Nojoto: Largest Storytelling Platform

New साहित्यकार का पर्यायवाची Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about साहित्यकार का पर्यायवाची from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, साहित्यकार का पर्यायवाची.

    PopularLatestVideo

प्रभाकर अजय शिवा सेन

जग का पर्यावाची #Roses

read more
जग की पर्यावाची मघा😁😁😁😂😄😅

©प्रभाकर अजय शिवा सेन जग का पर्यावाची 

#Roses

Parasram Arora

पर्यायवाची...... #शायरी

read more
खून को पानी का पर्यायवाची  मत मान. लेना
अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै 

उस बसती मे  सच  बोलने का रिवाज  नही है
यहां कोई भी  आदमी  सच.को  झूठ बना कर पेश कर सकता है

ताउम्र अपना  वक़्त   दुसरो की भलाई मे  खर्च करता रहा वो
ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही   सकता है

©Parasram Arora पर्यायवाची......

Gurudeen Verma

शीर्षक - अमीरों की गलियों में
-----------------------------------------------------------
क्योंकि रहा हूँ मैं उनके मकानों में,
रोशनी से नहाते हुए झरोखों में,
बैठा हूँ हमेशा उनकी महफ़िलों में,
और उनके साथ बैठकर,
कभी उड़ाई है दावत भी ll

हाँ, हमेशा मेरी आदत रही है,
दिखाना खुद को इज्जतदार,
खाते पीते घर का चिराग,
और मुझको पसंद नहीं रहा कभी,
मलिन और टूटे - फूटे घरों में रहना,
अनपढ़ और मुफलिसों से दोस्ती करना ll

इसलिए रहा हूँ मैं हमेशा ही,
शूट- बूट पहनकर,
और देखा है उनको नजदीक से,
उनके घर में रहते हुए भी,
 उनके दरवाज़े पर लगा हुआ ताला,
और उनकी स्त्रियों को ताले में बंद ll

अय्याशी और दो नंबर के उनके काम,
इंसानों से ज्यादा कुत्तों को महत्व देकर,
उनके द्वारा कुत्तों को दूध पिलाते हुए,
कुत्तों को अपने सीने से लगाते हुए,
उनके द्वारा उनकी सुरक्षा के लिए,
ताकि गुजर नहीं सके कोई अजनबी,
उन अमीरों की गलियों से कभी भी ll




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला - बारां (राजस्थान )

©Gurudeen Verma #साहित्यकार

Parasram Arora

साहित्यकार #कविता

read more
mute video

Gurudeen Verma

शीर्षक - और क्या कहूँ तुमसे मैं 
-----------------------------------------------------
इच्छा मेरी होती तो है,
और बढ़ाता हूँ कदम भी,
तुमसे मिलने के लिए कभी मैं,
तुमसे खून का रिश्ता जो है,
मेरे परिवार का अंग जो है तू ,
मगर उतार देता हूँ हमेशा मैं,
अपने पहने हुए जूते और कपड़े,
और आ नहीं पाता मैं तुमसे मिलने Il

मैं नहीं पहुंचाना चाहता अब,
कष्ट तुमको और मुझको भी,
मैं नहीं करना चाहता अब कम,
तुम्हारी और मेरी ख़ुशी को,
झुकाना नहीं चाहता अब मैं,
सम्मान और सिर तुम्हारा,
बदलना नहीं चाहता अब मैं,
तुमको और मुझको भी ll

आखिर तुमसे ही तो सीखा है मैंने,
क़ायम रहना अपने इरादे और वादें पर,
तुमने ही तो बनाया है मुझको ऐसा,
मुबारक हो तुमको हर ख़ुशी,
मिले तुमको सदा कामयाबी,
और जहां में रोशन हो तुम,
यही कहता है मेरा अंतर्मन,
और क्या कहूँ तुमसे मैं ll




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला - बारां (राजस्थान )

