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Amit Mishra

किवदंती- पुरानी मान्यता/लोकापवाद/अफवाह #Trust #lost #Amit #yqbaba #yqdidi #amitmaun

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विश्वास :

गुम है कहीं मतलब की अलमारी में
धोखे की दीवारों के बीच
पैसों की आड़ में छुपा हुआ....

आख़िरी बार देखा गया था उसे
लंगड़ा कर एक पैर पर चलते हुए

अब शायद गिर गया होगा कहीं
कभी ना खड़ा होने के लिए......

आने वाले समय में विश्वास को अतीत की 
किसी किवदंती के रूप में याद किया जाएगा... किवदंती- पुरानी मान्यता/लोकापवाद/अफवाह

#trust #lost #amit #yqbaba #yqdidi #amitmaun

kuNdan kuNal

ताज महल के सम्बन्ध में यह आम किवदंती प्रचलित है कि ताजमहल के अन्दर मुमताज की कब्र पर सदैव बूंद बूंद कर पानी टपकता रहता है , , यदि यह सत्य है #___कट्टर_हिन्दु

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 ताज महल के सम्बन्ध में यह आम किवदंती प्रचलित है कि ताजमहल के अन्दर मुमताज की कब्र पर सदैव बूंद बूंद कर पानी टपकता रहता है , , यदि यह सत्य है

Divyanshu Pathak

सरस्वती नदी के लुप्त होने का उल्लेख तो पुराणों में भी मिलता है।एक किवदंती के अनुसार श्रीराम ने जब समुद्र को सुखाने के लिए अग्निवाण खींच लिया #yqdidi #yqtales #yqhindi #पाठकपुराण #राजस्थान_के_इतिहास_की_झलकियाँ_1

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            बंटबारे के बाद हड़प्पा और मोहनजोदड़ो पाकिस्तान का हिस्सा हो गए तो पड़ौसी ने दावा कर दिया कि सबसे प्राचीनतम सभ्यता की नींव उनकी धरती पर पड़ी।जब इसकी भनक भारतीय पुरातत्व विभाग को लगी तो पूर्वी पंजाब,राजस्थान और गुजरात में उत्खनन आरम्भ कर दिया।इसी के फलस्वरूप प्रसिद्ध पुरातत्ववेत्ता 'अमलानंद घोष' ने कालीबंगा और ऐसे ही कई टीलों को खोज निकाला।खुदाई कर सिन्धु सभ्यता के समकक्ष ही नहीं वरन उससे भी पुरानी सभ्यता के प्रमाण निकाल कर पाकिस्तान का दम्भ चूर-चूर कर दिया।इस कार्य को व्रजवासी लाल और बालकृष्ण थापर ने जारी रखा।राजस्थान का यह ऐतिहासिक स्थान गंगानगर जिले के सूखी घग्घर ( प्राचीन सरस्वती )नदी के तट पर स्थित है।खुदाई में मिले अवशेषों से ज्ञात हुआ कि यहाँ की सभ्यता और संस्कृति बेहद समृद्ध एवं विकसित थी।दुर्भाग्यवश कुछ प्राकृतिक कारणों से सरस्वती नदी लुप्त हो गई और उसी के साथ एक शानदार सभ्यता का ह्रास हो गया। सरस्वती नदी के लुप्त होने का उल्लेख तो पुराणों में भी मिलता है।एक किवदंती के अनुसार श्रीराम ने जब समुद्र को सुखाने के लिए अग्निवाण खींच लिया

saurabh

वह प्रथम पुरुष जिसकी इच्छा उस अंबर तक चलती होगी अंगुल अंगुल हाथों में जिसके सारे जगती होगी एकांत स्वरों में होगा सब कैसे एकांत जिया होगा #Question #yqbaba #yqdidi #yourquotebaba #yourquotedidi

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एक प्रश्न, एक विराम.....  वह प्रथम पुरुष जिसकी इच्छा
उस अंबर तक चलती होगी 
अंगुल अंगुल हाथों में 
जिसके सारे जगती होगी 
एकांत स्वरों में होगा सब 
कैसे एकांत जिया होगा

Insprational Qoute

विरहबेला पँक्तियाँ (चकवा-चकवी) मेल मिलाय मिलन की बेला पिव संग जोड़ बंधो, एक एकांत मोह आत्मा मिलन को प्रेमताल सधो, सुभग सौभग्य से दो हृदय #yqbaba #कविता #yqdidi #हिंदी_कविता #Nishakamwal #चकवा_चकवी

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विरह पँक्तियाँ(चकवा-चकवी)





सम्पूर्ण रचना अनुशीर्षक में पढ़े। विरहबेला पँक्तियाँ (चकवा-चकवी)

मेल मिलाय मिलन की बेला पिव संग  जोड़  बंधो,
एक एकांत मोह आत्मा  मिलन को  प्रेमताल सधो,
सुभग सौभग्य से दो हृदय

N S Yadav GoldMine

#MainAurChaand प्रति दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक देवी सती के दर्शन के लिए आते है, इस मंदिर के इतिहास के बारे में जानिए !! 📯📯 {Bol #पौराणिककथा

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Mayank Aggarwal

मैं अपने बचपन के दोस्त से मिलने उसके घर के लिए निकला ही था कि नुक्कड़ पर चचा ने पीछे से टोक दिया, "शहर में सब कैसा चल रिया है"...पुरे गाँव मे #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqhumour #DarkMan

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पढ़ा लिखा निकम्मा 

     भाग-1 मैं अपने बचपन के दोस्त से मिलने उसके घर के लिए निकला ही था कि नुक्कड़ पर चचा ने पीछे से टोक दिया, "शहर में सब कैसा चल रिया है"...पुरे गाँव मे

Divyanshu Pathak

हुलस_रहा_माँटी_का_कण_कण_उमड़_रही_रसधार_है_त्योहारों_का_देश_हमारा_हमको_इससे_प्यार_है_। भादों माह लगते ही हर दिन व्रत, पर्व, और उत्सव के रूप म #yqhindi #पाठकपुराण #ऋषिपँचमी #देवछठ

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विविक्तसेवी लघ्भाषी यतवाक्कायमानसः।
ध्यानयोगपरो नित्यं वैराग्यं समुपाश्रित:।।
(गी. अ.- 18,श्लोक - 52)

पवित्र वातावरण में रह कर नित्य अपने शब्दों पर विचार करने वाला वैरागी मुझ पर आश्रित रहता है तो इस ध्यान से--

अहंकारं बलं दर्पं कामं क्रोधम् परिग्रहम्।
विमुच्य निर्ममः शान्तो ब्रह्मभूयाय कल्पते।।
(गी. अ.-18,श्लोक-53)

अपने अहंकार ,बल,घमण्ड,काम और क्रोध को त्याग देने में सक्षम होता है और अपने शान्त व्यवहार से पृथ्वी पर मुझे पाता है। #हुलस_रहा_माँटी_का_कण_कण_उमड़_रही_रसधार_है_त्योहारों_का_देश_हमारा_हमको_इससे_प्यार_है_।
भादों माह लगते ही हर दिन व्रत, पर्व, और उत्सव के रूप म
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