Find the Latest Status about पूर्णरूपेण from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, पूर्णरूपेण.
Alok Vishwakarma "आर्ष"
फरवरी के मास में, सावन की सुरुचि सुवास में लवलीन सुमन परास में, मनु के दिपित उच्छवास में यह काव्य प्रकृति तरंग है यह प्रेम हृदय उमंग है दिन बीतते लव मास के, ऋत शीत अंतिम श्वांस के गरिमा ले ग्रिष्म पलाश के, मनु सत्व सरल हुलास के यह स्वर नमस्य मतंग है यह प्रीत आत्म अनंग है "फ़रवरी की प्रीत" जिस कविता की चर्चा आपने अपने कथन में की थी, उसे प्रकट रूप देते हुए स्वयं में बड़े हर्ष की अनुभूति हो रही है। deepti T मेरी
Alok Vishwakarma "आर्ष"
मृदु घनिष्ठ शब्दों की मानो वे सम्मिश्र हैं, आत्मनाद से प्रोत प्रीति की वो प्रतिमा हैं । लेखन का निर्माण नया वे करें स्वजन हित, अह अनन्त वो शब्द वर्ण की निधि सीमा हैं ।। कैसे वचन का ध्यान धरूँ कैसे कुछ सोचूँ, सहज सरल वे शान्त पूर्णिमा हैं गरिमा हैं । कीर्ति के सन्धान हेतु मैं शब्द समेटूँ, निश्चल असुवन सी पावन दिवमति सीमा हैं ।। #yqdidi #yqhindi #yqfriends #yqpoetry #yqdiary आपकी लेखनी में सरलता का भाव पूर्णरूपेण है.. हिन्दी भाषा का ऐसा प्रयोग तो हम भी नहीं कर पाते ज
Kulbhushan Arora
मैं अजीब नमूना हूं🙃😂 जब किसी से मिलता हूं, पूर्णरूपेण मिलता हूं, उसके हर श्वास में, उसके हर पल में... और जब बिछड़ता हूं, पूरी तरह बिछड़ जाता हूं, इतना...... कि मेरी याद से भी घबराहट हो ऐसा ही हूं मैं 🙃😆😂😍 मैं अजीब नमूना हूं🙃😂 जब किसी से मिलता हूं, पूर्णरूपेण मिलता हूं, उसके हर श्वास में, उसके हर पल में... और जब बिछड़ता हूं, पूरी तरह बिछड़ जाता
Lalit Machhi
Woh kya baat thi ..? *दर्द को अपने मूल उद्गम तक पहुंचने की प्रबल इच्छा के रूप में स्वीकार करें। -चारी जी महाराज "वास्तव में दर्द हमारे असली मकान की खिड़की पर रखे
PRIYA SINHA
Insprational Qoute
विधा:- पत्र लेखन ****************** विषय :- रोटी का एक गृहिणी को प्रत्युत्तर *********************************** सम्पूर्ण पत्र पढ़ने हेतु कृपया अनुशीर्षक में पढ़ियेगा🙏🙏🙏 विधा:- पत्र लेखन ****************** विषय :- रोटी का एक गृहिणी को प्रत्युत्तर *********************************** ल.म.व.पुर, च.घ.ड़ नगर,
||स्वयं लेखन||
संविधान! देश के संचालन का लिखित विधान है, अव्यवस्थाओं को दूर करने का समाधान है । भारत में जो हुई लोकहित में उद्घोषणा है, 26 नवंबर को लाया गया ये विहान है। 26 जनवरी 1950 में पूर्णरूप से हुआ आत्मसात हमारा संविधान है। ©||स्वयं लेखन|| देश के संचालन का लिखित विधान है, अव्यवस्थाओं को दूर करने का समाधान है । भारत में जो हुई लोकहित में उद्घोषणा है, 26 नवंबर को लाया गया ये विह
Dhaneshdwivediwriter
प्रेम की पुकार ©Dhanesh Dwivedi प्रेम की पुकार प्रेम कहाँ सुनता है? अक्कसर प्रेम अनसुना करता है, किसी का भी हो, कोई और ही होता है। हम प्रेम पुकारते हैं प्रेम भी प्रेम पुका
Sachin Ken
कभी कभी इन्शान को जिन्दगी में उन सब परिस्थितियों का सामना करना पड़ जाता है जिनके बारे में उसने कभी सोचा भी ना हो,''ऐसा मैंने सुना था पर पिछले
ALOK Sharma
आदर्श विद्यार्थी pleas read in caption # education काक चेष्ठा वको ध्यानम स्व निंद्रा तत्थवये च। अल्पाहारी गृहत्यागी विद्यार्थियम पंच लक्षणा। । अर्थात