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अभिषेक सिंह
कल्पना ये किसी भी क़वी के उन अश्त्रो में शुमार है जिससे कविता की श्रोणी और काव्य वाणी को एक एहसास रूपी अंतर्मन द्वंद्व और तर्क का संग्राम देखने को मिलता है। हिंदी के विदूषक और प्रख्यात आलोचक श्री डॉ. रामचंद्र शुक्ल के अनुसार "कल्पना कवियो की ऐसी वाहन है जिसमे कवि कोसो दूर तक जा कर मन की चिंतन शक्ति को गतिमान कर सकता है" । कल्पना की अंतर्मन
Rajashri Kokane
इन्सान इन्सान क्या तेरी औकात कितना तेरी जिंदगी का साथ कितना भागता है कितना भागेगा फिर भी कभी आसमान छू पायेगा नजरो के लिए क्षितीज की सीमा पैरो के लिए मर्यादो की सीमा क्या करेगा जान के ब्रम्हांड कीसीमा कर ले एक बार खुद के अंदर की परिक्रमा कल्पना की दुनिया @#
Utkarsh Jain
उसकी रहमते तो देखो मुझे क्या क्या बनाया है खुद के हाथों से मुझे बनाया और मेरे हाथों से खुद को बनवाया है ईश्वर की कल्पना
Prachi Mishra
वो मोहब्बत थी मेरी जो आखे बंद होने पर ख्वाब भी तेरा होता था... और वो नफरत थी तेरी बेवफाई की आखे खोलू तो दीदार भी तेरा होता था.... ✍️ मन की कल्पना...
Mr..Luck
वक़्त के साथ लम्हे यू ही निकल गए सिर्फ यादों की बारात हैं रह गई । अब वो हसीन पल सिर्फ ख्वाबों मैं हैं आनें लगें जिन पलों में होते थे तुम साथ हमारे कुछ हम हुए थे मजबूर, कुछ वक़्त ने कर दिया सिर्फ़ हमें ना दोष देना ,कुछ बेरुखी तुमसे भी तो हुई थी बहुत सताती है वो मीठी सी तुम्हारी यादें कम्बख्त बेवक्त याद बनकर हैं जो आ जाती , हर बार आंखोँ में पानी हैं दे जाती यूँ तो हर लम्हे में आती है याद तुम्हारी पता नही तुम केसे भूल बेठे हो उन यादों को हमे तो वो हर लम्हा खुशी दे जाता हैं, जिन लम्हो में तुम्हारी याद हैं आती नज़र ...। #कलम की कल्पना
Rajashri Kokane
चाय की प्याली एक चाय की प्याली कुछ यादो से होली बचपन मे दादी से लेली रिश्तेदारो के यहां मां के प्यालो से पी ली बडे हुये मित्रोंने पिलाई कभी हक से हम से मांग ली हमने सदा मनमित को पिलाई बिमार होने पे मनमित ने बडे प्यार से बनाई एक माँ की बडा गर्व हुआ जब उसके परी ने बनाई और सामने लाकर कहां ले लो मेरी प्यारी माँ प्यारसे प्यारी चाय प्याली कल्पना की दुनिया @#
Rajashri Kokane
रिश्ते जाग जा जाग जा सोयेगा कबतक जन्म जन्म जा रहे बे मतलब अबतक कोई तो वजह बन या बना किसिको वजह आ जा इस मनमंदिर मे डाल मुझपर एक निगाह कबतक रहेगा मुझसे दुर कबतक अटकेगा मोहदरबार सच को देख एहसासोंसे जान कौन बैठा बन भगवान भितर कल्पना की दुनिया
Rajashri Kokane
सोच से सोच की सोच बढती है महसुस करने से मन की महक बढती है प्रेम से हृदय की धडकन बजती है बस इन सबको जीवन मे उतारो तो जीवन की रंगत बढती है #कल्पना की दुनिया #
kalpana
मुझे पता नहीं था मैं जिसको चाहूंगी वो इस तरह विच मझधार में छोड़ कर चला जाएगा,, अब किसी से प्रेम ना हो ,क्योंकि प्रेम किसी के लिए दवा बन जाती है तो किसी के लिए रोग बन जाती है। ©Shiva कल्पना की दुनिया