©Gurudeen Verma #साहित्यकार

Gurudeen Verma

शीर्षक - मेरे हमदर्द , मेरे हमराह, बने हो जब तुम मेरे
----------------------------------------------------------------
मेरे हमदर्द मेरे हमराह, बने हो जब तुम मेरे।
रहोगे अब तो नजरों में, सदा बन ख्वाब तुम मेरे।।
मेरे हमदर्द मेरे हमराह-------------------------।।

बुरी नजरों से छुपाकर, रखूंगा तुमको हमेशा।
रहोगे बनके जीवन में, सदा संगीत तुम मेरे।।
मेरे हमदर्द मेरे हमराह---------------------।।
---------------------------------------------------------------
(शेर )- मत रखना छुपाकर कभी, कोई राज़ तुम मुझसे।
         पी लूंगा अपने आँसू मैं, मत छुपाना दर्द तुम मुझसे।।
----------------------------------------------------------------
लाऊंगा मैं बहारें दोस्त, सदा खुश रखने को तुमको।
रहोगे बनके सितारा, सदा संग दोस्त तुम मेरे।।
मेरे हमदर्द मेरे हमराह------------------।।
---------------------------------------------------------
(शेर )- रहना बनकर हमसाया मेरा, मेरे साथ साथ तुम चलना।  
करना नहीं कभी मुझको नाउम्मीद, बनकर हमदर्द तुम रहना।।
----------------------------------------------------------
बनाकर ताजमहल मैं, रखूंगा उसमें तुम्हें मुमताज़।
रहोगे बनके सिर का ताज, सदा संग में तुम मेरे।।
मेरे हमदर्द मेरे हमराह-------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी. आज़ाद
तहसील एवं जिला - बारां(राजस्थान )

©Gurudeen Verma #साहित्यकार

Gurudeen Verma

शीर्षक- नकाबे चेहरा वाली, पेश जो थी हमको सूरत
-------------------------------------------------------------------
नकाबे चेहरा वाली, पेश जो की थी हमको सूरत।
हमको तो शक था पहले, नहीं है असली यह सूरत।।
नकाबे चेहरा वाली ----------------------------------।।

कैसे तुमने समझ लिया, हमको तुमसे कम विद्वान।
हमने पढ़ाये है तेरे जैसे, चेहरे यहाँ कल को बहुत।।
नकाबे चेहरा वाली ----------------------------------।।

देखकर तेरी पेशगी, लगी तू हमको बहुत बेदर्द।
नहीं तू प्यार के काबिल, नहीं तू प्यार की सूरत।।
नकाबे चेहरा वाली ----------------------------------।।

हमने तो सोचा नहीं था, होगी तू इतनी अहमी।
नहीं तुझमें तहजीब, नहीं है तेरी हमको जरूरत।।
नकाबे चेहरा वाली ----------------------------------।।

तू ही करेगी हमारी गुलामी, मैं नहीं करता गुलामी।
मुझमें नहीं है कोई कमी, बदल लें तू अपनी सूरत।।
नकाबे चेहरा वाली ----------------------------------।।

लूटना तू चाहती है हमको, अपने पर्दे की ओट से।
बतायेंगे तेरी हकीकत तो, तब क्या होगी तेरी सूरत।।
नकाबे चेहरा वाली ----------------------------------।।




शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

©Gurudeen Verma #साहित्यकार

CHANDRA MAULI PACHRANGIA

महान साहित्यकार डॉ. ओमप्रकाश पचरंगिया का परिचय

read more
mute video

मुकेश आनंद

(मैथिली में)
सृजन पर कोई की कहय छैथ, ओय स हमरा कोन सरोकार, 
अपन मोनक व्यथा लिखय छी, नय बनबाक अय पैरोकार,
नाम आ निज लाभ लै लिखनाय यदि होय छय अभीष्ट-
तऽ बाज छी, हमरा नय बनबाक अछि एहेन साहित्यकार। 
-मुकेश आनंद। #साहित्यकार

#reading

Jogendra Singh writer

nojoto ka पर्यायवाची #Light

read more
आपके अनुसार Nojoto का पर्यायवाची  क्या है
Answer in comment section

©Jogendra Singh Rathore 6578 nojoto ka पर्यायवाची

#Light
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile