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Nikhil Vairaagi
देखो हम आज़ाद हैं, तभी तो एक तरफ गीता और दूसरी तरफ क़ुरान है सब कुछ बिकता है आज़ादी के बाद यहाँ धर्म मज़हब सब कुछ हर कोई विद्वान है धर्म अब जीवन का सलीक़ा नही यहाँ मज़हब के लिए मारने को भी तैयार हैं देखो ना हम कितने आज़ाद हैं जो बेख़बर हैं आज़ादी से ख़रीद लें मिलती तो है हथियारों के दम पर कभी राम तो कभी अल्लाह के नाम पर क्या हुआ जो चार-छः मरेंगे संस्कृति के नाम पर, हमे तो आधुनिक बनना है मगर ज़िहाद के साथ आज़ाद हैं हम, देंगे कीमत आज़ादी की आख़िर हूरों से भी मिलना है, तो क्या हुआ अगर काफ़िर गुज़र गये चार, आज़ाद हैं हम, लड़ेंगे आखिरी सांस तक बदलने को तक़दीर मारेंगे मारेंगे पाने को अपनी ज़ागीर कभी तो होगा तिरंगा, केसरिया या हरा वरना रक्त के छीटों से लाल ही सही आज़ाद हैं हम, ये भी सही वो भी सही... #आज़ादी #हिंदुओं को हिन्दू की, #मुस्लिमों को मुस्लिम की और #हिंदुस्तानियों को हिंदुस्तान की आज़ादी मुबारक़
mohd shadab
बचपन और खिलौना वह बचपन ही था सहाब जहाँ धर्म नही था थोड़ी अकल क्या आई हम हिन्दू तुम मुसलमान होगए shadab hidu मुस्लिम का भेद मत करो
RJ kavi lakshYA
उसका नजरअंदाज करना मुझको को जख्मी कर गया मगर...मैं उसकी ही नजर को दिल का मरहम मान बैठा हूं इकतरफा मोहब्बत थी निशानी खाक होगी फिर..... मैं उसके ख्वाब को ही पाक ए जमजम मान बैठा हूं वो मुझसे दूर ही खुश है,तो खुश रहना होगा मुझको मैं उसके फैसले को ही मुकद्दर मान बैठा हूं जो दिखता रास्तों पर है मगर खामोश अजनबी सा रहता है हू-बहू मिल का पत्थर .........मैं उसको मान बैठ हूं # kavi lakshya पाक ए जमजम = मुस्लिम सभ्यता का सबसे शुद्ध पानी
Faham
युं तो तुम सययद भी हो, मिरझा भी हो,अफघान भी हो । तुम सभी कुछ हो बताओ तो मुसलमान भी हो। मुस्लिम
Kuldeep KumarAUE
दिल्ली के दंगों को हिंदू-मुस्लिम का नाम मत दीजिये यह किसी और का काम हो सकता है kuldeep kumarAUE दिल्ली के दंगों को हिंदू-मुस्लिम का नाम मत दीजिये
chandan
हिन्दू मुस्लिम के धर्म परिवर्तन का तुम्हें इतना ख्याल है तो कभी इसकी गरीबी का भी ख्याल रखो साहिब। हिन्दू मुस्लिम का धर्म परिवर्तन का तुम्हें इतना ख्याल है कभी इसकी गरीबी का भी ख्याल रखो साहिब
Bhart Nisad
जीन्दगी में मुश्किले हजार हैं फिर भी हम मुस्कुराते बहोत है गमों को दिखाना मुमकिन नही समझते इसिलिए छुपाते बहोत हैं। ©Bhart Nisad #मुस्किलों को छुपाना