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Aurangzeb Khan
गुम हो करके अपनी दुनिया में मेरी यादों को कहीं खोने ना देना यादों की शिद्दत चाहे जितना भी सताए इन आंखों को कभी रोने ना देना याद रहे तुम्हारे हर ख्वाबों की ताबीर मैं ही हूं इन आंखों को कोई और सपना सजोने ना देना ©Aurangzeb Khan मैं तुम्हारे ख्वाबों की ताबीर हूं #Thoughts
SHAHNOOR
मेरी रूह की आवाज हो तुम खास नहीं बहुत खास हो तुम काश की होती इलम मुझे कौन हो कहां हो तुम मैं यह सोच कर रहा तकता हूं की मेरी जिंदगी का इं
Mohammad Arif (WordsOfArif)
ख्वाबों की ताबीर लिख रहा हूँ अपने बिगड़े हुए मुकद्दर लिख रहा हूँ दुशवारियों का सबब बहुत है मगर मैं तुझे ख्यालें जेरोजजर लिख रहा हूँ हो सके तो याद हमें भी करना तुम अपने ख्वाबों में तुझे यार लिख रहा हूँ दुश्वारिया घेर लिया है मुझे इस कदर तुझे मैं अपना पुराना प्यार लिख रहा हूँ तू चाहे तो मिल सकता है मुझसे आरिफ़ क्योंकि मैं तुझे अपना हमसफ़र लिख रहा हू ©Mohammad Arif (WordsOfArif) ख्वाबों की ताबीर लिख रहा हूँ अपने बिगड़े हुए मुकद्दर लिख रहा हूँ दुशवारियों का सबब बहुत है मगर मैं तुझे ख्यालें जेरोजजर लिख रहा हूँ हो सके
Sunil Paswan
हम दोनो के प्यार के चर्चे जब सरे आम हुए कसमें वादे के दौर में कई राते कई दिन खास हुए सिल सिला सुरु हुआ ख्वाबों ख्यालों में जीने का तब कहां मालूम था , ये सिर्फ बाते है मन बहलाने का और फिर एक वो दिन भी आता है जब छूटता है साथ अचानक सारे ख्वाबों के "तामीर" धरासाही हो जाते हैं एक साथ वही लोग जो करते थकते नहीं थे कभी हमारी " खुसामदीन " आज हमसे ही भरी महफ़िल में पूछ बैठे हमारे अधूरे ख्वाबों की " ताबीर " #तामीर = इमारत #खुसामदिन = तारीफें #ताबीर = ख्वाब के परिणाम ©Sunil Paswan हम दोनो के प्यार के चर्चे जब सरे आम हुए कसमें वादे के दौर में कई राते कई दिन खास हुए सिल सिला सुरु हुआ ख्वाबों ख्यालों में जीने का तब क
Hisamuddeen Khan 'hisam'
Zoya Shaik
कौन हो तुम...??? मेरी मोहब्बत, या मेरी उल्फत का फितुर हो तुम? या मेरे इज़हार का इनकार हो तुम? या मेरे इश्क के आशिक हो तुम? या मेरे जुनून का इखलास हो तुम? आखिर कौन हो तुम??? कौन हो तुम...??? (कैप्शन में पढ़ें) मेरा रास्ता या मेरे सफर की मंजिल हो तुम? या मेरी राहों के साथी हो तुम? या मेरे तवक़्क़ो की किरण हो तुम? या मेरी ज़िन्दगी की तलाश हो तुम? आखि
aizmalik0
शहर खाली है, यहां कोई परिंदा भी नहीं... मैंने देखा! तेरी आंखों में ज़माना रहता है... ताबीर मेरे ख्वाबों की, हसीन हो जाती है... जिन ख्वाबों में अक्सर, तेरा आना-जाना रहता है... ©Aiz malik0 ताबीर मेरे ख्वाबों की
S Ram Verma (इश्क)
#OpenPoetry ख़्वाबों की तासीर ! तेरे दीदार को तरसती मेरी ये खुमार से भरी दोनों निश्छल आँखें रोज रात एक नया ख्वाब बुन लेती है जिनकी तासीर मेरे होंठों पर चासनी सी धीरे-धीरे उतरती है फिर पूरी रात इश्क़ कतरा-कतरा कर मेरी रूह में धीरे-धीरे उतरता रहता है ! #ख्वाबों #की #तासीर
Mili Saha
काश! ताबीर मिल जाती ख़्वाबों की तो ये इंतजार ना होता तेरी एक झलक पाने की खातिर ये दिल यूं बेकरार ना होता। तेरे तख़य्युल में जी रहे हम खुशियों को भी बनाकर अपना गम तेरे आने की आहट तो आती पर तेरे आने का ना आता मौसम। मयस्सर है हर रिश्ता यहां पर तुम बिन अधूरा है मेरा ये जहां, यादों के अंजुमन में कई बार पुकारा तुम्हें पर मिलते नहीं कहीं तेरे निशां। तेरे एहसासों के सहारे ही जी रहे हम कुछ तो इशारा करो कहां हो तुम, किस क़दर किस दर ना ढूंढ़ा तुम्हें किन वादियों में हो गए गुम। ये जुदाई यूं इबारत-ए-इश्क मिटा सकती नहीं हमारी तकदीर से फ़ना हो जाएंगे हम गर खुदा ने छीना तुम्हें दुनिया की तस्वीर से। लौट आओ ज़िन्दगी में तुम बिन ये सांसे अब संभाली नहीं जाती हर लम्हा पिघल रहे तेरी यादों में हम कि ये ज़िंदगी अब रास नहीं आती। ©Mili Saha काश! ताबीर मिल जाती ख़्वाबों की #alone #nojotohindi