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FAUJI MUNDAY SOHANLAL MUNDAY
#fauji ki kalm se # फौजी मुंडे सोहन लाल मुंडे
Harjit singh tara
प्यारे दोस्त मुंडे ते कुड़िया बन गये ने दोस्त ज़ामाने नु नागवार हो रहा हे यह सोच वाला ज़माना सानू वी नागवार हे ©Harjit singh tara मुंडे ते कुड़िया #PoetInYou #दोस्त #दोस्तानां #यारी
Jitu Verma
कुड़ियों का छोड़ो इनने कहा खैर दी, नया जमाना है, ये चंगे मुंडे के पास कहा ठहर दी। ©Jitu Verma कुड़ियों का छोड़ो इनने कहा खैर दी, नया जमाना है, ये चंगे मुंडे के पास कहा ठहर दी। #Ka #Ha #in #Love #Frnf #lovely #CalmingNature shiwam
Pankaj Singh Chawla
"आँख मेरी वी भर चली आ" मेरी सोह्निये आज डोली वेले आँख मेरी वी भर चली आ, भावे लोकी मजाक बनाऊँ पर सच आ, आँख मेरी वी भर चली आ, कहंगे लोकी वेखों दूल्हा वी रो पेया, ले के डोली जाना फेर वी ओ रो पेया, मुंडे दा क्यों दिल नही हुँदा उसदा की कोई नई हुँदा, मुंडे दी वी माँ बहन हुंदी, उसदी वी कुछ दिल दी हुंदी, दो पल पहला व्याही कूड़ी मेरे नाल हूण चली आ, सारी उम्र संभ्या जिस बाबुल ने उसदा लड़ छड़ चली आ, वेख के इह मेरा दिल वी डोळ्या, कीनी वड़ी कुर्बानी एह मेरे ते मेरे परिवार ली देन चली आ, इह वेख के आज आँख मेरी वी भर चली आ।। कई वारी डोली वेले वेखन नु मिल जांदा की मुंडा वी रो पेंदा है, पर लोकी उसनु मज़ाक बना लेंदे ने, क्यों मुंडिया दा दिल नी हुँदा, कूड़ी दा भाई बापू
FAUJI MUNDAY SOHANLAL MUNDAY
हर कोई बदला बदला सा है दर्द हर सिने में हल्का हल्का सा है l क्यूँ ये हाल भी न जाने अपना जिंदगी में लगता हर कोई सपना जिंदगी में हर कोई बिछड़ा
रजनीश "स्वच्छंद"
तू क्या है।। हर गुनाह में मस्तक नत है। यही तो हम सबकी गत है। हर कदम पे पकड़े जाते, बदली नहीं अपनी लत है। दुनिया तुमने कितना जाना, खुद को जानो तो सत है। मुंडे मुंडे तो है मति भिन्ना, अपना कैसे एक मत है। हर राह कुचला अपनो को, कैसा सफलता का पथ है। अपनो को जो जाए कुचल, कैसा ये जीवन का रथ है। स्वार्थ सर चढ़ बोल रहा, यहीं आ तो मनुज हत है। क्यूँ अपनी कोई सोच नहीं, नाकों में घोड़े सा नथ है। तेरी ख़ातिर कौन लड़ेगा, जो बैठा तू मूक पस्त है। तू किसकी बाट जोहता, तेरा सूरज पड़ा अस्त है। शब्द नहीं ये दर्पण तेरा, ये खुला ज्ञान का पट है। ©रजनीश "स्वछंद" तू क्या है।। हर गुनाह में मस्तक नत है। यही तो हम सबकी गत है। हर कदम पे पकड़े जाते, बदली नहीं अपनी लत है।
Poetry with Avdhesh Kanojia
याद ਕੀ ਗਕਤੀ ਕੀਤਾ ਮੈਂ ਜੇ ਮੇਰਾ ਦਿਲ ਤੋੜ ਦਿੱਤਾ। ਕੀ ਅਣਖ ਸੀ ਥਵਾਦੀ ਜੇ ਤੁਸੀ ਮੇਨੂ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ।। की गलती कित्ता मैं जे मेरा दिल तोड़ दित्ता। की अनख सी थवाडी जे तुस्सी मेनू छड दित्ता।। ਤੁਸੀ ਜਦੋਂ ਮੇਰੇ ਨਾਲ ਹੱਥ ਫੜ ਕੇ ਬੈਠਾ ਮਰਦੇ। ਸਾਰੇ ਮੁੰਡੇ ਪਫੋੜ ਵਾਲੇ ਦੂਰ ਬੈਠੇ ਜਲਾ ਕਰਦੇ।। तुस्सी जदों मेरे नाल हथ फड़ के बैठा करदे। सारे मुंडे पड़ोस वाले दूर बैठे जला करदे।। ਮੇਰੇ ਖ਼ਰਾਬ ਵਕ਼ਤ ਵਿਚ ਜੇ ਅੱਜ ਤੂ ਮੇਰੇ ਨਾਲ ਨਹੀਂ। ਯਾਦ ਕਰ ਵੋ ਗਲ ਜੇ ਮੈਂ ਤੈਨੂੰ ਪਿਆਰ ਨਾਲ ਕਹੀ।। मेरे ख़राब वक़्त विच जे तू मेरे नाल नहीं। याद कर वो गल जे मैं तेनू प्यार नाल कही। ਅੱਸੀ ਬਣੇਂ ਦੁਖ ਦੁਖ ਦੇ ਸਾਥੀ ਰਹੇਂ ਪਿਆਰ ਦੇ ਭਾਵ ਵਿਚ। ਨੀ ਹੁੰਦਾ ਸੁਖ ਧਨ ਦੋਲਤ ਵਿਚ ਜੇ ਪਿਆਰ ਦੇ ਭਾਵ ਵਿਚ।। अस्सी बने सुख दुख दे साथी रहें प्यार दे भाव विच। नी हुंदा सुख धन दौलत विच जे प्यार दे भाव विच।। ✍️ਅਵਧੇਸ਼ ਕਨੋਜਿਆ© ✍️अवधेश कनौजिया© याद ਕੀ ਗਕਤੀ ਕੀਤਾ ਮੈਂ ਜੇ ਮੇਰਾ ਦਿਲ ਤੋੜ ਦਿੱਤਾ। ਕੀ ਅਣਖ ਸੀ ਥਵਾਦੀ ਜੇ ਤੁਸੀ ਮੇਨੂ ਛੱਡ ਦਿੱਤਾ।।