

0 Love

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comedy lspk 39

फूल 🌼 डाल 🌼 पर जब रहे, मन 💖 में बसे सुगंध 💖 


झर 🌸 कर 🏵 बिखरे राह 🛣🌺🌹🛣 में, टूटे ❌❎ जब अनुबंध 🙏🏻🤝🏻.....

फूल 🌼 डाल 🌼 पर जब रहे, मन 💖 में बसे सुगंध 💖  झर 🌸 कर 🏵 बिखरे राह 🛣🌺🌹🛣 में, टूटे ❌❎ जब अनुबंध 🙏🏻🤝🏻..... #शायरी

67 Views

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Anjali Singhal

"चाँद सी आवारगी तेरी,
स्याह आँखों को जच गई।
साँसों के अनुबंध से,
प्रीत मुझमें रच गई।
कैसे छोड़ दूँ महकना मैं,
अमर गंध तेरी हृदय में मेरे बस

"चाँद सी आवारगी तेरी, स्याह आँखों को जच गई। साँसों के अनुबंध से, प्रीत मुझमें रच गई। कैसे छोड़ दूँ महकना मैं, अमर गंध तेरी हृदय में मेरे बस #Quotes #AnjaliSinghal

45 Views

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Vibhor Sharma

रिशतों के बंधन में बंधने से शायद रह जाये ना ,, अहसासों के अनुबंधो को शब्दों से कह पाये ना ,, तू भी नदी भी हूँ मैं भी समंदर फिर दोनों प्यास #Poetry

रिशतों के बंधन में बंधने से शायद रह जाये ना ,, अहसासों के अनुबंधो को शब्दों से कह पाये ना ,, तू भी नदी भी हूँ मैं भी समंदर फिर दोनों प्यास #Poetry

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Pnkj Dixit

🎉🎊💝🌺🌸💮🏵️🌳
मतलब के अनुबंधों को गोली मारो
आओ मिलकर मनाएँ ..होली यारों
०६/०३/२०२३
🌷👰💓💝
...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क'

©Pnkj Dixit 🎉🎊💝🌺🌸💮🏵️🌳
मतलब के अनुबंधों को गोली मारो
आओ मिलकर मनाएँ ..होली यारों
०६/०३/२०२३
🌷👰💓💝
...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क'

#Colors #होली #रंग #प्यार #Nojo

🎉🎊💝🌺🌸💮🏵️🌳 मतलब के अनुबंधों को गोली मारो आओ मिलकर मनाएँ ..होली यारों ०६/०३/२०२३ 🌷👰💓💝 ...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क' #Colors #होली #रंग #प्यार Nojo #कविता #nojotoapp

14 Love

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kunwar siddhant Awasthi

कही पुष्पो में नव पल्लव कही पर गन्ध हो जाये
कन्हइया और राधा सा वही अनुबंध हो जाये
मैं गाऊं हर निशा हरपल कही तेरा सितम साजन
वो सारे अर्थ मिलकर के नया सा छंद हो जाये

कुंवर कही पुष्पो में नव पल्लव कही पर गन्ध हो जाये
कन्हइया और राधा सा वही अनुबंध हो जाये
मैं गाऊं हर निशा हरपल कही तेरा सितम साजन
वो सारे अर्थ मिलक

कही पुष्पो में नव पल्लव कही पर गन्ध हो जाये कन्हइया और राधा सा वही अनुबंध हो जाये मैं गाऊं हर निशा हरपल कही तेरा सितम साजन वो सारे अर्थ मिलक #कविता

4 Love

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R.n. Tripathi

 हो सावधान इंसान अब, दोहरा चरित्र ये त्याग दो
हो सको जब राम जैसे, तब ही मुझे तुम आग दो।
त्याग दो तुम लोभ को, यह नीति का अनुबंध है
राम बन रावण

