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शिव झा
26 जुलाई/जन्म-दिवस *कन्नड़ साहित्य के साधक : डा. भैरप्पा* अपने उपन्यासों की विशिष्ट शैली एवं कथानक के कारण बहुचर्चित कन्नड़ साहित्यकार डा. एस.एल. भैरप्पा का जन्म 26 जुलाई, 1931 को कर्नाटक के हासन जिले के सन्तेशिवर ग्राम के एक अत्यन्त निर्धन परिवार में हुआ। आठ वर्ष की अवस्था में एक घण्टे के अन्तराल में ही इनकी बहिन एवं बड़े भाई की प्लेग से मृत्यु हो गयी। कुछ वर्ष बाद ममतामयी माँ तथा छोटा भाई भी चल बसा। इस प्रकार भैरप्पा का कई बार मृत्यु से साक्षात्कार हुआ। इनके पिता कुछ नहीं करते थे। अतः इन्हें प्रायः भूखा सोना पड़ता था। अब इनकी देखभाल का जिम्मा इनके मामा पर था; पर वे अत्यन्त क्रूर एवं स्वार्थी थे। अध्ययन में रुचि के कारण भैरप्पा ने कभी अगरबत्ती बेचकर, कभी सिनेमा में द्वारपाल का काम कर, तो कभी दुकानों में हिसाब लिखकर पढ़ाई की। एक बार उन्होंने मुम्बई जाने का निर्णय लिया; पर पैसे न होने के कारण वे पैदल ही पटरी के किनारे-किनारे चल दिये। रास्ते में भीख माँग कर पेट भरा। कभी नाटक कम्पनी में तो कभी द्वारपाल, बग्घी चालक, रसोइया आदि बनकर मुम्बई में टिकने का प्रयास किया; पर भाग्य ने साथ नहीं दिया। अतः एक साधु के साथ गाँव लौट आये और फिर से पढ़ाई चालू कर दी। चन्नरायपट्टण में प्राथमिक शिक्षा के बाद भैरप्पा ने मैसूर से एम.ए. किया। जीवन के थपेड़ों ने इन्हें दर्शन शास्त्र की ओर आकृष्ट किया। मित्रों ने इन्हें कहा कि इससे रोटी नहीं मिलेगी; पर इन्होंने बी.ए एवं एम.ए दर्शन शास्त्र में स्वर्ण पदक लेकर किया। इसके बाद ‘सत्य और सौन्दर्य’ विषय पर बड़ोदरा के सयाजीराव विश्वविद्यालय से इन्हें पी-एच.डी की उपाधि मिली। 1958 में इनकी अध्यापन यात्रा कर्नाटक, गुजरात, दिल्ली होती हुई मैसूर में पूरी हुई। 1991 में डा. भैरप्पा अवकाश लेकर पूर्णतः लेखन के प्रति समर्पित हो गये। इनका पहला उपन्यास ‘धर्मश्री’ 1961 में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद यह क्रम चल पड़ा। सार्थ, पर्व, वंशवृक्ष, तन्तु आदि के बाद2007 में इनका 21वाँ उपन्यास ‘आवरण’ छपा। ‘उल्लंघन’ और ‘गृहभंग’ का अंग्रेजी एवं भारत की14 भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। डा. भैरप्पा के उपन्यासों के कथानक से पाठक का मन अपने धर्म एवं संस्कृति की ओर आकृष्ट होता है। इनके अनेक उपन्यासों पर नाटक और फिल्में भी बनी हैं। इनकी सेवाओं को देखते हुए कर्नाटक साहित्य अकादमी, केन्द्रीय साहित्य अकादमी तथा भारतीय भाषा परिषद, कुमार सभा पुस्तकालय जैसी संस्थाओं ने इन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया। डा. भैरप्पा अखिल भारतीय कन्नड़ साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष रहे तथा उन्होंने अमरीका में आयोजित कन्नड़ साहित्य सम्मेलन की अध्यक्षता भी की। कला एवं शास्त्रीय संगीत में रुचि के कारण उन्होंने अनेक अन्तरराष्ट्रीय संग्रहालयों का भ्रमण कर उन्हें महत्वपूर्ण सुझाव दिये। डा. भैरप्पा ने यूरोप,अमरीका, कनाडा, चीन, जापान, मध्य पूर्व तथा दक्षिण एशियाई देशों की यात्रा की है। प्रकृति प्रेमी होने के कारण उन्होंने हिमालय के साथ-साथ अण्टार्कटिका, आल्प्स (स्विटरजरलैण्ड), राकीज (अमरीका) तथा फूजीयामा (जापान) जैसी दुर्गम पर्वतमालाओं का व्यापक भ्रमण किया। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह डा. भैरप्पा को स्वस्थ रखे, जिससे वे साहित्य के माध्यम से देश और धर्म की सेवा करते रहें। (संदर्भ : कुमारसभा पुस्तकालय पत्रक) #जीवनी #जन्मदिन #जन्मदिवस #इतिहास #भारत #InspireThroughWriting
