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Kavi Diptesh Tiwari

प्रज्जवलना

जब चीर रही हो कश्ती वक्ष समन्दर का,
तब लहरों से अड़ कर लड़ना पड़ता है,
गर  छाती में लालीत  सूरज जलता हो,
तो पत्थर को भी पिघलना पड़ता हैं,

हार स्वीकार नहीं, बस थोड़ा थामना पड़ता है,
रात अंधेरी हो तो जगमग ,दीप जलाना पड़ता है,
यूँ नही मिलती किसी राही को उसकी मंजिल,
रातों की मनुहार भरी नींदों से लड़ना पडता है,

सफर में एक न एक दिन चिरागों को प्रज्जवलना पड़ता है,
बाप कितना भी नामदार हो,धूप में खुद को तपाना पड़ता है,
और फ़र्श-ए-मंजिल में काँटे बहुत मिलेंगे,
इरादे अटल हों तो पर्वत को भी झुकना पड़ता है,

लहजे में जी हजूरी और अदब जरूरी होता है,
गर चढ़ना हो पहाड़ पर तो झुकना जरूरी होता है,
औऱ कितना भी इतराए नदी अपने छलछले पन में ,
आखिर में विसर्जन तो समन्दर में ही होना होता है,


                             कवि दिप्तेश तिवारी #प्रज्वलना

Ashish Mishra

याद रहें 
आज रात 9बजे 9 मिनट तक
दीप जलाना है। #दीप
#प्रज्वलन

Asheesh Pandey

दीप प्रज्वलन की तैयारी

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Durga Banwasi Shiwakoti

#दीप प्रज्वलन #समाज

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Anjana Gupta Astrologer

दीप प्रज्वलन 5अप्रैल को क्यों?

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*5अप्रैल को दीप प्रज्वलन का लाजिक*
अप्रैल में रात को 9 बजे से 11 बजे तक केतु नक्षत्र शिरो बिंदु पर होता है। यह ऐस्टोनामिकल है। 
विजया तिथि और पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र धन्वन्तरि और संजीवनी विद्या का भी बतता है। दैत्यों के संग्राम से भी जुड़ा है। यह नक्षत्र अभिभाज्य था दो भागों में यह अब है। ग्रामीण क्षेत्रों में सहयोग से जुडा है। चिकित्सा मे उपयोगी है। यह नक्षत्र Morning star से जाना जाता है। नया सृजन।
अंजना ज्योतिषविद दीप प्रज्वलन 5अप्रैल को क्यों?

Vimal Verma

5 अप्रैल दिन रविवार 9 बजे ,9 मिनट दीप प्रज्वलन! #lockdown #poem

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एक दिया हम भी जलाएंगे पंडिताईन
तुम्हारी यादों के इस लाॅकडाउन में,

जिसमें तेल होगा तुम्हारी विरहा में निकले आँसुओं का,
बाती होगी उस रूमाल की
जो उन आँसुओं में भीगा था
और
दिया होगा गोमती किनारे की उस मिट्टी का
जिसमें तुम टहलती थी।

रोशनी होगी उस उम्मीद की
जो अब भी है
तुम्हें फिर से पा लेने की।

जलते हुए पतंगे होंगी वो खताएं
जो हम दोनों से हुईं थी
और जलेंगे उन जालिमों के अरमाँ
जो जलते हैं हमारे मिलने से।

फिर दूर होगा वो अंधेरा
जो तुम्हारे दूर होने से पसरा है मेरी दुनिया में।
और अंततः जलेगी वो आग इस दिए से
जो साक्षी होगी सात फेरों के बंधन की।

हाँ हम जलाएंगे ऐसा दिया आज
तुम्हारी यादों के इस लाकडाउन में।
📃...✍🏼💞😍
@विमल सृजन... 5 अप्रैल
दिन रविवार
9 बजे ,9 मिनट
दीप प्रज्वलन!
#Lockdown
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