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    PopularLatestVideo
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Champak

ये जो पर्वत सागर झरने 
जब मन को लगते हरने पर्वत

पर्वत

5 Love

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Sunil Kumar Maurya Bekhud

पत्थरों का ढेर हु 
पर्वत है नाम मेरा
बिल्कुल हूँ मैं निठल्ला
कोई न काम मेरा

फिर भी मै बचाता हूँ
तुफान से चमन को
करता न दूर कोई
बेखुद थकान मेरा

©Sunil Kumar Maurya Bekhud
  #पर्वत
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Ramanand prabhu

 नारायण पर्वत

नारायण पर्वत #nojotophoto

5 Love

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सुरेश चौधरी

पर्वत शिखर

पर्वत शिखर

56 Views

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jivika

कई संदिली सही होगी इसने है ना?
तभी तो ये आज इतना सख्त खड़ा है।
एक ही जगह हर मौसम
बिना सिकायत
सब देखता हुआ।
बिना किसी ख्वाहिश और 
बिना किसी दर्द के। #पहाड़ #पर्वत
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kali ram mandoli

 हिमाल पर्वत

हिमाल पर्वत #nojotophoto

6 Love

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Raj Shekhar Kumar


जब भी आवारा बादल को रोक के तू रुलाता हैं
पर्वत तू मेरे महबूब के शहर की याद दिलाता हैं
 #पर्वत#YQdidi
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Gian munkan wala

रफ्तार ठहरी तो मैने एक दुनिया देखी
और मैं उस दुनिया में खो जाना चाहता हूं और वो दुनिया बस्ती है हिमालिया की चोटियों में और जिसने वोह नहीं देखी उसने कुछ नहीं देखा

©Gian munkan wala #हिमालय पर्वत

#हिमालय पर्वत

28 Love

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Kamlesh Kandpal

 हिम पर्वत

हिम पर्वत #nojotophoto

3 Love

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Beerendra Kushwaha Beeru

आने वाला पल आनेवाला पल, जानेवाला है
हो सके तो इस में जिन्दगी बिता दो आनेवाला पल, 😊

आनेवाला पल, 😊 #विचार

0 Love

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ashvini lata

हर्ष पर्वत,राजस्थान

हर्ष पर्वत,राजस्थान

552 Views

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Author Harsh Ranjan

अपने हाथों के लिए पसीजना था,
पर उसे कोई रोता नहीं देखता,
उसकी आँखों को बाट जोहता नहीं देखता।
लोग बस घड़ी की टिक-टिक सुनते हैं,
जो बेपरवाह बढ़ा जा रहा है,
हर जड़ हर जीवित चला जा रहा है।
शायद वो बुजुर्ग तब तक खड़ा रहेगा
जब तक पर्वत और वक़्त चाहता है,
वो पता नहीं किस कमरे के
किस अंधेरे कोने में बौखता है, अलबलाता है,
पर वो हर बार टशन से सामने आता है,
लगता है कि उसने कल ही
कोई छोटी लड़ाई जीती हो,
जैसे उसके दिमाग में कोई गुप्त रणनीति हो। बुज़ुर्ग और पर्वत

बुज़ुर्ग और पर्वत

0 Love

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Author Harsh Ranjan

उसकी कमजोरी शायद किसी
तहखाने में बंद है,
यही चर्चा में है आज, यही द्वंद है।
मैंने उस बुजुर्ग से पूछा है नजरों नजरों में,
ये पर्वत कब तक टूटेगा?
उसने कहा, बस हथौड़ा और वक़्त साथ रहे।
मैं उसपर भरोसा करने को मजबूर हूँ।
कोई कहता है कि भाई
हथौड़ा लेकर पर्वत से लड़ने वाले
विश्वास के काबिल नहीं होते।
मुझे लगता है कि इस घोर कलयुग में
रक्त में राम न हों पर
थाली में रोटी चाहिए,
इस बात का भरोसा किया जा सकता है? बुजुर्ग और पर्वत

