Find the Latest Status about अतिथि सत्कार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, अतिथि सत्कार.
ashutosh anjan
अतिथि सत्कार (लघु कथा के रूप में अनुशीर्षक 👇में) अतिथि सत्कार सेवा भारतीय संस्कृति का परम कल्याणकारी व्रत है। शास्त्रों में वर्णित है। मातृ देवो भव ! पितृ देवो भव ! अतिथि देवो भव ! आचार्य द
अज्ञात
पेज-90 कथाकार किसे बार बार देखता जा रहा है..? हाँ वो आँखें जो सबसे नजरें बचाते फिर रही हैं..! जिसे इज़हार तो अपनी खुशी का करना है मगर जो खोने की बेला आ रही है.. कैसे उसका सामना कर पायेगा... बार बार सबको देखकर हाथ जोड़ता और मुस्कुरा जाता है... कथाकार ने राकेश को प्रेरित किया, और राकेश उनके पास जाकर बैठ गया... उन्होंने राकेश का हाथ पकड़ लिया.. यहाँ वधु ने वरमाला पहना चुकी थी... लेकिन यहाँ तो एक पिता जाने क्यूँ अपनी बेटी के बचपन में जा चुका था...ये रस्में मानो उसके हृदय को वेध रही हों... मगर अभी उसे केवल मुस्कुराना है.. वो पिता है ना.. फिर पुरुष भी है... टूटकर बिखर जायेगा तो बेटी का क्या हाल होगा..राकेश उस पिता की मुस्कुराहट के पीछे दबी वेदना समझ रहा है उनका ध्यान वहाँ से हटाकर आगे के कार्यक्रम से जोड़ता हुआ... तभी आगे कैप्शन में.. 🙏 ©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी पेज -90 पुरोहित जी का संकेत पाकर प्राजक्ता ने एक जयमाल दूल्हे राजा को दिया..आज एक जयमाल दूल्हे को विश्व विजयी कर जायेगा...
Arora PR
अतिथि वो है. जो बिना तिथि बताये आपके घर मेआकर खड़ा हो जाता है और अपनी वापसी की तारीख मेज़बान को बताने से कतराता है ©Arora PR अतिथि
ß@Đ~B0¥
*सत्कार* तुझे हवश है जिस्म का तुझे कोई प्यार नही है उस आत्मा को पूज के देख उससे बड़ा उस देवी का सत्कार नही है ©DK चौरसिया~★ #सत्कार
डॉ जेपीएस चौहान
साहब ने कहा ' अतिथि विद्वान बोझ के रूप में मुझे पिछली सरकार से मिले थे ' भगवान न करे, सबसे बड़ा बोझ तो होता है 'कमल' के कंधे पर 'नकुल' की लाश विश्वास न हो तो काव्यांश के अतिथि विद्वान पिता राजकुमार से पूछ लो,जिन्हें आपने इतना बड़ा बोझ उठाने पर मजबूर कर दिया 😢कफन जितना छोटा होता है जनाज़ा उतना ही भारी होता है😢 अतिथि विद्वान
Parasram Arora
पूरब मे मृत्यु को न केवल स्वीकार किया जाता है बल्कि उसका स्वागत भी किया जाता है पूरब क़े लिए मृत्यु एक दिव्य अतिथि है ज़ब वह दरवाज़े पर दस्तक देती है तो इसका मतलब होता है ये ब्रह्माण्ड हमारा वापस स्वागत करने क़े लिए तैयार है ©Parasram Arora दिव्य अतिथि
डॉ जेपीएस चौहान
जो तन मन से हिंदुस्तान का है क्या हिंदुस्तान न उसका है ? जो संविधान की शिक्षा देता वह संविधान न उसका है? समान काम समान वेतन का जिस पर लागू नहीं विधान पूछो कौन है वह इंसान ?????? महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान अतिथि विद्वान
डॉ जेपीएस चौहान
स्वतन्त्रता और गणतंत्र दिवस पर कैदी भी लड्डू पाते हैं, बमुश्किल जो मिलते थे ,इसके, मानदेय कट जाते हैं। भूखे पेट जो गाता है मेरा भारत देश महान, पूछो कौन है वो इंसान?महाविद्यालयीन अतिथि विद्वान। अतिथि विद्वान