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Sushma
रिश्ते दिखने में खुबसूरत गुलाब कि तरह होते हैं, निभाने में कठिन है , जैसे पहाड़ों कि चढाई, इनमें मुश्किलें होती है बहुत , जैसे गुलाब के पेड़ों में काटें होते हैं... और अंदर से समुद्र सी गहराई हैं इनमें, ये रिश्ते कभी जमीन से समतल नहीं होते... ©Sushma #akela रिश्ते दिखने में खुबसूरत गुलाब कि तरह होते हैं, निभाने में कठिन है , जैसे पहाड़ों कि चढाई, इनमें मुश्किलें होती है बहुत , जैसे गु
सुसि ग़ाफ़िल
मैं साजिशों से नहीं ढूंढूँगा तितलियों का घर अनजाने में आए पंखों को मैं अपना नाम बताऊंगा मेरे पास तो है नहीं बगीचा यहां देखो वहां देखो अगर तुम रहना चाहती हो तो मैं एक क्यारी फूलों की लगा दूंगा जर्रे जर्रे की मिट्टी है अलग - अलग फूलों की सुगंध है एक मैं चारों तरफ फैला दूंगा | मैं रहता हूं दूर कहीं सूखे पेड़ों में अगर तुम कहो तो एक फूल खिला दूंगा | साजिशों से नहीं ढूंढूँगा तितलियों का घर अनजाने में आए पंखों को मैं अपना नाम बताऊंगा
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मिजाज़ कुछ बदला सा है गर्म चाय के कुछ एहसासों सा है हारारत देती कुछ कहानी सा है मौसम विभाग कुछ थाम सा है पुराने रिश्तों में कुछ ख़ास सा है पुकारती आवाजो में कुछ मान सा है पेड़ों में कुछ मौसम का आवागमन सा है प्यार के मौसम की कुछ तस्वीरें के रंग सा है सुनि सी ज़िन्दगी में कुछ पलहम कम सा है दुहोरते वो कहानी के कुछ पन्नों में दर्द सा है #respect #relationship #value #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मिजाज़ कुछ बदला सा है गर्म चाय के कुछ एहसासों स
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मिजाज़ कुछ बदला सा है गर्म चाय के कुछ एहसासों सा है हारारत देती कुछ कहानी सा है मौसम विभाग कुछ थम सा है पुराने रिश्तों में कुछ ख़ास सा है पुकारती आवाजों में कुछ मान सा है पेड़ों में कुछ मौसम का आवागमन सा है प्यार के मौसम की कुछ तस्वीरें के रंग सा है सुनि सी ज़िन्दगी में कुछ पलहम कम सा है दोहराते वो कहानी के कुछ पन्नों में दर्दं सा है दफ़न किए दर्दों की कुछ दर्ज़ दरारें की कहानी सा है #respect #relationship #value #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मिजाज़ कुछ बदला सा है गर्म चाय के कुछ एहसासों स
Harshita Dawar
Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मिजाज़ कुछ बदला सा है गर्म चाय के कुछ एहसासों सा है हारारत देती कुछ कहानी सा है मौसम विभाग कुछ थम सा है पुराने रिश्तों में कुछ ख़ास सा है पुकारती आवाजों में कुछ मान सा है पेड़ों में कुछ मौसम का आवागमन सा है प्यार के मौसम की कुछ तस्वीरें के रंग सा है सुनि सी ज़िन्दगी में कुछ पलहम कम सा है दोहराते वो कहानी के कुछ पन्नों में दर्दं सा है दफ़न किए दर्दों की कुछ दर्ज़ दरारें की कहानी सा है #respect #relationship #value #yqbaba #yqdidi #yqquotes Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat मिजाज़ कुछ बदला सा है गर्म चाय के कुछ एहसासों स
Vandana
फूलों से भरी है राहे,,,तुम कदम तो रखो कहीं गुदगुदी ना हो जाए,,, आज उत्तराखंड में फूलदेई फेस्टिवल है,,, पहाड़ में हर गली हर घाठी भर जाती है फूलों से,,, पेड़ों में भी फूल भर जाते हैं लाल पुष्पों की बाहर रह
Vandana
दूर कहीं पहाड़ी पर एक गांव में, बसता है मन मेरा, घनघोर पेड़ों की कतार में, सीढ़ी नुमा खेतों के संसार में टेढ़े मेढ़े रास्तों के प्यार में हर आंगन में झुके मीठे फलों के पेड़ों में, चूल्हे में पकते स्वादिष्ट भोजन में, भले लोगों के होंठों में, गूंजते गीतों में, खेतों में कामकाजी औरतें गुनगुनाती, 'उनके संगीत में, चरने जाती गाय के गले में, घंटी के स्वरों में, तारों से भरी सर्द रातों में, पूनम की चांद में नहायी प्रकृति में, हर मानुष के हृदय में चाह रहती है, फुर्सत मिले तो एक राह रहती है, चल पड़ेंगे बंजारे बनके "उन ख्वाबों को तितली बन के छू लेंगे,, पंख लिए उड जाय
Ravendra
आम में कीटो का प्रकोप ©Ravendra आम की बौर में गुजिया व भुन्गा कीट का प्रकोप,दवा छिड़काव में लगे बागवान बाबागंज।आम के पेड़ों में बौर निकल आया है। बागवान बौर में इन दिनों गु
Rajnish Sharma
कर लो दुनिया मुठी में .... और मैं यह दावे से कह सकती हूँ कि संसार में सबसे फ़र्ज़ी, झूठी क़समें अगर कहीं खाई जाती हैं तो वो हैं - देश की विधान सभाएं और संसद! वो
Vandana
तेरा अस्तित्व ढूंढूं में तुझे, कण-कण में, हृदय की हर धड़कन में, हर दिन के क्षण क्षण में, कोसों दूर से आती सूरज की उस किरण में, युगो युगो से मानव के अस्तित्व में, ऊंचे ऊंचे पहाड़ों के झरनों के कल कल में, विशालकाय आसमां बाहें फैलाए हुए, हर मानव के लिए मौजूद, उसके विशालतम प्रेम में, जिसके नीले रंग को देखकर आंखें सुकून से भर जाती। जो हजारों तारों को समेटे हुए रात में चमकता है। जो चांद को सुंदरता से भर देता है। हर शांत खड़े पेड़ों में जो अपने फल स्वता ही निछावर कर देते। बिना किसी स्वार्थ के। उस मिट्टी में जिसमें बीज गिरते ही जीवन उत्पन्न हो जाता है। उस पौधे के फूल में जिसमें रंग-बिरंगे रंग स्वता ही आ जाते। तेरा अस्तित्व ढूंढूं में कण-कण में, हृदय की हर धड़कन में, हर दिन के क्षण क्षण में, कोसों दूर से आती सूरज की उस किरण में, युगो युगो से मानव