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Sumit Mgr
सोचा था बताएंगे दर्द अपना तुझे पर तुने यह तक ना पूछा की, ख़ामोश क्यू हों क्या बोलते हम
ittu Sa
बोलते बोलते हम ख़ामोश हो गए,उनके नशे में चूर हो गए। ग़लत ठहराया भी तो किस को,उन्हें अपना तो हमनें बनाया था। बुल जाते हैं हम अक्सर ,जरूरत पर ही सब हमें याद करते हैं। ये भी उतना ही सच हैं,जितना सच तुम्हारा होना है। उनकी आख़री उम्मीद भी तो हम ही होते हैं। माना हर महफ़िल ने उन्हें ठुकराया, हर महफ़िल का गुस्सा हम पर उतरना। क्या ये ठीक हैं ..... रिश्ते निभाने हम नहीं आए थे,वो ख़ुद आये थे हम से अपना काम निकलवाने। क्या ये ठीक हैं ..... काम तो उनका हो गया, क्या ये सही था जो वो हमें ठुकरा कर चले गए। क्या ये ठीक हैं ..... अपना अधूरेपन तो तुमनें भर लिया,हमें अधूरा कर चले गए। क्या ये ठीक हैं ..... तुम शायद भूल गए हो ,जैसे करो गए वैसा भरो गए। आज जो मेरे साथ हुआ कल तुम्हारे साथ होगा। इत्तु सा पैग़ाम तड़फ के नाम। #nojoto #kalakaksh बोलते बोलते हम ख़ामोश हो गए,उनके नशे में चूर हो गए। ग़लत ठहराया भी तो किस को,उन्हें अपना तो हमन
Deepak Kanoujia
हिंदी के अस्तित्व को बचाये रखने के लिए, दिल्ली जैसे आधुनिक शहर में प्राथमिक सूचना विवरण को हिंदी में प्राथमिकता देने वाली दिल्ली पुलिस को हिंदी दिवस की शुभकामनायें... फ़ोन उठाते ही "हेलो" बोलते हम लोगों को हिंदी दिवस की शुभकामनायें... हिंदी शब्दों के दिन प्रतिदिन कम प्रयोग करते, दिल्ली के स्टाइलिश लड़के-लड़
Abhishek Vishwakarma
करता है संघर्ष बहुत फिर भी आह न लेता है। हो गीत कैसा भी वो गुनगुना लेता है। वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।। खड़े होकर चौराहों पे वो अपनी ड्यूटी निभाता है। कितना भी हो मुश्किल जीवन शिकन नहीं माथे तक आता है। हर परिस्थिति में खुद को जमा लेता है वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।। भीगी पलकों पे भी कुछ सपने होते हैं। पास होकर भी दूर अपने होते हैं। मिल पता है महीनों बाद अपनों से ही फिर भी वो सबको मना लेता है। वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।। पूछे जब कोई हाल ए दिल। तो बोलते हम है एकदम चिल। किसी अपने को न हो जाए चिंता वो सारे दर्द भी छुपा लेता है। वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।। ड्यूटी हो कहीं भी हर वक्त है तैयार। दुश्मन हो कोई नहीं करता पीठ पे वार। हर वक्त वो रहता है ड्यूटी पर तैनात। कैसा भी हो काम हर फर्ज़ वो निभा लेता है। वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।। मिल जाए कभी छुट्टी अगर अपनो के पास वो जाता है। थोड़ा घूम टहल कर वो अपने ग़म भुलाता है। छुट्टी जाते देर नहीं एक पल में जाते बीत वो दिन निभाना है ड्यूटी का फर्ज़ ये बात वो कह चल देता है। वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।। एक सिपाही ✍️ करता है संघर्ष बहुत फिर भी आह न लेता है। हो गीत कैसा भी वो गुनगुना लेता है। वो सिपाही है, हर दर्द में मुस्कुरा लेता है।।
