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भाग्य श्री बैरागी
तुम हो काल,तुम महाकाल Quote caption में पढ़ें। तुम हो काल तुम महाकाल, तुम पृथ्वी तुम ही पाताल, शशि त्रिशूल गंग वाले, भूतों संग हुडदंग वाले, तुम कपाली तुम संग काली, भक्त मनुज और कंकाली, तु
Shilpi Signodia
दफ्न हूँ किसी मिट्टी मे, या किसी राख की हूँ भस्म आवाज़ मेरी अल्फाज़ बन, पनप रही शाखाओ मे, दबा लो जब तक दबा सकोगे तुम, जो स्याह कलम की घुल रही हवाओ मे, उसको कब तक रोक सकोगे तुम। दर्ज किया है हर लम्हा , वक्त के कठोर पन्नो पर फाड़ दो हर पन्ने को, पर घड़ी को कैसे टोक सकोगे तुम । भस्म
Vikas Sharma Shivaaya'
मन मरया ममता मुई, जहं गई सब छूटी। जोगी था सो रमि गया, आसणि रही बिभूति । मन को मार डाला ममता भी समाप्त हो गई अहंकार सब नष्ट हो गया जो योगी था वह तो यहाँ से चला गया अब आसन पर उसकी भस्म–विभूति पड़ी रह गई अर्थात संसार में केवल उसका यश रह गया ! 🙏 बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹 ©Vikas Sharma Shivaaya' भस्म–विभूति
NEERAJ SIINGH
इंसान के भेष में छुपे उन तमाम रावणो को ध्वस्त करो ,जो निज स्वार्थ में महिलाओं पर अत्याचार करें उनका मर्दन करो , हे काली तुम रक्त पियो , हे हनुमान तुम ध्वस्त करो इन मनुष्य की खाल में छुपे, मेघनाद को ,जो भ्रष्टाचार और गरीबी बढ़ाए उनको अग्नि के हवाले करो , नहीं छूटनी चहिए कोई लंका उसको तुम भस्म करो , इन दुराचारी मनुष्यों ने जों झूंठी भक्ति से लूटा धर्म को उनका सर्वनाश करो नहीं है यह इस धरा में जीवन के योग्य नहीं इनको तुम नष्ट करो , #neerajwrites भस्म करो
जीtendra
उसका वो एक वर्ष का प्रेम जो बन गया मेरे लिए प्रेमाग्नि, जिसने मुझे जलाया तो नहीं, पर भस्म कर दिया मेरे अन्तर्मन को... #प्रेम #प्रेमाग्नि #अंतर्मन #अन्तर्मन #भस्म
Govind Singh
“नमकीन” आंसुओं से लेते हैं और ग़म की “शराब” पीते हैं “नशा” नस-नस में रमता है होठों को हाथ से “सीते” है आंखों में “आग” होती है आंसू “अनाथ” होते हैं दिल की “भस्म” को माथे पे लगा के “जीते” हैं नमकीन आंसुओं से लेते हैं और ग़म की शराब पीते हैं.. ©Govind Singh #Anger #आंसू #शराब #गम #भस्म
विष्णुप्रिया
सुनो शिव...!!! वादा करो... हाँ मैं जलना चाहती हूं चिता सम, पूर्ण चेतना में.... #yqdidi #शिवप्रेम #भस्म #पारिजात #विष्णुप्रिया #हिंदी_कोट्स #आत्मबोध