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Alok Vishwakarma "आर्ष"

#अपेक्षा #उपेक्षा #दीप #निष्काम_कर्म #yqdidi #प्रेम_विश्वास #alokstates Collaborating with Deepti Aggarwal उपेक्षित शब्द भी तो हैं, जो न

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                                      उपेक्षित शब्द भी तो हैं,
                                      जो न कविता में आते हैं ।
                                      न चञ्चल बोल बुनते हैं,
                                      न सुख के गीत गाते हैं ।।



उन्हीं शब्दों के बहने की, अपेक्षा में मैं लिखता हूँ
कभी लव संगिनी उर में, कभी निज लय में दिखता हूँ #अपेक्षा #उपेक्षा #दीप #निष्काम_कर्म 
#yqdidi #प्रेम_विश्वास  #alokstates
Collaborating with Deepti Aggarwal 

उपेक्षित शब्द भी तो हैं,
जो न

कवि राहुल पाल 🔵

लोगों के पहले जैसे अब ख़ुशनुमा मिज़ाज नही होते , लगता जैसे अब एक दूजे के संग ताल्लुक़ात नही होते ! दिलों के अफ़साने रख देते थे लोग लोगो के सामन #Rahul #कविता #nojotohindi #Dont #nojotonews #सामाजिक #must_read #आधुनिक_लोग #बदलता_समाज #व्यंग्यात्मक_रचना #विवेचना #copyright_issue #kavi_rahul_pal

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2 Years of Nojoto लोगों के पहले जैसे अब ख़ुशनुमा मिज़ाज नही होते ,
 लगता जैसे अब एक दूजे के संग ताल्लुक़ात नही होते !
दिलों के अफ़साने रख देते थे लोग लोगो के सामने पहले
शायद अब नव युग मे लोग दूसरे के मदतगार नही होते !!
नही होते यंहा अब बेनकाबी चेहरे अब खुली किताबो से ,
  अरमानों का गला घोंटते सब है, अपने अपनी ही बातों से !
 जमाना वो था लोग बिन कहे दिल के जज़्बात समझ लेते थे ,
बिना आंसुओ के लोग एक दूसरे के सुख दुःख भांप लेते थे !
रिश्ता ,लगाव और दिल के तार जुड़े थे उनसे इसकदर साहिब
जब जाते तन्हा छोड़कर हमे,हृदय भी तर बतर कर देते थे !!  
महबूब के प्यारे संदेशो में इक गज़ब का अहसास होता था ,
कब आएंगे प्रीतम के ख़त इसका इंतजार ख़ास होता था ! 
तकिये के नीचे उनकी यादों का एक मेला लगा होता था ,
उनसे मिलने के ख़ुशी में डगर पे नजरो का पहरा होता था !
अब आ गयी है नई तकनीकें बहुत करीब तो हम  आ गए ,
पर आज हम सभी जज्बातों की पहुँच से कोशो दूर हो गए !
जहाँ दिल से काम लेना था ,आज वही  दिमाग आ गया ,
इंसानियत क्या.. इंसान ही इंसान की जड़ो को खा गया !
विदेशी सभ्यता अपनाकर दम्भो का ऊंचा मकान हो गया ,
जिस बाप का सब कुछ था आज वही कर्जदार हो गया !
भाई ने ही भाई से वाद के सलीक़े में विवाद कर लिया ,
करके उपवन के टुकड़े,खुद ही बंधनो से अलगाव कर लिया !
खोये है इस कदर जिंदगी की तरक़्क़ी और अहंकारों में ,
डुबोकर मानवता की पगड़ी खुद सर पर ताज रख लिया !!
जो बेटियां देवी थी आज आधुनिकता का अवतार ले लिया ,
अच्छे भले समाज को मात्र परिवर्तन का नाम दे दिया !
न अब वो बात रही शिष्यों और गुरुओं में आजकल साहिब,
शिक्षा मांगने लगी है भीख ,स्कूलों को सबने व्यापार कर लिया !!
न परी,न कथाएँ,न कविताएँ रही चुटकुलों की भरमार हो गया,
पक्के हो गए मकान सभी के ,पर इंसान तो पत्थर हो गया !
पनप गया लोगो मे रोष,ईर्ष्या,द्वेष मित्र गले का नाप ले गया ,
चलते हुए नव्य की सतहों पर कैसे पांव घायल हो गया !!
जिंदगी की इस दौड़भाग में मशीनों से भी बद्तर हो गए राहुल ,
किसको खबर की हम पतन की ओर इक कदम अग्रसर हो गए !! लोगों के पहले जैसे अब ख़ुशनुमा मिज़ाज नही होते ,
 लगता जैसे अब एक दूजे के संग ताल्लुक़ात नही होते !
दिलों के अफ़साने रख देते थे लोग लोगो के सामन