कनक लता " ज़ज्बात "
कुछ हम तुम - से कुछ तुम हम - से सखे ! हृदय में एक - दूसरे के दोनों विहारें सखे ! प्रतिबिंब अपना और छव दूसरे की निहारें सखे ! जब प्रेम इतना , तो मध्य ये मौन क्यों है ? हृदय सेतु के मार्ग में प्रहेलिकाओं का निर्झर क्यों है ? #सखे_अब_बोल_भी_दो प्रिये ! तुम क्यों ऐसा करते हो ? कहते नहीं कोई बात खुलकर और नित नये स्वाँग फिर रचते हो ? तुम कहते हो हम समझते नाहिं पर य
OMG INDIA WORLD
*मुर्दे ,,,,,* कौन सा नंबर है तुम्हारा, एक मुर्दे ने पास पड़े मुर्दे से पूछा? मालूम नही। दूसरे ने बेतकल्लुफ जवाब दिया। कौन से नम्बर का दाह हो रहा है? अरे मालूम नही बोला न, तुम्हे क्या जल्दी पड़ी है दाह संस्कार की। ज़िंदा था तब राशन, टिकट, बैंक की लाइन में घँटों खड़ा रह लेता था। आज क्या हुआ उस लाइन में मैं खुद लगता था। यहां बच्चे लगे हैं लाइन में। एक काम कर। खड़ा होकर बजा डाल सबकी। एकदम से नम्बर आएगा। जब खड़ा हो सकता था तब नही बजाई। काश तब बोलते हम। तो अब पड़ा रह शांति से। चुप्पी मारने की सजा यही होती है। जब आदमी कुछ नही बोलता, तब ही आदमी मर जाता है। तुम्हारी जान कैसे गयी। एक मुर्दे ने दूसरे से पूछा ऑक्सीजन नही मिली तुम कैसे मरे मुझे हॉस्पिटल में बेड नही मिला कितने सस्ते में मर गए न हम लोग, पहले ने आह भरी। हम यही डिज़र्व करते थे भाई। चुपचाप जैसे मर गए वैसे चुपचाप अंतिम संस्कार का इंतजार करो। मुझे एक बार जीने का मौका मिल जाये तो चीख़ चीख़ कर कहूँ कि हमें सिस्टम ने मारा है। हम इतने बीमार नही थे जितना सिस्टम बीमार निकला। एक मुर्दे ने खीझ कर दूसरे मुर्दे से कहा। चुपचाप पड़ा रह। मुर्दे कभी बोलते नही। यह मुर्दों का देश है साधो। जब जिंदा थे तब भी मुर्दा ही थे हम। अब हेकड़ी दिखाने का कोई लाभ नही यार कितने संस्कार हो चुके, कितने बाकी हैं, एक मुर्दे ने दूसरे से पूछा अभी 7 हुए हैं, 27 बाकी हैं। देख ले आजु बाजू, कितने मुर्दे पड़े हैं। कितना बुरा हाल हो गया है देश का। पहला मुर्दा सुबकने लगा दिख गया देश का हाल? अब मुर्दों के जलने की लपटें देख और ऊंचाई नाप मुल्क की तरक्की की। सुनो बोलो हमारे बच्चे इस देश मे कैसे रहेंगे। हर तरफ महामारी और नफरत फैल चुकी है। हां। हमने क्या योगदान दिया कि नफरत न फैले सच मे कुछ भी नही तो एक काम करते हैं। खुद को लानत भेजते हैं और फिर से मर जाते हैं। *सिस्टम_से_लड़ते_तो_जिंदा_रहते* ©OMG INDIA WORLD *मुर्दे ,,,,,* कौन सा नंबर है तुम्हारा, एक मुर्दे ने पास पड़े मुर्दे से पूछा? मालूम नही। दूसरे ने बेतकल्लुफ जवाब दिया। कौन से नम्बर का दाह
Abhay (pathik)
प्यार मोहब्बत सब दिखावे की बात है आज तो लड़कियां कहती हैं मिले कोई ऐसा कि लाइफ सेट हो जाए बोलो राधे -राधे ©Abhay Maurya हम कड़वा बोलते है #DearCousins
Vikas sharma
तेरे मेरे रास्ते बदल गये है या.. रास्ते तो वही है .. हम बदल गये है ©Vikas sharma #betrayal बदलते हम