Find the Latest Status about सामरिक मानव संसाधन प्रबंधन from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, सामरिक मानव संसाधन प्रबंधन.
Parasram Arora
एक मासूम सां नन्हा परिंदा भी नए शिशु क़ो जन्म देने के लिये सबसे पहले किसी हरे भरे वृक्ष की सबसे ऊंची और छायादार शाख का चयन करता है जहाँ वो अपने संभावित शिशु क़ो जन्म देने से पहले एक सुखद आरामदेह घोंसले का निर्माण कर ...सके . और ये सब उसके सुखद भविष्य केलिए उसके प्रबंधन का हिस्सा है लेकिन हम अव्यवस्था वाले परिंदे की सोच की न तो सराहना करते है न उनका हम अनुगमन ही करते है ©Parasram Arora प्रबंधन....
Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).
मुसीबत में सरल और शांत, धनप्राप्त होने पर ईमानदार , सत्ता में आने पर विनम्र, सहज रहें और क्रोध में शांत रहें, इसे ही तो कहते हैं - "'जीवन प्रबंधन'" ©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ). जीवन प्रबंधन ।
Ek villain
नए साल को सार्थक बनाने की चुनौती शीर्ष से युक्त आलेख में प्रोफेसर श्री राम चोलिया ने 2022 में सामरिक दृष्टि से भारत किस स्थान पर स्थित होने वाली जिन चुनौतियों की चर्चा की है भारत उसमें भी खबर नहीं है लेकिन जब चुनौतियां देने वाला चीन जैसा प्रतिबंध अधिक ताकतवर हो तो उसे सामना करने के लिए भारत के पास समय रिकी संसाधन अपेक्षाकृत कम हो तो बात कौशल और हॉस्टल पर आकर टिक जाती है भारत का इतिहास इस तरह के सामाजिक चुनौतियों से भरा पड़ा है कि जहां मुट्ठी भर सैनिकों ने सीमित संसाधनों से अपने से कई गुना सकती साली दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप ने 20000 बार दुर्ग राजपूत सैनिकों के साथ मुगल शासक अकबर की 80000 सो जाती सेना का सामना जिहाद सोच ले के साथ किया था वह आज भी समय है 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना की जज्बा जी ने पाकिस्तान के 90000 हथियारबंद सैनिकों को स्मरण करने के लिए मजबूर कर दिया था भारत के 8 जाने पर लद्दाख के गलवान घाटी से चीन सैनिकों के पीछे हटना पड़ा अब वही चीन भारत के अभिन्न अंग अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों पर जबरन कब्जा करने की फिराक में है अभी हाल ही में चीन ने एक छोटी घटिया हरकत करते हुए भारत के राज्य अरुणाचल प्रदेश का चीनी नाम जिंगा न बताते हुए उसके 15 सालों के नाम चीनी तिब्बती और रोमन वर्णमाला में मानव कृत किए हैं जिसका भारत के विदेश मंत्रालय ने कड़ा प्रतिकार करते हुए यह कहा है कि नाम बदलने से पीते नहीं बदल जाते ©Ek villain # 2022 की सामरिक चुनौतियां #HappyNewYear
Parasram Arora
क्यों न करे हम साँसो का श्रेश्टम प्रबंधन जबकि एक एक सांस हमारी अर्थपूर्ण बन सकती हैँ जैसे कहीं सहज रूप मे बैठ कर साँसों क़े सुखद विनियोजन से अद्भुत आनंदका अनुभव पाया जा सकता हैँ सांन्स लेने कामतलव केवल किसी तरह से सांस लेना या छोड़ना ही नहींहै जबकि हम सांस क़े प्रति मूर्छित बने रहते हैँ और अपना ध्यान दिमाग़ मे चल रही बेकार की चीजों मे झोंक देते हैँ तभी तो रह जाती हैँ उपेक्षित हमसे . ये सृष्टि और उसके रचियता की अनुपम कृतियाँ साँसो का प्रबंधन.......