Santosh Jangam

#SadStorytelling कविता "न कळे काही" #मराठीकविता

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Sandeep Kamble

कविता "किसी ने न जनि।"

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रौशन कुमार प्रिय

कविता:- हम भूल न तुमको पाएंगे।

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हम     भूल     न    तुमको      पाएंगे
पर     शायद     हम      मर    जाएंगे
अनजान    मेरी   तकलीफ़  से   तुम
हम    जिंदा    लाश     बन    जाएंगे

किस  बात  की  तुझको फ़िक्र   मेरी
किस   रात    ढलेगी       उम्र     मेरी
न   जाने    कौन    सी   खता     हुई
किस जुर्म की मुझको   सजा   मिली

हां , प्यार    भी   तुमसे    करते     थे
इकरार   भी     तुमसे    करते       थे
न  शौक      मुझे      बतलाने      की
किस   दर्द    से    तड़पा    करते   हैं

यूं   वफा - वफा     चिल्ला      करके
मौसम को   सर्द  क्यों    करते     हो
घबड़ा   नहीं    वो    जान- ए- जिगर
"बेवफा"   की  कद्र  भी    करता  हूं

जा  खुश  रह तू  उस    दुनिया     में
हम    तो    अलविदा     कहते      हैं
इस  जहां  की  मुझको  चाह     नहीं
"बेदर्द परिंदे"          रहते             हैं
:- रौशन कुमार "प्रिय" #कविता:- हम भूल न तुमको पाएंगे।

The writer

#OpenPoetry कविता: "हो या न हो"

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#OpenPoetry रूक जाने दो इस पल को जिसमें तुम और हम साथ हो, 
क्या पता कल यह वक्त हमारा हो या न हो|

थाम लेने दो इन हाथों को जिसमें
हमारे नाम की मेहंदी हो, 
क्या पता कल इसमें हमारा नाम हो या न हो|

कभी तो आओ हमारें इस अकेलेपन के आशियानें मे, 
जो कभी कहा नही उसे समझ भी जाओं,
ताकि तुम भी हमारे दिल की धड़कनों को महसुस कर पाओ, 
क्या पता कल इस दिल में यह धड़कने हो या न हो| #OpenPoetry कविता: "हो या न हो"

Ashutosh kumar jha

कैसे न लिखें कविता तुझ पर #विचार

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ADHURE Hum

कोई किसी का न होता #कविता #सकयारी #शायरी #RIPMilkhaSingh

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#RIPMilkhaSingh 
जो मिला उससे गुजरा  ना हुआ
जो हमारा था हमारा ना हुआ

हम किसी और से मन्सूब  हुए
क्या ये नुक्सान तुम्हारा न हुआ

बे-तक़ल्लुफ़ भी वो हो सकते थे
हमसे हे कोई इशारा न हुआ

दोनों एक दूसरे पे मरते रहे
कोई भगवान को पायरा न हुआ। ...AS

©AMBREESH Sharma कोई किसी का न होता #कविता #सकयारी
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