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Author Harsh Ranjan
पुर्जे को पुर्जों के साथ चलना होगा। यही इंजीनियरिंग हमें सिखाई गयी है। अगर मशीन की फिलॉसफी ठीक है तो किस बात की लड़ाई है? क्रांति एक कुचले इंसान का सुंदर और हिम्मतवर सपना है, क्रांतिवीर वो पौध हैं जिन्हें उपजाना नहीं चाहते किसान। क्रांति सुलगती जमीन पर मौत सी आम है या अन्य जगहों में एक आदर्श परिवर्तन की कहानी। जब कर्मी काम को ले, थोड़ा रोमांटिक होता है तो वो अक्सर सुधार की सोचता है और जब वही कर्मी नींद से जगकर, सुबह अपनी धोता है, तो उसे विचारों की उल्टियाँ नहीं होती, वो अटके-लटके खाकर पटके बस शाम तक के लिए चार्ज होता है। यही मशीन और सिस्टम की जात है और कल-कब्जों की यही औकात है। कल-पुर्जे और क्रांति
Author Harsh Ranjan
'मशीनों की यही कहानी है कि वो कल-पुर्जों का समाज है।' मैंने झंडा उठाये एक किरानी को देखा, वो चिल्ला रहा था, हो सकता है उसका कोई स्वार्थ, कोई कमी, पर वो बीते कल से कुछ कहना चाह रहा था। बावन फुट की मशीन में एक डेढ़ इंच के पुर्जे का बयान, एक छोटी दिक्कत है, पर ये भूल से हो, शौक से हो, भारी हिमाकत है। आलू को सोना करने वाली मशीन एक पुर्जे की बगावत से आलू को गोबर नहीं कर सकती। थोड़ा उल्टा, ज्ञान को गोबर बनाने वाली मशीन एक पुर्जे की हिमाकत से ज्ञान को बम नहीं कर सकती। विश्वास करो। पुर्जे की हिमाक़त पर उन्हें 'ठीक' किया जाता है, उनकी बगावत पर उन्हें बदल दिया जाता है। कल-पुर्जे और क्रांति
Author Harsh Ranjan
पुर्जे को पुर्जों के साथ चलना होगा। यही इंजीनियरिंग हमें सिखाई गयी है। अगर मशीन की फिलॉसफी ठीक है तो किस बात की लड़ाई है? क्रांति एक कुचले इंसान का सुंदर और हिम्मतवर सपना है, क्रांतिवीर वो पौध हैं जिन्हें उपजाना नहीं चाहते किसान। क्रांति सुलगती जमीन पर मौत सी आम है या अन्य जगहों में एक आदर्श परिवर्तन की कहानी। जब कर्मी काम को ले, थोड़ा रोमांटिक होता है तो वो अक्सर सुधार की सोचता है और जब वही कर्मी नींद से जगकर, सुबह अपनी धोता है, तो उसे विचारों की उल्टियाँ नहीं होती, वो अटके-लटके खाकर पटके बस शाम तक के लिए चार्ज होता है। यही मशीन और सिस्टम की जात है और कल-कब्जों की यही औकात है। कल-पुर्जे और क्रांति
Author Harsh Ranjan
'मशीनों की यही कहानी है कि वो कल-पुर्जों का समाज है।' मैंने झंडा उठाये एक किरानी को देखा, वो चिल्ला रहा था, हो सकता है उसका कोई स्वार्थ, कोई कमी, पर वो बीते कल से कुछ कहना चाह रहा था। बावन फुट की मशीन में एक डेढ़ इंच के पुर्जे का बयान, एक छोटी दिक्कत है, पर ये भूल से हो, शौक से हो, भारी हिमाकत है। आलू को सोना करने वाली मशीन एक पुर्जे की बगावत से आलू को गोबर नहीं कर सकती। थोड़ा उल्टा, ज्ञान को गोबर बनाने वाली मशीन एक पुर्जे की हिमाकत से ज्ञान को बम नहीं कर सकती। विश्वास करो। पुर्जे की हिमाक़त पर उन्हें 'ठीक' किया जाता है, उनकी बगावत पर उन्हें बदल दिया जाता है। कल-पुर्जे और क्रांति
MINTU KUMAR
तोड़ तो कोई भी सकता है जोड़ना सीखो, रिश्तों में थोड़ा खुद को सिकोड़ना सीखो। वक्त बदलते ही लोगों को बदलते देखा है, अपने झूठे घमण्ड को तोड़ना सीखो ।। -Mintu kumar जोड़ना सीखो
Rakhi Yadav
परिवार को जोड़कर रखने के लिए..... कभी अंधा,कभी बहरा,कभी गूंगा बनना पड़ता हैंI ©Rakhi Yadav परिवार को जोड़ना
Saurav Das
मिले हम दोनों बड़े खुमार से बस फर्क इतना था कि मुझे सब जोड़ना था,और उसे सब तोड़ना था!! ©Saurav Das #जोड़ना #तोड़ना #Lumi
Anamika
जज्बातों के ढ़र्रे हिला न बैठे दिमाग़ के पुर्जे.. #cinemagraph #ढ़र्रे#पुर्जे #यूंही #एहसास #दिमाग_और_दिल #तूलिका