स्वर्ण मृग मारीच
देख स्वप्निल स्वर्ण मृग माता का मन हर्षाया
पूर्ण करें उनकी इच्छा प्रभु का मन भी आतुर हो आया
कहे लोग प्रभु की लीला क्यों #समाज#divyajoshi#lekhaniblog#NojotoRamleela
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रजनीश "स्वच्छंद"
वेदना
अंत:करण की वेदना....
तीव्र उद्वेलीत उत्छ्रीखंल मन द्रवित आँखें विचलित अंत:करण,
मृग मारीचीका में उलझा मन दैविक प्रण का नीरन्तर चीर हरण
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Ravi Sharma
हे कलयुग के राम उठाओ, सारंग अपने हाथों में ।
कर सच, शर संधान उठाओ! सारंग अपने हाथों में।।
(कर-haath) (shar- बाण)
(सारंग - श्री राम जी के धन #Dussehra#शायरी