Find the Latest Status about बेलन के आधार का क्षेत्रफल from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बेलन के आधार का क्षेत्रफल.
RJ Ankesh
Prabhu Kishore Sharma ( शर्मा जी)
कभी मां के हाथ में कलम और बाप के हाथ में बेलन भी आना चाहिए, इस जमाने को नए नजरिए को भी अपनाना चाहिए । हमेशा क्यों करे लड़कियां ही घर का काम , कभी लड़के को भी रसोई में हाथ बटाना चाहिए । कौन से कानून मे लिखा है कि वो सिर्फ घर संभालेगी , उन्हें भी घर के बाहर अपना हुनर दिखाना चाहिए । जब साथ मिलकर चलेंगे दोनों तभी दुनिया बनेगी ख़ूबसूरत , यही बात समाज को अपनी सोच में बैठाना चाहिए । अगर मानते हो आप लड़के-लड़कियां है बराबर , तो हमारी बातों पर आपको गौर फरमाना चाहिए । -प्रभु किशोर शर्मा (शर्मा जी) #बेलन
Rohit Bairag
प्रेम का आधार उस प्रेम का आधार क्या हैं? जो अब तुम किसी से करती हो। जो वादे कभी मुझसे किये थे, क्या अब उससे भी करती हो? उस प्रेम का आधार क्या हैं? .............................. चूडिया हाथो की , सिंदूर माथे का तुम्हारा। पूछता तो होगा , की क्या हक़ है अब तुम्हारा। रातो की वेदना और विद्रोह ह्रदय में होना। वो गले में डला मंगलसूत्र भी हिचकता होगा तुम्हारा। नींद आ जाती है क्या बाहो में किसी की तुमको ? या मेरी तरह ही करवटे बदलती हो? उस प्रेम का आधार क्या हैं? ................. टुट कर किसी की बाहो में , क्या वो सुकून मिलता है? क्या तुम्हारे प्रेम में, वो हद से कभी गुजरता है? आयने के सामने बैठ सृंगार जब तुम करती हो, तब वो आयना तुमसे क्या सवाल कुछ करता है ? छूता है जब वो तुमको हाथो से अपने,-2 क्या नजरे अब भी शर्मा के वैसे ही नीचे करती हो? उस प्रेम का आधार क्या है?............ पूछता तो होगा तुमसे , कल रोज आकर तुम्हरा, प्रेम की परिभाषा क्या है? क्या था सम्बंध वो हमारा? कोई किस्सा तो होगा , जो खरोच देता होगा तुमको, या वो बस कोई महज क्या बचपना था हमारा? बाते जो कभी मेरे सीने से लग के करती थी-2 क्या बाते वो ही अब भी किसी से करती हो? उस प्रेम का आधार क्या है .............. (रोहित बैराग) #प्रेम का आधार
Anil Prasad Sinha 'Madhukar'
राम भी तुम रहीम भी तुम दीन दुखियों का संसार भी तुम, आकाश भी तुम पाताल भी तुम सभी के ज्ञान का आधार भी तुम, तुझमे हर प्राणी हर प्राणियों मे तुम तुम बिन नहीं कोई इस जग मे, जल मे भी तुम अग्नि मे भी तुम तुम बसे हो हर कण-कण रग-रग मे, तेरी करूँ क्या मै वंदना तू तो रोम रोम मे समाया है, तू है तो सलामत यह जग है तू है तो कंचन हमारी काया है, राम भी तुम रहीम भी तुम दीन दुखियों का संसार भी तुम, आकाश भी तुम पाताल भी तुम "मधुकर" ज्ञान का आधार भी तुम । #ज्ञान का आधार