Nojoto Hindi (नोजोटो हिंदी)
गुलज़ार साहब को जन्मदिन की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं- #HappyBirthday #Gulzar
नेहा उदय भान गुप्ता
आप हैं मेरी जन्म की पूंजी, पिता रूप में मैंने आपको पाया। नहीं जानती नेह दुनियादारी, मैंने तो बस आपका नाम कमाया।। जन्मदिन की आपको शुभकामनाएं, रोशन रहें सदा आपका जहां। नेह करती बस यहीं दुआ, आप जहां चलों खुशियां हो वहां।। यें हैं मेरा अखंड सौभाग्य, संग आप चलें और आपका नाम। दो मुझे आप अपना आशीष, पूरन कर दें नेह आपका काम। आप मेरे होंठों की खुशी, आप हो मेरे जीवन का आकार। आपका प्यार दुलार मिलें, जिससे करूं आपके सपनों को साकार।। पापा को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं 🙏❤️😍
नेहा उदय भान गुप्ता😍🏹
आप हैं मेरी जन्म की पूंजी, पिता रूप में मैंने आपको पाया। नहीं जानती नेह दुनियादारी, मैंने तो बस आपका नाम कमाया।। जन्मदिन की आपको शुभकामनाएं, रोशन रहें सदा आपका जहां। नेह करती बस यहीं दुआ, आप जहां चलों खुशियां हो वहां।। यें हैं मेरा अखंड सौभाग्य, संग आप चलें और आपका नाम। दो मुझे आप अपना आशीष, पूरन कर दें नेह आपका काम। आप मेरे होंठों की खुशी, आप हो मेरे जीवन का आकार। आपका प्यार दुलार मिलें, जिससे करूं आपके सपनों को साकार।। पापा को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं 🙏❤️😍
SONU SUTHAR
1और 1=11 जुलाई संगीता+खुशबू=जन्मदिन की बधाई। एक भोली भली+एक नटखट=बहना है भाई। बहनो की जोड़ी ईश्वर ने फुर्सत में बनाई। संगीता जीजी बहुत खुबसूरत करती है सफाई। खुशबू ने नर्स बनकर अपनी पहचान बनाई। हम सब ने आपके स्वास्थ्य की मंगल कामना है चाही। आप हमेशा खुश रहे हम यही दुआ चाहे आप दोनों को जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं। ©SONU SUTHAR संगीता जीजी और खुशबू को जन्मदिन की ढेर सारी बधाई
Shreya Joshi
आसमान में हलचल सी है छाई, सूरज चंदा और तारों ने एक सभा है बुलाई. आठवीं सितम्बर है आई, कैसे देंगे मालव को जन्मदिन की बधाई? सूरज ने एक युक्ति सुझाई. सारे तारे मिल कर धरती पर जाना, उसका सारा घर रोशनी से खूब सजाना. फिर चुपके से उसके कमरे में छिप जाना, मालव जो कमरे में आए, एक साथ झिलमिला कर कहना, जन्मदिन की ढेरों बधाई हो मालव भाई. मेरी इस कल्पना को जीवंत कर दो, उसके घर ही नहीं जीवन को भी खुशियों की असीम रोशनी से रोशन कर दो. 'कल्याणी' ने महादेव से यही गुहार लगाई. ©Shreya Joshi #मालव को जन्मदिन की बधाई
Mohan Kumar Manglam
बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ मूल के अनुमंडल अध्यक्ष संतोष कुमार यादव जन्मदिन की ढेरों शुभकामना प्रखंड इकाई बाबूबरही के तरफ से ©Mohan Kumar Manglam जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएं
Di Pi Ka
Main Naraz kitna bhi rahu.. Main Khamosh kitna bhi rahu... Tum Muskurate rahe... Rab se yahi dua karu... Happy Birthday🎂🎁🎉👑 Dear.. Happy Birthday To You ❤ji🥀 जन्मदिन की बधाई ढेर सारी...
Himshree verma
नोजोटों को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं और हम सब चाहेंगे नोजोटों हमारे साथ इसी तरह जुड़ा रहे और हम नोजोटों से जुड़े रहे नोजोटों ने इक परिवार बनाया है सबको इक मात्र जोड़ने का मै नोजोटों को दिल से दुआ और शुभकामनाएं देना चाहूंगी ( धन्यवाद)) ©Himshree verma #जन्मदिन की #शुभकामनाएं #नोजोटो को #BirthDay