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XYZ INDORI
सरल गांव में धन सिंह नाम का एक बहुत ही गरीब आदमी रहता था उसकी शादी को कई साल हो गए थे मगर उसके घर कोई किलकारी नहीं गूंजी कई मन्नातो के बाद उसकी पत्नी सुभद्रा गर्भवती हो गई धनसिंह हमेशा भगवान से प्रार्थना करता कि उसके घर बेटा ही पैदा हो जो बुढ़ापे का सहारा बने मगर भगवान को यह मंजूर नहीं था धन सिंह के घर बिटिया का जन्म हुआ क्योंकि बड़ी मन्नातो के बाद संतान हुई। धनसिह और सुभद्रा खुश थे भले ही बिटिया पैदा हुई थी दोनों ने बड़े प्यार से बिटिया का नाम रानी रख दिया रानी धीरे-धीरे बड़ी होने लगी रानी पढ़ाई में काफी होशियार होने लगी है रानी पढ़ाई में भी काफी आगे थी वह हमेशा अपनी क्लास में टॉप करती थी तो टॉप करने के बाद रानी की आगे की पढ़ाई के लिए एक बहुत ही अच्छे कॉलेज का ऑफर मिल गया रानी के पिता धन सिंह को गांव वालों ने बहुत भड़काया की रानी को कॉलेज मत भेजो कॉलेज कर बिगड़ जाएगी मगर रानी का पढ़ाई में मन देखकर धनसिह मैं उसका एडमिशन करवा दिया 3 साल रानी अपनी कॉलेज की पढ़ाई के साथ साथ कंपटीशन की तैयारी करती रही और 3 साल बाद जब कॉलेज पूरा हो गया तो रानी ने यूपीएससी की परीक्षा मैं पहले ही प्रयास में पास कर ली और आईपीएस अधिकारी बन गई अपनी बेटी की सफलता देखकर धनसिह और सुभद्रा की आंखें भर आईं धनसिह ने पूरे गांव में चिल्ला चिल्ला कर बताया कि उसकी बेटी कॉलेज जाकर बिगड़ी नहीं बल्कि आज अफसर बनकर आई है पूरे गांव वालों ने धनसिह की मेहनत और रानी के लगन और परिश्रम का लोहा माना आपको यह कहानी कैसी लगी लाइक कमेंट शेयर करें ताकि मैं आपके लिए ऐसे अनेक सारी कहानी लेकर आता रहु और अपनी बेटियों को पढ़ने का मौका दीजिए। ©Ranvijay indori #रणविजय वास्केल
Sunil Kumar Maurya Bekhud
पत्थरों का ढेर हु पर्वत है नाम मेरा बिल्कुल हूँ मैं निठल्ला कोई न काम मेरा फिर भी मै बचाता हूँ तुफान से चमन को करता न दूर कोई बेखुद थकान मेरा ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #पर्वत
TubeLights
इस बरस लोग सोचते रहे कि होली कब है । एक हम थे, जिसपे तेरे प्यार का रंग साल भर चढ़ा रहा ।। ©TubeLight ओये काक्के #happyholi
jivika
कई संदिली सही होगी इसने है ना? तभी तो ये आज इतना सख्त खड़ा है। एक ही जगह हर मौसम बिना सिकायत सब देखता हुआ। बिना किसी ख्वाहिश और बिना किसी दर्द के। #पहाड़ #पर्वत
Raj Shekhar Kumar
जब भी आवारा बादल को रोक के तू रुलाता हैं पर्वत तू मेरे महबूब के शहर की याद दिलाता हैं #पर्वत#YQdidi
Gian Gumnaam
रफ्तार ठहरी तो मैने एक दुनिया देखी और मैं उस दुनिया में खो जाना चाहता हूं और वो दुनिया बस्ती है हिमालिया की चोटियों में और जिसने वोह नहीं देखी उसने कुछ नहीं देखा ©Gian munkan wala #हिमालय पर्वत