Nojoto: Largest Storytelling Platform

New श्रान्त Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about श्रान्त from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, श्रान्त.

Related Stories

    PopularLatestVideo

Durgesh Yadav

इस पथ का उद्देश्य नहीं है श्रान्त भवन में टिक जाना, किन्तु पहुँचना उस सीमा तक जिसके आगे राह नहीं है। ~ जयशंकर प्रसाद #Shayari #soultouching

read more
mute video

Aprasil mishra

तुम कौन हो...? अज्ञात हो, पर नेह की... बरसात हो। व्यवहार तेरा सौम्य है, अनभिज्ञ सा संवाद हो। तृण तुल्य भी परिचय नहीं, पर देख #Live #naturelover #प्रलय #yqhindi #प्रकृति #climatechange #हरिगोविन्दविचारश्रृंखला

read more
"प्रकृति और समाजिक पीड़ा : पुनर्सृष्टि निर्माण हेतु प्रकृति से आह्वान"

( अनुशीर्षक में देखें) तुम कौन हो...? अज्ञात हो,
पर नेह की...   बरसात हो।
व्यवहार   तेरा   सौम्य   है,
अनभिज्ञ   सा  संवाद   हो।
तृण तुल्य भी परिचय नहीं,
पर  देख

Aprasil mishra

"शून्य की ओर एक कदम: पथ - पथिक और उसकी यात्रा " एक जज्बाती यौवन, मुट्ठीभर सामर्थ्य, नश्वर जीवन के अनन्त स्वप्न, अन्तः एव #Journey #Social #yqhindi #strugglesoflife #yqlife #हरिगोविन्दविचारश्रृंखला

read more
" तरुणाई जीवन पथ पर "
      (अनुशीर्षक में)  "शून्य की ओर एक कदम: पथ - पथिक और उसकी यात्रा "

                   एक जज्बाती यौवन, मुट्ठीभर सामर्थ्य, नश्वर जीवन के अनन्त स्वप्न, अन्तः एव

Anil Siwach

|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10 ।।श्री हरिः।। 17 - सात्विक त्याग कार्यमित्येव यत्कर्म नियतं क्रियतेर्जुन। संगत्यक्त्वा फलं चैव स

read more
|| श्री हरि: || सांस्कृतिक कहानियां - 10

।।श्री हरिः।।
17 - सात्विक त्याग

कार्यमित्येव यत्कर्म नियतं क्रियतेर्जुन।
संगत्यक्त्वा फलं चैव स

Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 42 - कुछ बात है आज कन्हाई वन में आकर बहुत थोड़ी देर खेलता रहा है। यह बालकों का साथ छोड़कर अकेले मालती-कुञ्ज में आ बैठा है। दा

read more
।।श्री हरिः।।
42 - कुछ बात है

आज कन्हाई वन में आकर बहुत थोड़ी देर खेलता रहा है। यह बालकों का साथ छोड़कर अकेले मालती-कुञ्ज में आ बैठा है। दा

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 19 - चपल कन्हाई इतना चपल है कि कुछ मत पूछो। यह कब, क्या कर बैठेगा, इसका कुछ ठिकाना नहीं है। हिचकना, डरना तो इसे जैसे आता ही

read more
|| श्री हरि: ||
19 - चपल

कन्हाई इतना चपल है कि कुछ मत पूछो। यह कब, क्या कर बैठेगा, इसका कुछ ठिकाना नहीं है। हिचकना, डरना तो इसे जैसे आता ही

Anil Siwach

|| श्री हरि: || 26 - सेवा इस कन्हाई की सेवा ही सबसे अटपटा काम है। इसने तो जैसे छठी में से सीखा है कि सेवा इसी को करनी है - सबकी करनी है और

read more
|| श्री हरि: ||
26 - सेवा

इस कन्हाई की सेवा ही सबसे अटपटा काम है। इसने तो जैसे छठी में से सीखा है कि सेवा इसी को करनी है - सबकी करनी है और

Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 32 - क्या किया जाय? सबका उपाय है, किन्तु इस कन्हाई का कोई उपाय नहीं। यह कब क्या करने लगेगा, कब क्या मान बेठेगा, कुछ ठिकाना नह

read more
।।श्री हरिः।।
32 - क्या किया जाय?

सबका उपाय है, किन्तु इस कन्हाई का कोई उपाय नहीं। यह कब क्या करने लगेगा, कब क्या मान बेठेगा, कुछ ठिकाना नह

Anil Siwach

।।श्री हरिः।। 53 - श्याम भी असमर्थ आज फिर भद्र रूठ गया है। कन्हाई इसकी सुनता नहीं - इतना विलम्ब हो गया, इसके अरूण कोमल अधर सूखने लगे, उदर न

read more
।।श्री हरिः।।
53 - श्याम भी असमर्थ

आज फिर भद्र रूठ गया है। कन्हाई इसकी सुनता नहीं - इतना विलम्ब हो गया, इसके अरूण कोमल अधर सूखने लगे, उदर न

Anil Siwach

1 - बद्ध कौन? 'बद्धो हि को यो विषयानुरागी' अकेला साधु, शरीरपर केवल कौपीन और हाथमें एक तूंबीका जलपात्र। गौर वर्ण, उन्नत भाल, अवस्था तरुणाई #Books

read more
1 - बद्ध कौन?
 
'बद्धो हि को यो विषयानुरागी'

अकेला साधु, शरीरपर केवल कौपीन और हाथमें एक तूंबीका जलपात्र। गौर वर्ण, उन्नत भाल, अवस्था तरुणाई
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile