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Sheetal Agrawal

ऐ खुदा 
 मुझे मेरी मस्ती में होश भूला दे।
अब तो
 हस्ती मिटा इस आदम की ,
दरवेश बना दे।।
(दरवेश=सन्त,फ़कीर) #दरवेश

Biikrmjet Sing

1. फरीदा काले मैंडे कपड़े काला मैंण्डा वेस।। गुनहीँ भरिआ मै फिरां लोक केहेन दरवेश।। 2. दर्वेषां नु लोडीये रूखां दी जीरांद।।

अर्थ:- बाबा फरीद जी मन को सम्बोधित हो कर कहते हैं हे फ़रीद तेरे मन रूपी कपड़े पर कालिख चड़ गयी है विकारों की और मन काला श्याह हो गया है जो के देखने में भी दृष्टि द्वारा नाक के उस point पर फ़ोकस करके दोनों आँखों से देख सकते हैं जहाँ से श्वास आ रहा है।। मैं तो अपने अंदर अनेकों विकारों को लिए घूम रहा हूं और लोक मुझे निराकार के दर पर मन के ध्यान द्वारा बैठने वाला दरवेश समझ रहे हैं।। 2. जो परमात्मा के दर पर मन के ध्यान द्वारा बैठने का चाव रखते हैं तो मिलन के लिये उन्हें वृक्षों जैसा ठहराव-धीरज रखने की जरूरत है।। क्योंकि जैसे वृक्ष अपने ऊपर सभी मौसम झेल कर अडोल खड़े रहते है वैसे ही धीरज की मन को जरूरत है।।

©Biikrmjet Sing #दरवेश

{¶पारसमणी¶}

आप दुनिया के तमन्नाई हैं तो दूर रहे, 
इश्क दरवेश बना देता है,इंसानों को!

🌹पागल/शायर/शु!भ🌹 #इश्क़ #ए #दरवेश

अज्ञानी

अपने आप को खुद से मिटाना है
याद आया, तुझे भुलाना है । 

सफर हो जटिल कितना भी
परवाह नही, मुझे खुद से दूर जाना है ।

ख्वाबों के कैदखाने मे कैद थे दोनों
होना था जुदा, आज़ादी तो बहाना है ।

मुद्दतों में नही थे हम उनके, हमे पता है
इंतजार मे ही जिन्दगी गुनगुनाना है ।

ख्वाहिश बड़ी थी, हमारे प्यार की मुझे
पूरी न होंगी कभी, क्योंकि तुम्हे जिताना है #yqdidi #love #भुलाना #मिटाना #बहाना #ghazal #yqbhaijan #गज़ल

Naman Chaturvedi

नमन चतुर्वेदी #Music

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कभी हवा कभी फूल तो कभी खुशबू दिखाई देता है 
नशा है तेरा हर चहरे में तू दिखाई देता है

©Naman Chaturvedi नमन चतुर्वेदी

Arpit Mishra

माखनलाल चतुर्वेदी #Poetry

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प्राणों की मसोस, गीतों की-
कड़ियाँ बन-बन रह जाती हैं,
आँखों की बूँदें बूँदों पर,
चढ़-चढ़ उमड़-घुमड़ आती हैं!
रे निठुर किस के लिए
मैं आँसुओं में प्यार खोलूँ?
बोल तो किसके लिए मैं
गीत लिक्खूँ, बोल बोलूँ?
        - माखनलाल चतुर्वेदी

©Arpit Mishra माखनलाल चतुर्वेदी
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