हो सावधान इंसान अब, दोहरा चरित्र ये त्याग दो हो सको जब राम जैसे, तब ही मुझे तुम आग दो। त्याग दो तुम लोभ को, यह नीति का अनुबंध है राम बन रावण #nojotophoto #विचार

5 Love

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Pnkj Dixit

🌷
मतलब   के    अनुबंधों    से   रानी-राजा,
यहाँ   धन - दौलत का बजता बैंड-बाजा।
अब मानवता का मिलना कठिन हो गया;
यहाँ  दिमाग का खुला  रहता    दरवाजा।।
२७/०३/२०२३
🌷👰💓💝
...✍️ कमल शर्मा'बेधड़क'

©Pnkj Dixit 🌷
मतलब   के    अनुबंधों    से   रानी-राजा,
यहाँ   धन - दौलत का बजता बैंड-बाजा।
अब मानवता का मिलना कठिन हो गया;
यहाँ  दिमाग का खुला  रहता

🌷 मतलब के अनुबंधों से रानी-राजा, यहाँ धन - दौलत का बजता बैंड-बाजा। अब मानवता का मिलना कठिन हो गया; यहाँ दिमाग का खुला रहता #Zindagi #Hindi #writer #कविता #nojotoapp #sadquotes

16 Love

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Divyanshu Pathak

सुनो....💕👨
लड्डू तुम
तेरी माया 
हो बह निकली है
भाव विरक्ति में
आंदोलित है 
हृदय उसका
कर रही है सत्य
का साक्षात्कार
समझ रही है 
छल प्रपंच को
जड़ रही है थप्पड़
तेरी असारता पर
भंगुर मोहकता पर 
लड्डू तुम देख रहे हो
🍹😊 भाव उसका 
कैसे बदलने को आतुर
हो चली है तेरी माया ! 💕😊.......
बढ़ चले हैं क़दम शून्य की ओर
अब पकड़ आएगा वह अनादि का छोर !
तुम जानोगी माया कैसे होता है पार भव और बंधन
कैसे टूटते हैं अनुबंध संसार क

💕😊....... बढ़ चले हैं क़दम शून्य की ओर अब पकड़ आएगा वह अनादि का छोर ! तुम जानोगी माया कैसे होता है पार भव और बंधन कैसे टूटते हैं अनुबंध संसार क #komal

0 Love

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saurabh

बातों की अति क्षीण कल्पना 
में हमको बिसराते क्यों हो 
जिस पर हो अनुबंध क्षीण 
तुम उस पथ पर जाते ही क्यों हो कितने बदल रहे हो तुम खुद यह तुमको कैसे बतलाएं 
हर एक मास वही स्मृतियां क्या रख्खे क्या-क्या बिसराएं
अब इन बचकानी बातों पर फिर हम अपना शीश झु

कितने बदल रहे हो तुम खुद यह तुमको कैसे बतलाएं हर एक मास वही स्मृतियां क्या रख्खे क्या-क्या बिसराएं अब इन बचकानी बातों पर फिर हम अपना शीश झु

0 Love

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Ayesha Aarya Singh

उसके घर से प्रेम की,कैसे आए गंध

फूलों से जिसके नहीं,हुए कभी अनुबंध ||

©Ayesha Aarya Singh #उसके घर से,प्रेम की,कैसे आए गंध
फूलों से जिसके नहीं,हुए कभी अनुबंध || 
#FlowersLove #Ayesha 
#Quote #shayari Pramodini mohapatra B Ravan R

#उसके घर से,प्रेम की,कैसे आए गंध फूलों से जिसके नहीं,हुए कभी अनुबंध || #FlowersLove #Ayesha #Quote shayari Pramodini mohapatra B Ravan R #anu

