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Jyoti Agrahari
एक ज्योति पुंज सी बन जाऊँ ये नाम अमर अब मेरा हो , जग में आएँ तो कुछ करना है वो काम अमर अब मेरा हो। ज्योति
jyoti gurjar
हां हूं में, ज्योति सांवली-सांवली सी ,जरा बावली बावली सी , वो रंग पर बड़ा इतराती हैं, पर हमेशा अपनी मान मर्यादा को खोकर जाती हैं। समाज का नाम बढ़ाने की जगह, वो कुल को ही बदनाम कर जाती हैं। ©jyoti gurjar #ज्योति
VED PRAKASH 73
मेरी प्रारम्भिक शिक्षा व्हाट्सएप पर हुई! बाद में उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए में फेसबुक पर आया! अब मैं यही पर प्रोफेसर हूं... -वेद प्रकाश ©VED PRAKASH 73 #फेसबुक
Meenu Pandey
वक़्त बर्बाद करने वालो को, वक़्त बर्बाद करके छोड़ेगा। ये जानते हैं सभी। फिर भी फेसबुक से दूर होने का मन नहीं करता। 😂🤦♀️🙄 🌷 फेसबुक
Aacharya Mahavir Sharma
काशी विश्वनाथ ज्योतिष अनुष्ठान केंद्र आचार्य महावीर शर्मा मो,📞9936496194
Jyoti Ray
हाथों में हाथ लेकर कभी ना छोड़ना प्यार की डोर साथिया बांध के कभी मत तोड़न w good morning ©Jyoti Ray ज्योति राय
आलोक अग्रहरि
जब किसी भी रिश्ते की सीमा को पार कर जाऊंगा, मैं अपनी ही मर्यादा का अतिक्रमण कर जाऊँगा। आलोक,आलोक मानकर संकट में कोई न पुकारेगा तुम्हें, जब तुम्ही तम-ज्योति बनकर साम्राज्य को डुबोने लगोगे। ✍️✍️✍️ #आलोक_अग्रहरि आलोक का अर्थ प्रकाश और दूसरा अर्थ नाम है तम का अर्थ अंधकार ©आलोक अग्रहरि तम-ज्योति
HP
💐अखंड ज्योति💐 वास्तविक सुख-शाँति केवल ऊपरी दान-पुण्य करते रहने से नहीं मिल सकती। उसके लिये आध्यात्मिक स्थिति का मूलाधार अन्तःकरण को निर्मल एवं शुद्ध करना होगा। ऊपर से दिखाई देने वाले सत्कर्म भी अन्तःकरण की शुद्धता के अभाव में निष्फल चले जाते हैं। दान देते समय यदि यह विचार रहता है कि मैं कोई एक विशेष कार्य कर रहा हूँ और इसके उपलक्ष में हमको सम्मान एवं प्रतिष्ठा मिलनी चाहिए तो निश्चय ही वह दान-पुण्य के फल से वंचित रह जायेगा। किसी की कुछ भलाई करते समय यदि यह विचार रहता है कि मैं किसी पर आभार कर रहा हूँ तो वह उपकार कार्य परमार्थ की परिधि में नहीं आ सकता। किसी परमार्थ कार्य में निरहंकारिता का समावेश तभी सम्भव हो सकता है जब कि मनुष्य का अन्तःकरण निर्मल एवं शुद्ध होगा। अशुद्ध अन्तःकरण की स्थिति में लोभ, मोह, स्वार्थ एवं अहंकार आदि विकारों का आना स्वाभाविक है। अखंड ज्योति
Paramjit Singh landran
कलम किसी की आंखों की ज्योति भी बन सकती है कलम सच्चे मोती भी बन सकती है कलम किसी के हृदय की दुआ बूटी भी बन सकती है तो कलम बताती है कि मैं किसी के लिए कसोटी भी बन सकती है कलम किसी की आंखों की ज्योति भी बन सकती है ©Paramjit Singh landran ज्योति #emptystreets