बुजुर्ग और पर्वत

0 Love

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Roohi Bhargava

पर्वतों सा ऊंचा तेरा नाम हो 
पर्वतों सा अडिग रहे तू, 
चाहे वर्षा हो या तूफान, 
अपने वचनों पर कायम रहे तू 
. 
इस माँ की बस इतनी है दुआ!  #पर्वत #YQDidi #YQBaba
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sandeep

कारगिल के विर जवानों ने
अपना परचम दिखलाया था
उसके के घर में घुस कर
लोहा उसको मनवाया था।

विजय पताका लहराने को
शहीद खुद को कराया था
जिस पर्वत माला पर धावा बोला 
उसी पर्वत माला पर हराया था।।

झुका दिया था झुका नहीं
इतना साहस दिखाया था 
एक एक सैनिक को उसका
बंधक हमने बनाया था।।

अपना परचम विश्व पटल पर
अंकित कर दिखाया था 
कायर दुश्मन को हमने
उसका औकात दिखाया था।।

उसी के मिट्टी पर उसी को
हमने धुल चटाया था
पर हमने हार नहीं माना 
हार उसे मनवाया था।।

तनी बंदुक को उसने 
खुद बखुद झुकाया था
उस साहस को आज तक
किसी ने नहीं भुलाया है।।

कारगिल के विर जवानों ने
अपना परचम दिखलाया....

नाम :- संदीप कुमार
पता :- दियारी (मजगामा)
जिला :- अररिया (बिहार)
फोन नं :- 7549995604
जीमेल :- jisandeepkmandal@gmail.com

©sandeep #पर्वत #कारगिल #सैनिक
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malay_28

शहर  ख़ामोश  है  गलियाँ   हुई  वीराँ
मुहब्बत का ज़नाज़ा जब निकलता है
नदी   बेचैन  है  साहिल  लुटा  सा  है
ज़रा सा ज़िस्म पर्वत का पिघलता है.

©malay_28
  #ज़िस्म पर्वत का

#ज़िस्म पर्वत का #शायरी

36 Views

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Madhu Kashyap

पर्वतों के पेड़ों पर शाम का बसेरा है
आसंम ने खुश होकर अपना रंग बिखेरा है
भीगे भीगे हवाओं में खुशबूओं का डेरा है
रोशनी की शाम है मस्तियों का घेरा है।

©Madhu Kashyap
  #safarnama पर्वत #पहाड़
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SHI.V.A 369

ये गगनचुम्बी पर्वतमालायें ये फैला हुआ नीला आकाश
इनकी छवि कि तरह मेरी छवि भी होती काश..
ये वो धरोहर हैं जो युगो युगो से मौजुद हैं
मर भी जाऊ तो मेरा नाम,काम भी रहे इनके आसपास..!
एसा काम करूं धरती पर, हो जाऊ सभी के लिये खाश..!!

©Shreehari Adhikari369
  #ये पर्वत मालाये

#ये पर्वत मालाये #प्रेरक

27 Views

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Sarita Kumari Ravidas

इन पर्वतों में न जाने समाएं है राज़ कितने
ख़ामोश से रहते हैं, पर अपने अंदर है
इक गहरा समंदर छुपाए
भाषा की बोली इनकी अलग सी होती
अपनी शीलाओं में अपनी इक सदी छुपाते
वन्य औषधियों का भंडार
रखतें गर्भ में अपने।

©Sarita Kumari Ravidas
  #mountainsnearme 
ख़ामोश पर्वत

#mountainsnearme ख़ामोश पर्वत #कविता

117 Views

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priyanshu Mani tripathi 🌹

 पर्वत हूं मैं

पर्वत हूं मैं #कविता #nojotophoto

16 Love

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Aakanksha Tripathi

हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, 
इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए।

आज यह दीवार, परदों की तरह हिलने लगी,
शर्त लेकिन थी कि ये बुनियाद हिलनी चाहिए।

हर सड़क पर, हर गली में,हर नगर, हर गांव में, 
हाथ लहराते हुए हर लाश चलनी चाहिए।

सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, 
मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए। 

 मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही,
हो कहीं भी आग लेकिन आग जलनी चाहिए।

