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Ananya ThaKur

खुद जल के अपने घर को रोशनी करती है
अपनों को ज़िंदा रखने के लिए रोज़ मरती है

तेरी भी कोई मजबूरी रही होगी
जो इस क़दर तू मर मर के ज़ी रही होगी
कंधों पे जिमेदारियों का बोझ लिए
तू भी घर से बाहर निकली होगी
इसलिए अपनों के लिए तू भी रोज मर मर के ज़ी रही होगी

अपनों के लिए क्या कुछ नहीं करती है
होंठो पे मुस्कान, दिल में लाखों दर्द लिए घूमती है
अपनों को ज़िंदा रखने के लिए रोज़ मरती है
पर फिर भी समाज में वो इज्ज़त नहीं कमा पाती है
जनाब वो तवायफ कहलाती है Inspired by Nishant Singh Rajput 
#yqdidi 
#yqdidiquotes 
#yqhindi 
#ananya1016 
#tawayaf  
#तवायफ 
#तवायफ_जिंदगानी

🍁Ch@nch@l🍁

औरत जिस्म बेचती हैं 
और मर्द उसके पास जा कर 
अपना ज़मीर....
फिर भी जमाना गलती सिर्फ औरत की
बताता हैं!!

-chanchal tomar #तवायफ़

सुशील यादव "सांँझ"

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lokesh jangid

 #तवायफें#बेरंग#इश्क़

Shadab "AAZMAISH"

एक  तवायफ़ जो फ़क़त बेचती है जिस्म अपना
ज़मीर बेच के तुम तो गए-गुज़रे निकले
شاداب آزمائش #तवायफ़

Maneesh Ji

कुछ दर्द भरे अल्फाज़ #तवायफ_कि_ज़िन्दगी

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रोटी कितनी महँगी यें उस औरत 
से पुछो
जिसने जिस्म़ बेचकर इसकी क़िमत 
चुकाई है.... #NojotoQuote कुछ दर्द भरे अल्फाज़ 
#तवायफ_कि_ज़िन्दगी

अमित सिंह

"तवायफ"

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 "तवायफ"

Pinki

तवायफ #शायरी

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Haji imtiyaz

तवायफ #कविता

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एक सुंदर कविता



जिस्म के बाजार में आंख किसी उठाई है
दिल में दर्द और कलम में सियाहि मिलाई है

अंधेरी जिंदगी लेकर किताब को रोशन करने आई है 
यही खबर किसी शरीफों को अखबार ने सुनाई है

ये सुनते ही अपने अपने घर में खुदखुशी रचाई है
शहर शहर में यही मंहुसियत सी छाई है

आखरी लाइन
यही तो रोना है इस दुनिया ने ही बेबस को तवायफ
बनाई है बनाई है


हाजी इम्तियाज़ तवायफ

Dileep

तवायफ #कविता

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जो  मेरी  सराफत  का  अंदाज होता 
तो  मेरी  शिकायत का अंदाज  होता
मैं  ना  आता कभी  भी तेरे  साथ  में
गर तुम्हारी तवायफ का अंदाज होता

तू अकल का  मरा  मैं  समझता  रहा
एक दफा ही नहीं दमबदम  पर  कहा
बेकरारी  में  ही  मेरा  अहसास  होता
तो मेरी  शिकायत  का  अंदाज  होता

खिल रही थी  कली  गैर  के  बाग  में 
मैं   घिरा   तेरी  लगाई   हुई  आग  में
बेझिझक से बचाने को  कुर्बान  होता 
जो  मेरी  सराफत  का  अंदाज  होता

था   इरादा   नहीं   जो   बजाया  मुझे
रेणु  रज  के   है  जैसे   उड़ाया   मुझे
उड़ती रज थामने  में  तेरा  हाथ  होता
 मेरा  आजिज़ी  तो  न  ये  हाल  होता
                         दिलीप अग्निहोत्री

©Dileep तवायफ
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