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Shekhar suman Meghwal
मुझे आज भी याद है अरब की। उन शहज़ादियों का वो पर्दानशी होकर चलना । हररोज़ चेहरे का नकाब बदलना , बुर्क़े मे भी अजब ज़माल लगती थी वो । मैं मक्का की सड़कों पर जब भी टहलने को निकलता मुझे हंसकर पास बुलाती थी वो । मैं गुलशन में बैठने हरशाम जाया करता था, सदियां गुज़रेगी मैं न भूलूंगा उसे वो न भूलेगी मुझे ऐसा मुझसे कहा करती थी वो। मै दोपहर को जब उसके घर के रास्ते होकर गुजरता अपने घर की खिड़कियों के परदे से चुपके से मुझे देखा करती थी वो। जब सारा आसमान सितारों से सजा होता और चाँद भी पूरा होता ऐसी चांदनी रात में मुझसे मिला करती थी वो।। लेखक = शेखर सुमन मेघवाल (पुष्कर) Write by shekhar suman meghwal ©Shekhar suman Meghwal तर्ज
परशुराम वशंज
कौन कौन चाहता है कि रामानंद सागर की रामायण फिर से सभी चैनलों पर दिखाई जाये जिससे नयी पीढी धर्म से जुड़ सके, जय श्री राम #रामायण
Aakash Gupta
बड़े होने की होड़ में छूट गया था वो बचपन, यादें ताज़ा हो गईं जब वो किरदार पुराने देखे #रामायण #रामायण
P.Kumar
आज NETFLIX & Amazon prime धरा का धरा रह गया जब दूरदर्शन पे रामायण का प्रसारण हुआ, इससे पता चलता है हमारी भारतीय संस्कृति में कुछ तो चमत्कार है जो एक पल में विदेशी अवधारना को दरकिनार करती है । रामायण
The Diary Talkies
रामायण हमारा इतिहास सीता हरण के साक्ष्य: रावण द्वारा सीता हरण करके श्रीलंका जाते समय पुष्पक विमान का मार्ग क्या था? उस मार्ग में कौनसा वैज्ञानिक रहस्य छुपा हुआ है ? उस मार्ग के बारे में लाखों साल पहले कैसे जानकारी थी ? पढ़ो इन प्रश्नों के उत्तर वामपंथी इतिहासकारों के लिए मृत्यु समान हैं। भारतबन्धुओ! रावण ने माँ सीता का अपहरण पंचवटी (नासिक. महाराष्ट्र) से किया और पुष्पक विमान द्वारा हम्पी(कर्नाटक), लेपक्षी(आँध्रप्रदेश ) होते हुए श्रीलंका पहुंचा। आश्चर्य होता है जब हम आधुनिक तकनीक से देखते हैं की नासिक, हम्पी लेपक्षी और श्रीलंका बिलकुल एक सीधी लाइन में हैं। अर्थात ये पंचवटी से श्रीलंका जाने का सबसे छोटा रास्ता है। अब आप ये सोचिये उस समय Google Map नहीं था जो Shortest way बता देता। फिर कैसे उस समय ये पता किया गया की सबसे छोटा और सीधा मार्ग कौनसा है ? या अगर भारत विरोधियों के अहम संतुष्टि के लिए मान भी लें की चलो रामायण केवल एक महाकाव्य है जो वाल्मीकि ने लिखा तो फिर ये बताओ की उस ज़माने में भी गूगल मैप नहीं था तो रामायण लिखने वाले वाल्मीकि को कैसे पता लगा की पंचवटी से श्रीलंका का सीधा छोटा रास्ता कौनसा है? महाकाव्य में तो किन्ही भी स्थानों का ज़िक्र घटनाओं को बताने के लिए आ जाता। लेकिन क्यों वाल्मीकि जी ने सीता हरण के लिए केवल उन्ही स्थानों का ज़िक्र किया जो पुष्पक विमान का सबसे छोटा और बिलकुल सीधा रास्ता था? ये ठीक वैसे ही है की आज से 500 साल पहले गोस्वामी तुलसीदास जी को कैसे पता की पृथ्वी से सूर्य की दूरी क्या है? (जुग सहस्त्र जोजन पर भानु = 152 मिलियन किमी -हनुमानचालीसा), जबकि नासा ने हाल ही कुछ वर्षों में इस दूरी का पता लगाया है। अब आगे देखिये... पंचवटी वो स्थान है जहां प्रभु श्री राम, माता जानकी और भ्राता लक्ष्मण वनवास के समय रह रहे थे। यहीं शूर्पणखा आई और लक्ष्मण से विवाह करने के लिए उपद्रव करने लगी विवश होकर लक्ष्मण ने शूपर्णखा की नाक यानी नासिका काट दी। और आज इस स्थान को हम नासिक (महाराष्ट्र) के नाम से जानते हैं। Swipe Next➡ रामायण
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वैसे सची बताऊं तो रामायण अब जाकर देखी है ढंग से मैंने, बचपन में तो पूरा ध्यान बाण की लाइट और किसका बाण गायब हुआ इसी में रहता था!! ꧁ঔৣ☬✞deepak✞☬ঔৣ꧂ #रामायण
Parasram Arora
सतयुग की रामायन्न क़ो कलयुग तक किसी तरह खींच लाये हैँ हम और इस लम्बी यात्रा मे राम हमसे बिछड़ गया हैँ लेकिन रावण साथ चला आया हैँ ©Parasram Arora रामायण