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Shubham verma
तुझे भूल जाना मेरे बस में नही तेरा प्यार पाना मेरे हक में नही शुभम त्रिमूर्ति
Ganesha ki ladli
****❤️🤗🤗❤️**** ©❤️ Ganesha ki ladli ❤️ *****मेरी त्रिमूर्ति ❤️❤️❤️**** *******happiness 🤗*****
Poetry with Avdhesh Kanojia
वीरगति दिवस पर वीर त्रिमूर्ति को नमन भगतसिंह सम बलिदानी व सुखदेव से सुख के त्यागी। राजगुरु के गुरुमंत्र से पराधीनता भागी।। नतमस्तक हम इन समक्ष हैं नमन है वीर त्रिमूर्ति को। विस्मृत कैसे कर दें हम इन जैसी परम विभूति को।। ✍️अवधेश कनौजिया© #शहीददिवस वीरगति दिवस पर वीर त्रिमूर्ति को नमन भगतसिंह सम बलिदानी व सुखदेव से सुख के त्यागी। राजगुरु के गुरुमंत्र से पराधीनता भागी।।
Poetry with Avdhesh Kanojia
वीरगति दिवस पर वीर त्रिमूर्ति को नमन भगतसिंह सम बलिदानी व सुखदेव से सुख के त्यागी। राजगुरु के गुरुमंत्र से पराधीनता भागी।। नतमस्तक हम इन समक्ष हैं नमन है वीर त्रिमूर्ति को। विस्मृत कैसे कर दें हम इन जैसी परम विभूति को।। #इतिहास #history #bhagatsingh #sukhdev #rajguru #poetry #poem वीरगति दिवस पर वीर त्रिमूर्ति को नमन भगतसिंह सम बलिदानी व सुखदेव से सुख के
Vikas Sharma Shivaaya'
हिन्दू धर्म के ग्रन्थोंनुसार विष्णु परमेश्वर के तीन मुख्य रूपों में से एक रूप हैं- पुराणों में त्रिमूर्ति विष्णु को विश्व या जगत का पालनहार कहा गया है- त्रिमूर्ति के अन्य दो रूप ब्रह्मा और शिव को माना जाता है...., अन्य नाम- नारायण, वासुदेव, परमात्मा, अच्युत, कृष्ण, शाश्वत विवाह -लक्ष्मी वाहन- गरुड़ अस्त्र शस्त्र- वे अपने चार हाथों में क्रमश: शंख, चक्र, गदा और पद्म धारण करते हैं निवास- विष्णु का निवास क्षीरसागर और शयन शेषनाग के ऊपर है। पद्म पुराण के उत्तरखण्ड में वर्णन है कि भगवान श्री विष्णु ही परमार्थ तत्त्व हैं। वे ही ब्रह्मा और शिव सहित समस्त सृष्टि के आदि कारण हैं। जहाँ ब्रह्मा को विश्व का सृजन करने वाला माना जाता है वहीं शिव को संहारक माना गया है...! "शान्ताकारं भुजगशयनं"। पद्मनाभं सुरेशं । विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् । विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 371 से 382 नाम 371 वेगवान् तीव्र गति वाले हैं 372 अमिताशनः संहार के समय सारे विश्व को खा जाने वाले हैं 373 उद्भवः भव यानी संसार से ऊपर हैं 374 क्षोभणः जगत की उत्पत्ति के समय प्रकृति और पुरुष में प्रविष्ट होकर क्षुब्ध करने वाले 375 देवः जो स्तुत्य पुरुषों से स्तवन किये जाते हैं और सर्वत्र जाते हैं 376 श्रीगर्भः जिनके उदर में संसार रुपी श्री स्थित है 377 परमेश्वरः जो परम है और ईशनशील हैं 378 करणम् संसार की उत्पत्ति के सबसे बड़े साधन हैं 379 कारणम् जगत के उपादान और निमित्त 380 कर्ता स्वतन्त्र 381 विकर्ता विचित्र भुवनों की रचना करने वाले हैं 382 गहनः जिनका स्वरुप, सामर्थ्य या कृत्य नहीं जाना जा सकता 🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' हिन्दू धर्म के ग्रन्थोंनुसार विष्णु परमेश्वर के तीन मुख्य रूपों में से एक रूप हैं- पुराणों में त्रिमूर्ति विष्णु को विश्व या जगत का पालनहार
Raveena
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