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Parasram Arora
खून को पानी का पर्यायवाची मत मान. लेना अनुभन कितना भी कटु क्यों न हो वो.कभी कहानी नही बन सकताहै उस बसती मे सच बोलने का रिवाज नही है यहां कोई भी आदमी सच.को झूठ बना कर पेश कर सकता है ताउम्र अपना वक़्त दुसरो की भलाई मे खर्च करता रहा वो ऐसा आदमी कुछ पल का वक़्त भी अपने लिये निकाल नही सकता है ©Parasram Arora पर्यायवाची......
Pushpa Sharma "कृtt¥"
झूठ के लिबाज़ में वो सच को छिपाये जा रहें थे, अपनी बदसलूकी को मजबूरियों में गिनाए जा रहे थे। हम सच ही समझ बैठें उनकी हर बात को, और वो इसी बात का फ़ायदा उठाएं जा रहे थे। ©Pushpa Sharma #सच_के_लिबाज़_में #बदसलूकी #नोजोटोहिंदी #think
Jogendra Singh writer
आपके अनुसार Nojoto का पर्यायवाची क्या है Answer in comment section ©Jogendra Singh Rathore 6578 nojoto ka पर्यायवाची #Light
Ek villain
देश की राजधानी दिल्ली में जापानी महिला पर्यटक के साथ होली के अवसर पर कुछ अति उत्साहित युवाओं के द्वारा की गई जोर जबस्ती और रंग डालने के साथ बदसलूकी की घटना शर्मसार करने वाली है एक तरफ हम वासुदेव कटु बकायन की बात करते हैं तो ऐसी घटना देश की साख पर बट्टा लगाती है केंद्र सरकार एवं सभी राज्य सरकार द्वारा अतिथि देवो भव की संकल्पना को ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की जा रही है ऐसे में कोई विदेशी पर्यटक के साथ घटित अप्रिय घटना मन को विचलित करने वाली है ऐसी घटनाओं से ही देश में पर्यटकों का धक्का लगता है और भारत की छवि खराब होती है ©Ek villain #amirkhan विदेशी पर्यटक से बदसलूकी भारत के लिए शर्म की बात
Hsindia India
इतनी बदसलूकी न कर यह जिंदगी मेरी हम konshe यह बार, बार आने वाले हैं।hs india 7746878943 ©Hsindia India इतनी बदसलूकी न कर जिंदगी मेरी
प्रभाकर अजय शिवा सेन
जग की पर्यावाची मघा😁😁😁😂😄😅 ©प्रभाकर अजय शिवा सेन जग का पर्यावाची #Roses
KaviManoj kr MRidul Yaduwanshi
हे ! कन्हैया कर्ज वफाएं का सिर्फ हम ही को दे रखा है। अपनों से सजा- ए- गम भी सिर्फ हम ही को दे रखा है। बेशक आप भी बदसलूकी कर सकते है हमसे जनाब... क्यूंकि शिष्टाचार,समझदारी का ठेका सिर्फ हम ही ने ले रखा है। ©Manoj kr Mridul Yaduwanshi बेशक आप बदसलूकी कर सकते है... #WallPot
Parasram Arora
कोई पुरखो को पानी पहुंचा रहा हैँ कोइ गंगाओ मे पाप धो रहा हैँ कोई पथर की प्रतिमाओं के सामने बिना भाव सर झुकाये बैठा हैँ धर्म के नाम पर हज़ार तरह की मूढ़ताएं प्रचलन मे हैँ धर्म से संबंध तो तब होता हैँ जब आदमी जागरण की गुणवत्ता हासिल कर लेता हैँ जहाँ जागरण होगा वहा अशांति कभी हो ही नहीं सकती क्यों कि जाग्रत आदमी विवेकी होता हैँ इर्षा क्रोध की वृतियो से ऊपर उठ चुका होता हैँ औदेखा जाय तो धर्म औऱ शांति पर्यायवाची शब्द हैँ धर्म औऱ शांति...... पर्यायवाची शब्द हैँ