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Bunty Kumar

#आज़ादयुवासमाज मेरा देश हरा भरा

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Gumnam Shayar Mahboob

अभी भी जख्म भरा पड़ा है 
सुखा नहीं है हरा पड़ा है 
सब भूलकर कर रहा गुफ्तगू
गिला शिकवा सब धरा पड़ा है #जख्म #हरा #भरा #गुफ्तगू 
#गिलाशिकवा #धरा #गुमनाम_शायर_महबूब 
#gumnam_shayar_mahboob

Vikash Mehra KD

मेरी डायरी मेरा गांव

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शहर आज तू जंहा अपनी सुन्दरता की डिंगे हांकता है ना..,
वहीं पर कभी हमारे पीपल की छांव थी।
यही पर होती थी कच्ची गली मेरे गांव की।। मेरी डायरी मेरा गांव

Vikash Mehra KD

मेरी डायरी मेरा गांव

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देखी......,
 झूठी शान शहर की ,
मुझे घमंड हुआ है,
की मै गांव का,
एक मासूम 
लड़का हूं।। मेरी डायरी मेरा गांव

Vikash Mehra KD

मेरी डायरी मेरा गांव

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ए अमीरजादों,
अपने पैसों के घमंड में,
ये मत भूलना,
 मेरे गांव का किसान ही,
 अपनी मेहनत से ,
तुम्हे दो वक्त की रोटी,
नसीब करवाता है।। मेरी डायरी मेरा गांव

Abhishek Chaturvedi

मेरा #गांव तेरा #शहर #कविता

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मेरा गांव तेरा शहर मेरा #गांव तेरा #शहर

Abhishek Chaturvedi

मेरा #गांव तेरा #शहर

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मेरे गांव में रात्रि काली है,
लेकिन मन उजियारा है,
तेरे शहर में रात्रि उजियारी है,
लेकिन मन काला है। मेरा #गांव तेरा #शहर

Abhishek Chaturvedi

मेरा #गांव तेरा #शहर

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मेरे गांव में चूल्हा है,
लेकिन कोई ना भूखा है,
तेरे शहर में गैस है,
लेकिन खाने का क्लेश है। मेरा #गांव तेरा #शहर

Vikash Mehra KD

मेरी डायरी मेरा गांव #कहानी

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मालूम है मुझे .......,
मै थोड़ा बेवकूफ हूं,थोड़ा अनाड़ी हूं,
नरवाणा का थोड़ा देसी जुगाड़ी हूं ।
पर यकीन मानिए,
मुझे फ्कर है कि में छोटे से गांव
खानपुर से ओहि गामडू हूं ।। मेरी डायरी मेरा गांव

अमित अनुपम

#मेरा गांव मेरी बात

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मेरा गांव (द्वितीय भाग)
चाचा जाते जब भी बाजार
खिलौने पर होता मेरा अधिकार।
चाची के आंचल में छिपकर।
था बचता मैं बदमाशी कर।
नानी की वो लम्बी कहानी
सुन आ जाती निंदिया रानी।
नाना का वो अपनापन
सानिध्य में पुलकित होता मन।
मंदिर के घंटों की आवाज।
सफल होते जिससे हर काज।
मस्जिदों से जो होती अज़ान।
समय का हो जाता था ज्ञान।
गुरुद्वारा के दर पर आकर
होता भूखा तृप्त भोजन पाकर।
गिरिजाघर की वो ऊंचाई।
थे याद कराते सब भाई भाई।
                       अमित अनुपम
                  जारी है अगले भाग में #मेरा गांव मेरी बात
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