Ek villain
इन दिनों रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है सारी दुनिया की निगाह इन दोनों के देशों के ऊपर लगी हुई है इसके अलावा साहिबा मैदान में भी एक लड़ाई हो रही है जिस पर हम सूचना से नाम से जानते हैं जहां इंटरनेट मीडिया कंपनी के सारे छवि निर्माण की कुर्ती है एक तरफ से अमेरिका यूरोपीय संघ के देश है जो मानते हैं कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सारी दुनिया के लिए खतरा है दूसरी औरत के राष्ट्रपति सारी दुनिया किसी के समझ में लगे हैं कि रूस का गौरवशाली सबसे किसी देश के बनाते हैं उसी मीडिया से मिली बड़ी भूमिका होती है हर समस्या का समाधान नहीं हो सकता इसके निर्माण का काम से नहीं छोड़ा जा सकता क्योंकि वह अपनी बातें हो जाती है इससे दूसरे लोगों तक नहीं पहुंच पाती है शायद यही वजह है कि रूस ने अमेरिकी कंपनी फेसबुक पर रोक लगा दी है रोटी सरकार का आरोप है कि दोनों साइड इसके खिलाफ दुष्प्रचार कर रही है फेसबुक ने रूस की स्थानीय मीडिया पर यूक्रेन में उसके सैन्य कार्रवाई और विज्ञापन चलाने को लेकर रोक लगाई थी जवाब फेसबुक ने पूरी यूरोपीय संघ में रूसी मीडिया राज्य मीडिया अलर्ट आरटीआई स्पूतनिक को ब्लॉक किया और गूगल में भी राशियां टू टॉर्च होने यूट्यूब चैनल को ब्लॉक कर दिया गया अमेरिका के इतिहास ही ऐसी नीतियों का रहा है कि उसके वास्तविक हितों की पूर्ति करें ऐसे संस्थाओं का शोषण करता है जो उसके हितों को समाधान में मददगार बने ©Ek villain #सामरिक हथियार बनाती सूचनाएं #Moon
विवेक कुमार सिंह
Shree Ram दूसरों के दम पर चाहे जितना भी, इतरा लो, जो ख़ुद के पास कुछ नहीं तो तुम बेदम हो। बिना खु़द के संसाधन जो संकट में पड़े, तो समझना कि आज नहीं तो कल तुम खत्म हो।। अपना संसाधन #VKS
Sachin Pathak
प्रेम के संसाधन ! आधुनिकता अपने चरम पर है, प्रेम कायम है, मगर सलीके बदल गए है, आधुनिकता कुछ कम जच रही हो तुम पर, ऐसी तो कोई बात नही, पर इनके चक्कर में प्रेम के संसाधन कम हो रहे हैं। बात ऐसी है कि स्कार्फ तुम पर लाज़वाब जचता है, पर कलम हमारी दुपट्टे का लहराना लिखना चाहती है, हमारे हाथों में तुम्हारे दुपट्टे का फसना ये, दो फुटिया स्कार्फ़ क्या समझेगा। हवा का झोंका तो छोड़ो, आंधी ही आ जाये, मजाल है, कि तनिक भी अपनी जगह, किसी और को दे, दें। ये दुश्मन यू. वी किरणों का चैप्टर जुड़ा क्या किताबों में, वो आँखों के नीचे वाला कलूटा पहरेदार मानों कहीं छुप गया है, उसकी जगह विराज गए हैं, ये अमरीश पुरी ऐनक साहब, आधा प्रेम साहित्य जिन आँखों पे लिख मरे, ग़ालिब ज़माने के, ये कल का आया पर्यावरण विज्ञान उन पन्नों को रीसायकल करने पे तुला है नौ नौ चुडिया छोड़ो, हम तो पटवे की दुकान पर डेरा जमाए बैठे है, पर ये कम्बख्त ब्रेसलेट तुम्हारी कलाई तो छोड़े, प्रेम के संगीत में चूड़ियों की धुन गुम होती जा रही है, कितने भी चमके ये , पर चूड़ियों की भाषा बोल ले, इतना तजुर्बा कहाँ है इन्हें, युगों युगों की तपस्या के बाद ये कला पायी है चूड़ियों ने। तुम मिलोगी वो बात अलग है, मगर हम प्रेम जताएंगे के कैसे, संकट घनघोर है, प्रेम के संसाधन कम हो रहे है। प्रेम के संसाधन।