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कृष्णा
जरूरतों के दौर में अपनेपन का बड़ा शोर होता है, वरना.. इंसानियत दूर दूर तक लापता होती है, और इन्सान कही और मगरुर होता है ©Krishna #दौर जरूरतों का✍️
Shravan Goud
सब जरूरतों का खेल है ना कि स्वाभिमान का। सब जरूरतों का खेल है ना कि स्वाभिमान का।
✍️Neeteesh Kumar
आहट का कलम हू मैं जीवन के पन्ने पर चलता हूं मैं चलते चलते ठोकर लगी तो रुक जाता हूं मैं डर से वही खड़ी पाई बन जाता हूं मैं नई सोच से दुसरी लाइन बना लेता हूं मैं बदलती वक्त में सुख, दुःख लालच, क्लेश,घृणा प्यार मोहब्बत का बदलती पैराग्राफ हो जाता हूं मैं आखिरी सांस तक का एक कहानी बन जाता हूं मैं ©Neeteesh Kumar आहट का क्रम हूं मैं #allalone
Sunil Sharma...
मुद्दतों बाद किसी ने पूछा कहां रहते हो मैंने मुस्कुराकर जवाब दिया ओरो की जरूरतों मैं और अपनी औकात में... # जरूरतों में
Anokhi
सितारा मैं.. उस अंबर का सितारा नहीं जो एक बार टूट कर जुट नहीं पाता है..! मैं...इस धरा का सितारा हूं जो बार बार टूट कर भी जुट जाता है..!! ©Abha Anokhi # टूटना और जुटना जीवन का क्रम है।
PoetrywithAmar
सब जरूरतों का खेल_है ....साहेब जरूरत_अपनी_हो_तो सब_अपने_है नहीं_तो सब_मोह_माया_है ... अमरजीत कुशवाहा #सब #जरूरतों #का #खेल_है ....#साहेब #जरूरत_अपनी_हो_तो #सब_अपने_है
Asif B. Pathan
इबादत वो है, जिसमे जरूरतों का जिक्र न हो..💞— % & इबादत वो है, जिसमे जरूरतों का जिक्र न हो..💞
DM SANAM
उनकी याद कुछ इस तरह अपनी बुराइयों से में कभी नहीं हारा pr haan बुरे तरीके से अपनी जरुरतों को बेशुमार मारा ©DM SANAM अपनी जरूरतों को मारा.... #PoetInYou
Rati Garg
ख़्वाहिश और जरुरत ख्वाहिशों का सिलसिला कभी रुकता नहीं, जरूरतों के बोझ तले ख्वाहिशों को दफनते देख आंखो से अश्क झलक जाते है....पर उसी पल अश्कों को पलकों में ही रोक कर ...नहीं मेरी जान नहीं जरूरतों को पूरा करना है ख्वाहिशें तो आए दिन दरवाजे पर दस्तक देगी...संभाल खुद को क्यों कि तू ही किसी की जरूरत और ख्वाहिश है...नहीं जान नहीं सोख ले इन अश्कों को पलकों में ही...कहीं तेरे अश्क किसी और की आंखो को ना भीगा दे.... मेरी जान ज़रूरतो को किसी की ख्वाहिश समझ कर पूरा करले... ख्वाहिश और जरूरत दोनों एक सी ही है ,फर्क इतना है कि ख्वाहिशों को तू सपनों की दुनिया में भी जी लेगी...पर जरूरत इसे तो पूरा करना ही होगा ना। # ख्वाहिशें और जरूरतों की उलझनें
Rachna
आरज़ू पता ही नहीं चलता कि कब आरज़ू की जगह जरूरतें ले लेती हैं! ©Rachna आरजू नहीं बचती जरूरतों के बाद