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karan Chahal
रात वाले रिश्ते बदनाम होते हैं दिन के उजाले वाले रिश्तों के नाम होते हैं ©karan Chahal रात से रिशता शायरी #viral #shayari_dil_se
Diwan G
मेरे तुम्हारे बीच में जो एक मजबूरी का यह रिश्ता है, कुछ ऐसा है,जैसे गेहूं दो पाटों के बीच में पिसता है। रबड़ सी जिंदगी है,जो मिटाता है खुद भी घिसता है, अब वो बात नहीं प्यार में,कहाँ दो दिलों में टिकता है। यारो खरीददार होना चाहिए,यहाँ प्यार भी बिकता है, शायर सिर्फ कल्पना नहीं,अपना तजुर्बा भी लिखता है। ©Diwan G #मजबूर #रिश्ता #शायर #शायरी #माहर_हिंदीशायर #तजुर्बा #प्यार
jiya Sharma
आंसू जता देते हैं दर्द कैसा है? बेरुखी जता देती है हम दर्द कैसा है ? घमंड बता देता है पैसा कितना है ? संस्कार बता देते हैं परिवार कैसा है? बोली बता देती है इंसान कैसा है? बहस बता देती है ज्ञान कैसा है? ठोकर बता देती है ध्यान कैसा है? नजरें बता देती है सूरत कैसी है? स्पर्श बता देता है नियत कैसी है? और वक्त बता देता है रिश्ता कैसा है? ©jiya Sharma #शायरी #रिश्ता #Winter
अनजान मुसाफ़िर
अब दिल उन्हें, अजनबी समझ रहा है जो अनजान बने थे, बस एक पल के लिए ©अनजान मुसाफ़िर #रिश्ता #शायरी❤️से
इक _अल्फाज़@airs
जिंदगी भर का रिश्ता तुम्हे मंजूर न सही... पर गुजारिश यही है की एक ऐसा रिश्ता बनाए रखना की चाहे कितनी भी दूरी हो पर उस दूरी का एहसास न हो.... @I@A@L@U@ ©इक _अल्फाज़@ars #holdmyhand #रिश्ता #शायरी #नोजोटो
BANDHETIYA OFFICIAL
रिसता, रिसता, रिश्ता है, लब पे है जो फरियाद, कुछ और नहीं, रिसे रस पीव है, है मवाद। ऐसे हरे, पुराने जख्म का क्या करूं, हुई,आती चली-सी रस्म का क्या करूं, मेरे मिटने के साथ ही हो जो नाबाद, कुछ और नहीं, रिसे रस पीव है, है मवाद। दिलको नहीं तमन्ना, आप पे जोर हो, जुबां खुल ले जहां में शोर हो,शोर हो, लो, चुप्पी ही नासूर, मिट लूं, लूं बुनियाद, कुछ और नहीं, रिसे रस पीव है, है मवाद। ©BANDHETIYA OFFICIAL #जख्म रिसता है, रिश्ता है। #Luminance
Kumar Rohit
""""हमारी चाहत चाँद छूने की, उम्मीदों की हसरतों से, हिम्मत की कमी नही मुझ में,उजालो की भी कमी नही, कमी है तो बस उनकी जो समझे मूझे.... ©kumarrohit मेरी डायरी शायरी#शायरी
अनुभव पंडित जी
जरूरी था क्या इतनी बाते करना जरूरी था क्या क्या मुलाकाते करना जरूरी था क्या मालूम नहीं था मोहब्बत हो जाएगी अपनी आदत लगाना जरूरी था क्या ख्यालों से निकालना ही था मुझे अगर तो ख्यालों में लाना जरूरी था क्या और ये तोड़ना ही था गर रिश्ता तुमने फिर इसे गहरा बनाना जरूरी था क्या । ©अनुभव पंडित जी #Chess #शायरी #जरुरी #आदत #रिश्ता