©Aakanksha Tripathi #पर्वत-सी पीर

#पर्वत-सी पीर

14 Love

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Author Harsh Ranjan

वो पेशानी का पसीना पोंछता है,
उसके कलेजे पर शिला-लेख से
गुदे पड़े हैं उसके आदर्श,
उसे याद है माँ की दी पहली सीख से
कल की हार का अनकहा परामर्श।
उसने देखा है जंगल को जलते,
उसने देखा था उसी जंगल में
फल-फूलों को फलते,
उसने पाया है धूआँ और शोर,
उसने प्रतीक्षा में गुजारी है
सैंकड़ों शामें, अनगिनत प्रहरें और।
सब सब कुछ देखते हैं,
मैं पर्वत पर उसके हथौड़े की चोट
देखता हूँ,
लोग वक़्त-बेवक़्त देखते हैं,
मैं नित-रोज देखता हूँ।
उसे बंधे हाथों पर खीजना था,
उसे अपनी मजबूरी पर बुजुर्ग और पर्वत

बुजुर्ग और पर्वत

0 Love

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Author Harsh Ranjan

बुजुर्ग शायद पर्वत या कि हथौड़ा तोड़ ले,
गिरते विश्वास से, ठंडी पड़ती आस से,
घिरे उपहास से, निर्जला लंबे उपवास से,
सहस्त्रों वर्षों के वनवास से जीतकर
बस घड़ी गिननी है हमें
इतना अंत भी सौ युगों की प्रेरणा है,
या तो बुजुर्ग का नाम, 
या पर्वत का आयाम जियेगा।
जो भी हो किसी एक का नाम रहेगा।
 बुजुर्ग और पर्वत

बुजुर्ग और पर्वत

0 Love

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vimlesh Gautam https://youtube.com/@jindgikafasana6684

तुमसे बातें करने की वजह तो ढूँढ लेंगे हम
मिलोगे जब कहीं पर तुम
हाल दिल का पूँछ लेंगे हम,
मोहब्बत तो मोहब्बत है,
इसे न इश्क फरमाओ
मोहब्बत रब की इबादत है,
दिलों की बेचैनी न बतलाओ।।

©Vimlesh Gautam #पर्वत और मोहब्बत

#पर्वत और मोहब्बत #ज़िन्दगी

15 Love

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माया अग्रवाल

पर्वत और बदली

पर्वत और बदली #कविता

39 Views

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Author Harsh Ranjan

किसी ने दाढ़ी देखी,
किसी ने कुर्ता,
किसी ने पेशानी देखी,
किसी ने जूता।
पर मैं एक इंसान देख रहा हूँ
एक अजेय से दिखने वाले
पर्वत के आगे,
मौन आँखों से,
महत लक्ष्य साधे।
ये दहलीज जिस तक वो
भागता आया था,
आज उसके पार के संसार ने
उसे रेंगना सिखाया था,
उपकरण से हीन थका-थका सा,
वातावरण की आग से पका-पका सा, बुजुर्ग और पर्वत

बुजुर्ग और पर्वत

0 Love

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Author Harsh Ranjan

बुजुर्ग शायद पर्वत या कि हथौड़ा तोड़ ले,
गिरते विश्वास से, ठंडी पड़ती आस से,
घिरे उपहास से, निर्जला लंबे उपवास से,
सहस्त्रों वर्षों के वनवास से जीतकर
बस घड़ी गिननी है हमें
इतना अंत भी सौ युगों की प्रेरणा है,
या तो बुजुर्ग का नाम, 
या पर्वत का आयाम जियेगा।
जो भी हो किसी एक का नाम रहेगा।
 बुजुर्ग और पर्वत

बुजुर्ग और पर्वत

0 Love

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Author Harsh Ranjan

किसी ने दाढ़ी देखी,
किसी ने कुर्ता,
किसी ने पेशानी देखी,
किसी ने जूता।
पर मैं एक इंसान देख रहा हूँ
एक अजेय से दिखने वाले
पर्वत के आगे,
मौन आँखों से,
महत लक्ष्य साधे।
ये दहलीज जिस तक वो
भागता आया था,
आज उसके पार के संसार ने
उसे रेंगना सिखाया था,
उपकरण से हीन थका-थका सा,
वातावरण की आग से पका-पका सा, बुजुर्ग और पर्वत

बुजुर्ग और पर्वत

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