2,986 Views

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yogesh atmaram ambawale

ओढ आहे मनाला माझ्या 
कायम तुझीच,
हृदयाचे स्पंदने माझ्या
म्हणजे आठवण तुझीच. ओढ 

ओढ मनाची माया हळवी 
ओढ निनावी गूढ 
अनुबंधाच्या गर्द खुणांची 
जशी स्नेहला गोड 

लळा आगळा तुला झळांचा 

ओढ  ओढ मनाची माया हळवी  ओढ निनावी गूढ  अनुबंधाच्या गर्द खुणांची  जशी स्नेहला गोड  लळा आगळा तुला झळांचा  #Yogi #YourQuoteAndMine #yqtaai #bestyqmarathiquotes

0 Love

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lalitha sai

     #devotional
#myfirstsong
सच में कुछ गीत दिल को छू जाते है
वैसे ये गीत..
सुबह से ये गाना ही गुनगुना रही हूं...
ये गाने के साथ मेरा अनुबंध कुछ

#Devotional #myfirstsong सच में कुछ गीत दिल को छू जाते है वैसे ये गीत.. सुबह से ये गाना ही गुनगुना रही हूं... ये गाने के साथ मेरा अनुबंध कुछ

0 Love

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गौरव दीक्षित(लव)

चेतक पर चढ़ जिसने , भाला से दुश्मन संघारे थे…
मातृ भूमि के खातिर , जंगल में

कई साल गुजारे थे…

झुके नही वह मुगलोँ से,अनुबंधों को ठुकरा डाला…
मातृ भूमि की भक्ति का, नया प्रतिमान बना डाला…

हल्दीघाटी के युद्ध में, दुश्मन में कोहराम मचाया था…
देख वीरता राजपूताने की , दुश्मन भी थर्राया था…

बलिदान पर राणा के, भारत माँ ने, लाल देश का खोया था…
वीर पुरुष के देहावसान पर, अकबर भी फफक कर रोया था…

भारत माँ का वीर सपूत, हर हिदुस्तानी को प्यारा हे…
कुँअर प्रताप जी के चरणों में, सत सत नमन हमारा है... ..
🙏🙏🙏🙏🙏
गौरव दीक्षित (समाजसेवक) ✍️✍️🙏🙏👌👌⚔️⚔️🌹 चेतक पर चढ़ जिसने , भाला से दुश्मन संघारे थे…
मातृ भूमि के खातिर , जंगल में

कई साल गुजारे थे…

झुके नही वह मुगलोँ से,अनुबंधों को ठुकरा डाला

चेतक पर चढ़ जिसने , भाला से दुश्मन संघारे थे… मातृ भूमि के खातिर , जंगल में कई साल गुजारे थे… झुके नही वह मुगलोँ से,अनुबंधों को ठुकरा डाला #कविता

8 Love

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दि कु पां

तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों...
-----------------------------------------
संवेदनाओं के क्रंदन से हो रही वेदनाओ से, 
निष्प्रभाव हो जो तू जीणा चाहे..
संस्कार विहीन, हो उघड़ जो तू इस्तेहार बण
होर्डिंग्स पर चिपकण चाहे..
तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों...
-----------------------------------------
संस्कारों को बुद्धि दंभ से जो तू बंधण माणे
रिश्तों के अनुबंधों से आज़ादी जो तू चाहे.. 
हो मुक्त, बन उन्मुक्त तू संसार में जीवण चाहे 
तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों...
-----------------------------------------
दारू संग सिगरेट जो फूकण चाहें और 
गुड़गुड़ावण हुक्का संग लडको बारों मा..
कपड़े छोटे पहन जो बदन खुला दिखावण चाहवे
और चाह नग्न दिखण की निमण लागे
तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों... तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों...
-----------------------------------------
संवेदनाओं के क्रंदन से हो रही वेदनाओ से, 
निष्प्रभाव हो जो तू जी

तो फिर छोरी! तू लाज लजाए क्यों... ----------------------------------------- संवेदनाओं के क्रंदन से हो रही वेदनाओ से, निष्प्रभाव हो जो तू जी #दिनेशपांडेय

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