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sapna kumari
सर्टिफिकेट मिला मुझे ©sapna kumari अध्यात्मिक प्रश्नोत्तरी प्रश्न में
Shalini Kaushik
मन्दिर महादेव मारूफ शिवाला कांधला धर्मार्थ ट्रस्ट (रजिस्टर्ड) द्वारा बाबू कौशल प्रसाद एडवोकेट स्मृति पुस्तकालय की ओर से आज दिनाँक 30 मई 2021 को कानपुर के प्रसिद्ध अधिवक्ता पंडित जुगल किशोर शुक्ल जी द्वारा उदन्त मार्तण्ड के 30 मई 1826 के प्रकाशन द्वारा हिंदी पत्रकारिता के इतिहास की नींव रखे जाने की स्मृति में ऑनलाइन सनातन धर्म प्रश्नोत्तरी का बाबू कौशल स्मृति ग्रुप, अंदोसर मंदिर महादेव ग्रुप्स, ट्विटर, फ़ेसबुक आदि पर आयोजन किया गया, जिनमे प्रतिभागियों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया, शामली जिला टैक्स बार एसोसिएशन के महासचिव श्री विक्रांत भार्गव एडवोकेट, बार एसोसिएशन कैराना के सम्मानित अधिवक्ता इमरान चौहान एडवोकेट, कांधला के प्रसिद्ध समाजसेवी श्री शरद गोयल, बार एसोसिएशन कैराना के कोषाध्यक्ष श्री मनीष कौशिक एडवोकेट, कैराना ए डी ओ प्रभारी श्री धर्म सिंह, मौ. इब्राहिम एडवोकेट और हमारे देश का उज्जवल भविष्य कक्षा दस के छात्र आसमीर चौहान ने सनातन धर्म प्रश्नोत्तरी में बहुत से प्रश्नों का सही उत्तर दे प्रतियोगिता के आयोजन की सार्थकता स्थापित करने में ट्रस्ट का सहयोग किया, ट्विटर पर भी एक अकाउंट @मिट्टी ने प्रतियोगिता में भागीदारी की. सभी प्रतिभागियों द्वारा दिए गए उत्तरों का अवलोकन करने पर कांधला के प्रसिद्ध समाज सेवी श्री शरद गोयल जी को विजेता घोषित किया गया, शामली जिला टैक्स बार एसोसिएशन के महासचिव श्री विक्रांत भार्गव एडवोकेट द्वितीय और आसमीर चौहान तृतीय स्थान पर रहे. सभी विजेताओं को ट्रस्ट के स्थापना दिवस पर ट्रस्ट की अध्यक्ष शालिनी कौशिक एडवोकेट और महासचिव डॉ शिखा कौशिक द्वारा सम्मानित किया जाएगा. ©Shalini Kaushik सनातन धर्म प्रश्नोत्तरी का ऑनलाइन आयोजन #सनातनधर्म
VINOD VANDEMATRAM
#AzaadKalakaar जिस दिन देश का हर नागरिक अपने अधिकारों से ज्यादा अपने कर्तव्यों का पालन करने लग जाएगा उस दिन मेरा देश सबसे आगे होगा॥ ©VINOD TRIVEDI PALODA #vTp कर्तव्यों का पालन #AzaadKalakaar
Aditya Yadav
साहित्य "यदि सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम,फेसबुक इत्यादि का प्रयोग करने के पश्चात यदि खुद को आत्मग्लानि का एहसास होने लगे तो समझ लो कि आप एक निश्चित पराकाष्ठा को पार कर चुके हैं और इन सभी प्लेटफार्म का सदुपयोग की जगह आप दुरुपयोग कर रहे हैं। इससे बचने लिए इन सभी का प्रयोग एक निश्चित समय सीमा तक ही किया जाए और यदि आप खुद पर नियंत्रण ही नहीं कर पा रहे हो, तो पवित्र ग्रंथ श्रीमद्भगवद्गीता और श्रीरामचरितमानस का सहारा लेकर बड़ी आसानी से इन पर नियंत्रण किया जा सकता है।" - आदित्य यादव उर्फ कुमार आदित्य यदुवंशी ©Aditya Yadav सोशल मीडिया पर नियंत्रण का मौलिक, स्वरचित आत्म विचार। @adityayadav253871 #WForWriters
HP
आहार-विहार, रहन-सहन, वेष-भूषा, विचार तथा जीवन निर्माण में मौलिक सरलता का समावेश होना नितान्त आवश्यक है। मौलिक शरलता
HP
मौलिक सरलता इतनी सजीव होती है कि मनुष्य जब प्रत्येक वस्तु से अपना अधिकार छोड़ देता है और परिस्थितियों के साथ संयोग करता है तभी उसे अपने भीतर का खोखलापन अनुभव हो जाता है और विनम्रता, धैर्य, करुणा तथा विवेक का जागरण होने लगता है। आत्मा सरल है और उसके समर्थन के लिये तर्क की आवश्यकता नहीं। जटिलता तो केवल दुर्गुणों तथा पाप-वृत्तियों के कारण उत्पन्न होती है। अतः मनुष्य जब तक स्वयं पूर्ण जीवन अभिव्यक्त न कर लें, उन्हें अपने मनोविकारों के शोधन परिमार्जन में ही लगे रहना चाहिये। अन्तःकरण में कलुष न रह जाय और बाह्य जीवन में दम्भ न शेष बचे उसी पुरुष का जीवन निश्चयात्मक शान्त एवं दैवी प्रतिभा से ओत-प्रोत होता है। मौलिक शरलता