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Parasram Arora
खून को पानी का पर्यायवाची मत मान. लेना अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै उस बसती मे सच बोलने का रिवाज नही है यहां कोई भी आदमी सच.को झूठ बना कर पेश कर सकता है ताउम्र अपना वक़्त दुसरो की भलाई मे खर्च करता रहा वो ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही सकता है ©Parasram Arora पर्यायवाची......
Jogendra Singh writer
आपके अनुसार Nojoto का पर्यायवाची क्या है Answer in comment section ©Jogendra Singh Rathore 6578 nojoto ka पर्यायवाची #Light
SHAILENDRA UPADHYAY
इंसान बेहतर की तलाश में अपनों को खो देता है बेहतर तो नहीं मिलता पर अपने सपनों को खो देता है रिश्ते टूटने का खास वजह यही है रिश्ते टूटने का वजह
Anita Najrubhai
भीड़ का हिस्सा ना बनिये भीड़ की वजह बनिये ©Anita Najrubhai #eveningtea भीड़ का वजह
Ajay Bishwas
पिता से हसरतों का जाल ज़िन्दा है हुनर ज़िन्दा है, कमाल ज़िन्दा है पाकऔर प्यारा पैग़ाम ज़िन्दा है राह रौशन करनेवाली मशाल ज़िन्दा है हौसला हारने की हिमाकत मैं कर नहीं सकता दिखा सकूँ दुनिया को वो हाल ज़िन्दा है # पिता की वजह से
Zakhmi shayar
हम वही हैं जो कल थे कोई नाम न पूछ लेना मेरा मुझसे हां थोड़ा सा बदल गया हूँ में कुछ लोगों की वजह से #लोगों की वजह से
Amit Singhal "Aseemit"
सिर्फ़ तुम्हारी वजह से है यह मेरी क़ैफियत, नादान बनकर पूछते हो अब मेरी ख़ैरियत। पहले दिल चुराया, फिर चैन और नींद चराई, सुकून से जीने लायक न छोड़ी मेरी हैसियत। ©Amit Singhal "Aseemit" #सिर्फ़ #तुम्हारी #वजह #से
Ajay Bishwas
पिता ! तेरी वजह से मेरी मनमर्ज़ियाँ जीतीं हैं और धड़कनें मेरी सुकूं की शराब पीतीं हैं # पिता ! तेरी वजह से
Gurudeen Verma
शीर्षक - फ़कत इसी वजह से,पीछे हट जाते हैं कदम -------------------------------------------------------------- फ़कत इसी वजह से, पीछे हट जाते हैं कदम। कि तुमसे करते हैं, सच्ची मोहब्बत जो हम।। फ़कत इसी वजह से-----------------------।। तुमसे भी बढ़कर बहुत है, खूबसूरत यहाँ नजारें। हसीन हुस्न की हुर्रे , रोशन हैं जिनके सितारें।। लेकिन दिल ने तो, तुम्हें ही माना है जो हमदम। फ़कत इसी वजह से----------------------------।। नहीं कमी कोई हम में,तेरी कम हस्ती है हमसे। मकबूल हमसे है तू , तेरी है इज्जत हमसे।। लेकिन कर चुके हैं तुमसे, वफायें जो हम। फ़कत इसी वजह से ------------------------।। ऐसा भी आता है मन में, कि नष्ट कर दे तुमको। किया है तुमने जो आखिर, बहुत बदनाम हमको।। ख्वाब हमारा जो तू है, इसलिए डरते हैं हम। फ़कत इसी वजह से-------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार- गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #फ़कत इसी वजह से